हे कृष्ण कन्हैया, हे गोपाल: गौ माता के सम्मान और रक्षण का आह्वान
हे गोपाल: यह कविता (हे गोपाल: A Divine Call for Gau Mata Protection and Respect) विशेष रूप से गौ माता की वर्तमान स्थिति और उसके सम्मान की पुनःस्थापना के लिए एक मार्मिक आह्वान करती है। प्रस्तुत कविता में करुणा, पीड़ा और जागरूकता का समावेश है, जो इसे न केवल भावनात्मक रूप से बल्कि सामाजिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत प्रासंगिक बनाता है।
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