उत्तर प्रदेश

Etawah: ऑनलाइन गेम हार के बाद छात्र ने बनाई अपनी ही अपहरण की कहानी, पुलिस ने किया गिरफ्तार

Etawah: एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां बीएससी के एक छात्र ने करीब 5 लाख रुपए को ऑनलाइन गेम में हार जाने के बाद अपनी ही अपहरण की कहानी बना ली है. यह रकम उसकी बहन की शादी के लिए रखी गई थी. ऑनलाइन गेम में हारने के बाद, छात्र ने अपनी ही अपहरण की झूठी कहानी बनाई है.

ऑनलाइन गेम में करीब 5 लाख रुपए हारने के बाद परिजनों की डांट से घिरे बीएससी के छात्र के साथ, पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया है. यह सभी घटना इटावा जिले के फ्रेंड्स कॉलोनी इलाके में हुई है. पुलिस को जब बीएससी छात्र के अपहरण की जानकारी मिली तो वे तत्परता से कार्रवाई करने में उतरीं. गहनता के साथ खोजबीन शुरू करने पर पता चला कि छात्र ने खुद को आत्महत्या के लिए तैयार किया था.

लेकिन बीएससी छात्र के भाई और अन्य परिजनों ने पुलिस को बताया कि अपहरण नहीं, बल्कि छात्र ने खुद को अपहरण का झूठा माम बनाया है. एसपी सिटी और सीओ सिटी की निर्देशन में गहनता के साथ खोजबीन करती हुई, पुलिस ने छात्र को बरामद कर लिया है. इटावा के एसपी संजय कुमार ने बताया कि बीएससी छात्र ने अपनी ही अपहरण की कहानी बनाई थी. उसकी बहन की शादी के लिए परिवार ने उसके खाते में करीब 5 लाख रुपए जमा किए थे, जो उसने ऑनलाइन गेम में हार दिए.

इसके बाद छात्र ने मामा से 60,000 रुपए मांगे और फिर जुआ खेला. 5,60,000 रुपए की हार के बाद, परिवारीजनों को इसकी जानकारी मिली और उन्होंने बीएससी छात्र को जमकर पिटाई की. इसके बाद छात्र ने अपने भाई और चचेरे भाई के साथ मिलकर अपहरण की कहानी बनाई. एक जनवरी रात करीब नौ बजे, शिवम यादव ने यूपी 112 पर सूचना दी कि उसके चचेरे भाई अंकित यादव को अपहरण किया गया है. उसकी सूचना मिलते ही, पुलिस ने तत्काल थाना पुलिस ग्राम घूघलपुर पहुचाई और उसकी खोज की। इसके नतीजे स्वरूप, बीएससी छात्र को बरामद कर लिया गया है।

आजकल के समय में ऑनलाइन गेमिंग और जुआ के शौक बहुत से युवा और छात्रों के बीच में एक गंभीर समस्या बन गई है. उनकी लाभांकुशी के लिए लगातार बढ़ती इस आदत के कारण, कई युवा अपने जीवन को खतरे में डाल रहे हैं.

ऑनलाइन गेमिंग में हार जाने के बाद, विशेषकर जुआ और जुआखोरी की वजह से कई युवा अपने परिवार से उबार नहीं पा रहे हैं. इसका आसरा सबसे ज्यादा उनके मानसिक स्वास्थ्य पर हो रहा है. जीवन में असफलता और आत्महत्या की रिपोर्ट्स में वृद्धि हो रही है, जो इस समस्या की गंभीरता को दर्शाती है.

इस स्थिति में परिवारों को भी बड़ा ही संघर्ष का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि वे अपने प्रियजनों को ऐसे कठिन परिस्थितियों से बाहर निकालने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. समाज में इस तरह की आदतों के कारण गृहस्थ जीवन में तनाव और असमंजस का सामना करना पड़ रहा है.

इस समस्या का समाधान समाज में जागरूकता और शिक्षा में ही है. युवा और छात्रों को सही दिशा में मार्गदर्शन के लिए संबंधित प्राधिकृतियों और शिक्षा विभागों को साकारात्मक योजनाएं बनानी चाहिए. समाज को भी इस समस्या के प्रति सतर्क रहना चाहिए और आत्महत्या और मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को लेकर जागरूकता फैलानी चाहिए।

इसके अलावा, सरकार को इस समस्या के खिलाफ कड़ी कदमबद्धता दिखाने की आवश्यकता है, ताकि युवा और छात्रों को इस प्रकार की आदतों से बचाया जा सके और समाज में सकारात्मक परिवर्तन हो सके।

News-Desk

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