Rani Kamalapati Railway Station inauguration: कार्ड बंटने के बाद Railway ने हटा दिए कांग्रेस-भाजपा के नौ नेताओं के नाम
बीजेपी के विरोध के आगे Railway ने Rani Kamalapati Railway Station inauguration का कार्ड ही तब्दील कर दिया। प्रोग्राम से चंद घंटों पहले दिग्विजय सिंह, एमजे अकबर समेत कई नेताओं के नाम हटा दिए गए।कार्ड में सिर्फ प्रधानमंत्री मोदी, राज्यपाल मंगुभाई छगनभाई पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केन्द्रीय रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव के नाम ही रखे गए।
प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को भोपाल में रानी कमलापति रेलवे स्टेशन का उद्घाटन किया। इस स्टेशन का नाम पहले हबीबगंज रेलवे स्टेशन था। अब इसे बदलकर अब रानी कमालपति स्टेशन कर दिया गया है। स्टेशन एयरपोर्ट जैसी वर्ल्ड क्लास सुविधाओं के साथ तैयार किया गया है।
भोपाल के गोंड साम्राज्य की रानी के नाम पर बने स्टेशन में आधुनिक विश्व स्तरीय सुविधाओं के साथ सभी प्लेटफार्म को जोड़ने वाला सेंट्रल कॉनकोर्स बनाया गया है।
रानी कमलापति रेलवे स्टेशन के लोकार्पण समारोह से विवाद भी जुड़ गया है। लोकार्पण समारोह के लिए आमंत्रण कार्ड को बांटने के बाद रेलवे ने उसे बदल दिया है। सूत्रों का कहना है कि तब्दीली बीजेपी की आपत्ति के बाद की गई। देर रात यह फैसला लिया गया। कार्ड बंटने के बाद रेलवे ने कांग्रेस-भाजपा के नौ नेताओं के नाम हटा दिए।
रेलवे ने रानी कमलापति रेलवे स्टेशन के लोकार्पण के आमंत्रण कार्ड में प्रधानमंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, केन्द्रीय रेलवे मंत्री समेत कांग्रेस-भाजपा के 13 जनप्रतिनिधियों के नाम शामिल किए थे। रेलवे ने कांग्रेस के विधायकों के नाम जोड़ने का तर्क दिया कि रेलवे ट्रैक उनके विधानसभा क्षेत्र से होकर जा रहा है।
कांग्रेस ही नहीं बल्कि बीजेपी नेताओं के नाम भी कार्ड में से हटा दिए गए। सिर्फ प्रधानमंत्री मोदी, राज्यपाल मंगुभाई छगनभाई पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केन्द्रीय रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव के नाम ही रखे गए।
बताया जाता है कि कार्ड में से चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग, सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर, सांसद रमाकांत भार्गव, राज्यसभा सांसद एमजे अकबर, कांग्रेस से राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह, भाजपा विधायक कृष्णा गौर, कांग्रेस विधायक आरिफ अकील, कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद और भाजपा विधायक सुरेन्द्र पटवा का नाम हटा दिया गया।
बताया जाता है कि बीजेपी की आपत्ति के बाद रेल मंत्री ने अधिकारियों को फटकार लगाई। इसके बाद कार्ड में बदलाव कर इसे दोबारा वितरित किया गया।