Hair growth: बालों को लम्बा और घना बनाए, झड़ने से रोकने की सूर्य चिकित्सा
Hair growth बालों को सुंदर बनाने के लिए सबसे पहले सूर्य किरण और रंग चिकित्सा के माध्यम से नीले रंग की कांच के बोतल में नारियल का तेल भरकर उसे सूर्य के प्रकाश में रखकर उसमें औषधीय गुण लाते हैं। इसके बाद इस तेल को प्रतिदिन नियमानुसार सिर के बालों में लगाना चाहिए। इससे बालों की जड़ें मजबूत होती है तथा बालों की चमक और सुंदरता बनी रहती है।
बालों को झड़ने से रोकने की सूर्य चिकित्सा:
बालों को ग्लिसरीन युक्त साबुन से गुनगुने पानी से धोकर सूर्य किरण और रंग चिकित्सा के माध्यम से नीले रंग की कांच के बोतल में नारियल का तेल भरकर उसे सूर्य के प्रकाश में रखकर उसमें औषधीय गुण लाते हैं। इसके बाद इस तेल से सिर की त्वचा की मालिश करनी चाहिए। सुबह के समय सूर्योदय होने के एक-दो घंटे के अंदर सूर्य के प्रकाश में नीले रंग के सैलोफिन कागज से पांच-दस मिनट तक बालों को सूर्य रोशनी देने से बालों के रोग और सिर की जुएं नष्ट हो जाती है जिससे बालों का गिरना आदि बंद हो जाता है।
बालों की सूखी रूसी :
बालों को सूखी रूसी से बचाने के लिए सबसे पहले शैम्पू का प्रयोग करना बंद कर देना चाहिए। इसके उपचार के लिए यह बहुत ही आवश्यक है। बालों को धोने से पहले सूर्य किरण और रंग चिकित्सा के माध्यम से तैयार नीले रंग की कांच के बोतल के नारियल के तेल को हल्का गर्म करके सिर की मालिश करनी चाहिए। इस तेल को बालों में इस प्रकार लगाना चाहिए कि कि तेल सिर से होता हुआ बालों तक पहुंच जाए। इसके बाद गर्म पानी में तौलिये को भिगोकर निचोड़कर भाप देनी चाहिए। इस प्रक्रिया को करने से सिर की रूसी ठीक हो जाती है। इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि सिर की पूरी त्वचा में तेल पहुंच जाए।
बालों की तैलीय रूसी :
ऐसी स्थिति में बालों में तेल की मात्रा कम कर देनी चाहिए तथा बालों को साबुन अथवा शैम्पू की बजाय खट्टे दही से धोना चाहिए। इसके बाद सूर्य किरण और रंग चिकित्सा के माध्यम से तैयार नीले रंग की बोतल का नारियल का तेल उंगली के अगले पोर से सिर की त्वचा पर लगाना चाहिए इससे बालों की जड़ों को पौष्टिक खुराक मिलती रहती है और बालों की तैलीय रूसी नष्ट हो जाती है।
सूर्य तप्त तेल तैयार करने की विधि–
अपने पसंद की किसी रंग की सूखी और साफ बोतल में नारियल या सरसों का तेल बोतल के लगभग 3 चौथाई भाग तक भर दें और उसके ऊपर कसकर ढक्कन लगा दें तथा बोतल को किसी लकड़ी के पटरे पर रख दें। इस बोतल को रोजाना 7-8 घंटों तक धूप में रखना चाहिए। इस बोतल को बाहर से रोजाना किसी सूखे कपड़े से पोंछ लें। इस बोतल के तेल में आप एक चम्मच अजवायन डाल सकते हैं।
बोतल को रोजाना दिन में 2 बार अच्छी तरह से हिलाना चाहिए। गर्मियों के मौसम में 40 दिन और सर्दियों के मौसम में 60 दिन तक इसे धूप में रखने से इस तेल में रोगों को और दर्द को दूर करने के गुण पैदा हो जाते हैं। इस तेल से नियमित रूप से मालिश करने से त्वचा मुलायम और चमकदार बनती है तथा कमजोर हडि्डयां मजबूत हो जाती है। रोगी के शरीर में जहां पर गठिया या जोड़ों का दर्द हो उस जगह इस तेल की मालिश करने से बहुत लाभ मिलता है।
लाल रंग की बोतल के तेल से मालिश करना सबसे अच्छा होता है तथा हरे रंग की बोतल का तेल दिमाग और बालों के लिए सबसे बेहतर होता है। जिस दिन शरीर में इस तेल की मालिश करें उस दिन साबुन नही लगाना चाहिए। इस तेल की सप्ताह में 2 बार मालिश करनी चाहिए। जहां तक हो सके इस तेल की मालिश सुबह 8 से 9 बजे के बीच में ही करनी चाहिए तथा मालिश के 10-15 मिनट के बाद तक धूप में ही लेटे रहना चाहिए
इसके बाद स्नान कर लेना चाहिए। धूप में लेटते समय आंखों को बंद कर लेना चाहिए ताकि सूर्य की किरणें आंखों को कोई नुकसान नही कर पाए। आंखों की रोशनी तेज करने के लिए केले के पत्ते या कोई भी दूसरा हरा पत्ता जैसे- पीपल आदि का पत्ता ले लें और उसमें आधे इंच का गोल सा छेद कर लें और अपनी दोनों आंखों पर एक-एक पत्ता रख लें और धूप में लेट जाएं, जब पत्तों के छेद में से सूर्य की किरणें आंखों पर पड़ती है तो इससे आंखों की रोशनी तेज हो जाती है और आंखों में चमक भी आ जाती है।