Bareilly: आंवला लोकसभा सीट पर दो पर्चे दाखिल करने के मामले में बसपा प्रत्याशी आबिद अली की तहरीर पर FIR, ड्राइवर ने खोली पोल
Bareilly विवाद, नैतिकता, और कई ऐसे मामले हैं जिन्हें हमारे समाज में देखा जा सकता है, जो कि न केवल न्यायिक मामले हैं, बल्कि इनका सामाजिक प्रभाव भी बहुत गहरा हो सकता है। यही हाल है बरेली के आंवला लोकसभा सीट पर हुए मामले का, जिसमें बसपा प्रत्याशी आबिद अली की तहरीर पर उन्हें बसपा प्रत्याशी बताने वाले तथाकथित सत्यवीर सिंह और सपा प्रत्याशी नीरज मौर्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने की खबर है।
आंवला लोकसभा सीट पर दो पर्चे दाखिल करने के मामले में बसपा प्रत्याशी आबिद अली की तहरीर पर खुद को बसपा प्रत्याशी बताने वाले तथाकथित सत्यवीर सिंह और सपा प्रत्याशी नीरज मौर्य पर एफआईआर दर्ज हुई है. दोनों के खिलाफ धारा 120बी, 420, 467, 468, 471, लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950, 1951, 1989 की धारा 125 ए के तहत सदर कोतवाली बरेली में मुकदमा दर्ज किया गया है.
दरअसल, इस मामले में शाहजहांपुर के जलालाबाद निवासी सत्यवीर सिंह और सपा प्रत्याशी नीरज मौर्य के खिलाफ पुलिस के आला अधिकारियों के निर्देश पर एफआईआर का आदेश हुआ था. आरोप हैं कि आंवला से सपा प्रत्याशी नीरज मौर्य ने बसपा के फर्जी प्रत्याशी सत्यवीर सिंह को चुनाव में खड़ा किया और फर्जी सिंबल और लेटर बनवाया. जिसके बाद सत्यवीर ने अपना पर्चा दाखिल किया.
बरेली के आंवला लोकसभा सीट पर बसपा के दो पर्ची दाखिल हुए थे, जिसमें पहला पर्चा आबिद अली के द्वारा भरा गया था और दूसरा पर्चा सत्यवीर सिंह द्वारा दाखिल किया गया था. जब दोनों के पर्चे कैंसिल होने की बात सामने आने लगी, तब बसपा जिला अध्यक्ष राजीव कुमार सिंह ने कहा कि हमारा प्रत्याशी आबिद अली है. इतना ही नहीं बसपा सुप्रीमो मायावती ने बाकायदा एक लेटर जारी किया और रिटर्निंग अफसर के यहां जमा किया गया. रिटर्निंग अफसर ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बसपा सुप्रीमो से बात की. इस दौरान मायावती ने आबिद अली को ही बसपा का प्रत्याशी बताया. इसके बाद आबिद अली का पर्चा स्वीकार कर लिया गया.
जब इस बात की तहरीर देने बसपा प्रत्याशी सदर कोतवाली पहुंच रहे थे, तभी रास्ते में एक कार को बसपा प्रत्याशी के समर्थकों ने पकड़ लिया और थाने लेकर आए. थाने में जब पूछा की गई तब गाड़ी ड्राइवर ने बताया कि वह नीरज मौर्य का ड्राइवर है और उसके साथ सत्यवीर सिंह आए थे और अपना पर्चा दाखिल किया था. इस बात की जानकारी बसपा प्रत्याशी को होते ही उन्होंने थाने में तहरीर दी. जिसके बाद सत्यवीर और सपा प्रत्याशी नीरज मौर्य के खिलाफ गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई.
इस मामले में यह आरोप लगाया गया है कि सपा प्रत्याशी नीरज मौर्य ने बसपा के फर्जी प्रत्याशी सत्यवीर सिंह को चुनाव में खड़ा किया और फर्जी सिंबल और लेटर बनवाया। जिसके बाद सत्यवीर ने अपना पर्चा दाखिल किया। इसके बाद आबिद अली का पर्चा स्वीकार कर लिया गया। यह मामला न केवल नैतिकता की मुद्दा है, बल्कि यह चुनावी प्रक्रिया और देश की लोकतंत्र में भरोसा घातक हो सकता है।
इसके अलावा, एक और मामला है जो सिकंदराराऊ में हुआ है, जहां एक विवाहिता के शव का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। तहरीर के आधार पर पति सहित छह लोगों के खिलाफ दहेज हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है। यह एक गंभीर और दुखद मामला है जो हमारे समाज में अभी भी मौजूद है।
इन मामलों से हमें यह सिखने को मिलता है कि हमारे समाज में अभी भी कई समस्याएं हैं, जिन्हें हमें सुलझाना होगा। न्याय की दिशा में कदम बढ़ाने के लिए हमें सभी मिलकर काम करना होगा। इससे न केवल समाज में न्याय का स्थायीकरण होगा, बल्कि हमारी सोच में भी एक सकारात्मक परिवर्तन आएगा।