सौंदर्य निखारें होम्योपैथिक से
त्वचा पर होमियोपैथी चिकित्सा का चमत्कारिक प्रभाव होता है , यह सर्वविदित है । हमारे चेहरे का सौन्दर्य तथा व्यक्तित्व के लिए त्वचा की अहम भूमिका है । प्रत्येक व्यक्ति की पहचान उसके चेहरे से ही की जाती है ।
हमारा चेहरा हमारे पूरे शरीर का आईना होता है । चेहरे को सुन्दर तथा आकर्षक बनाने के लिए आदि काल से ही तरह तरह का उपचार किया जाता रहा है । यूं तो चेहरे का स्थाई सौन्दर्य एवं आकर्षण तो हमारे पूरे शरीर के स्वास्थ्य पर निर्भर करता है । सौन्दर्य की कोई उम्र नहीं होती । निम्नलिखित होमियोपैथिक दवाओं के उपयोग से चेहरे के सौन्दर्य तथा आकर्षण में बाधा उत्पन्न करने वाले समस्याओं का समाधान संभव है ।
1 . Berberis Aquifolium – यह दवा चेहरे पर , विशेषकर दोना गालों पर , काले भूरे दाग , जवानी के मुंहासा का पुराना दाग , चेहरा बड़ा जैसा नजर आना तथा त्वचा खुरदरी हो तो Ber Aq की 10 – 15 यूद 10 कप पानी में मिलाकर दिन में तीन बार लेने से तथा रात में सोने से पहले Berbaquia मिश्रित क्रीम लगा कर सोने तथा सुबह उठकर ठंडे पानी से चेहरा साफ कर लें । यदि उपयुक्त लक्षणों के साथ किसी महिला को मासिक श्राव के समय पेट में दर्द( Dysmenorrhoea ) और रजः श्राव Leucorrhoea की भी शिकायत हो तो Berbaqui के साथ साथ Caulophylum-Q नामक दवा मिलाकर 14 से 18 बूंद लिया जाना चाहिए इससे पुराना दाग के साथ सभी समस्याएं 10 -14 दिनों में समाप्त हो जायेगी और चेहरे पर भी निखार आ जायेगा ।जवानी में कील – मुंहासे के लिए लक्षणों के आधार पर निम्न दवाओं का भी प्रयोग किया जा सकता है ।
ये दवाएं हैं : 1 . Antim Crud 2 . Nux Vumica 3 . Ars Bron 4 . Sulpher 5. Conium 6. Cal Phos 7. Kali Ars 8. Kali Brom 9 . Ledum Pal उपर लिखे गए दवाओं में काली ब्रोम एक महत्वपूर्ण दवा है । जिससे लगभग 50 % मुंहासों में लाभ होता है । यह पाचन क्रिया को दुरुस्त करता है साथ ही साथ नींद में बड़बड़ाने , डरावने स्वप्न की प्रवृति में भी लाभ पहुंचाता है ।
2 . CimicifugaQ – यह दवा नवयुवतियों के मुंहासे में जिनकी मासिक से पहले पेट में दर्द , जो एक कुल्हे से दूसरे कुल्ले में जाय , मासिक श्राव की मात्रा कम हो तो Cimicifuga तथा Kali Brom के प्रयोग से लाभ होता है ।
3 . Sangunaria Can – यह दवा चेहरे की त्वचा की समस्या बाले ऐसी नवयुवती के लिए आवश्यक है जिनके मासिक समय से होता है लेकिन रक्त का प्राव सामान्य से कम होता है ।
4 . Spigelia – ललाट एवं चेहरे पर छोटी छोटी फुसीयाँ होता Spigelia दवा लाभप्रद होती है ।
5 . Sutpher – उमरदार स्त्री या पुरुष को चेहरे के किसी समस्या के लिए Kali brom से लाभ नहीं मिले तो उसके लिए Sulpher लाभकारी होता है ।
6 . Antim Crud – अगर फुन्सियां पीली आभा लिए हो तथा साथ ही साथ मरीज को पेट की समस्या रहती हो तो यह दवा राम – बाण की तरह काम करता है ।
7 . Ars Bron – खुजलाहट वाली कील मुंहासे की स्थिति में Arg Bron का प्रयोग करना लाभप्रद है ।
8 . Secale Cor – चेहरा अगर पूर्णत : या आंशिक काला हो गया हो तो Secalcor दें ।
9 . Dulcamara – पीव भरी फुनरी अगर हुने से चूभन महसूस हो तो Dulcamara दें ।
आँख के चारों ओर नीलापन रहने पर निम्न दवा लाभकारी है ।
1 . Acid Phos . 2 . Phosphorus 3 . Secal Cor4 . Cupram Met . 5 . Veretram 6 . Lachesis चेहरे के तिल के लिए निम्न दवा लाभकारी है । 1 . Carboneum sulph . 2 . Graphites 3 . Nat . Carb . 4 . Nit . Acid 5 . Selinium 6 . Sepia7 . Sulpher
चेहरा पीला बीमार जैसा मटमैल दिखे तो निम्न दवाओं का प्रयोग करे
1 . Arsalb2 . BufoJ . Lyco 4 . Carbo Veg 5 . china त्वचा सुन्दर रहे इसके लिए खान पान रहन सहन पर भी विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है । भोजन में आवश्यक तत्वों का रहना भी जरूरी है Vit . A , B , Nicotinic acid , Pyridoxin , Folic acid इत्यादि का त्वचा पर विशेष प्रभाव पड़ता है और इनकी कमी से बहुत सारे त्वचा रोग होते हैं । अतः खान – पान में दाल , फल , साग , सब्जी , फल , सोयाबीन , मटर , हरी सब्जियां एवं आतु का सेवन करें ।
खाद्य पदार्थ आम , इमली एवं मांसाहारी भोजन का सर्वथा त्याग करें । निरामिष भोजन एवं स्वच्छ वायु तथा व्यायाम भी अति आवश्यक है । यदि संभव हो तो ग्रीन स्टार फार्मा का एवरीडे कैप्सूल या बल वर्धक कैप्सूल का प्रयोग आप कर सकते हैं।
आपकी उम्मीद से कहीं ज्यादा फायदा देगा। सौन्दर्य के लिए शरीर के सभी अंग प्रत्यंग के साथ – साथ प्रान्तरीक सुन्दरता एवं स्वच्छता पर ध्यान देना होगा । जो कि व्यस्त जिन्दगी में सम्भव नहीं होता है । लेकिन प्रसंभव भी नहीं है ।
शारीरिक बनावट सही हो उस पर ध्यान देना होगा साथ ही नियमित व्यायाम एवं संतुलित भोजन आवश्यक है । मोटापा एवं दुबलापन हो तो उससे बचना होगा क्योंकि एक तरफ जहाँ मोटा आदमी बेडौल लगता है वहीं पतला आदमी बेजान तथा बेखौफ लगता है । अतः शरीर सुडौल रखना आवश्यक है इसके लिए शाकाहारी भोजन , फल , साग , रेशेदार सब्जी इत्यादि भोजन सबों के लिये उचित है ।
सारी सावधानियों के बाद भी दुबलापन और मोटापा के शिकार हो जाए तो होमियोपैथिक चिकित्सा द्वारा इसका निदान संभव है जो कि इस प्रकार है — मोटापा –सभी लोगों की आम धारणा यह है कि अधिक खाने पीने से मोटे होते हैं ।
इस तथ्य में सच्चाई जरूर है परंतु यह मेरे विचार से पूर्णता सत्य नहीं है । मोटापा शरीर के निरंतर चल रहे Metabolism को क्रिया के कारण भी होता है । मोटापा , मानसिक असंतुलन , अधिक विश्राम , खान – पान की अनियमितता , व्यायाम की कमी भी मोटापा हो सकती है ।
मोटापा धाइराइड के संतुलन से भी हो सकता है ।जरुरत है कारण खोजकर निदान पाने की । 1 . Phytolacca berry Q – यह मोटापा घटाने की मुख्य दवा है । इस दवा का प्रभाव वैसे व्यक्तियों पर होता है जिसके शरीर में अनियमित रूप से जहाँ – जहाँ मांस लोबड़े के भौति लटका रहता है। 2 . Calcarea carb : – यदि किसी व्यक्ति में ( Fare , fattys flabby Constitution हो तथा पसीना से किया भींगने का लक्षण और चेहरा एवं पेट चीदार तथा मोटा हो एवं हाथ पैर पतला होता है ।तब इस दवा का प्रयोग करना काफी उचित रहता है। 3 . Natrum carb : – इस दवा का मुख्य लक्षण पैर से उपर मोटापा तथा पैर से नीचे पतला होता है । इसमें चेहरे में अत्यधिक मोटापा होता है । 4 . Lycopodium : – इस दवा का प्रभाव वैसे पुरुषों पर जो कमर से उपर मोटा तथा कमर के नीचे फूला हुआ होता है साथ ही कमजोरी का एहसास होता रहता है । 5 . Graphites : – यह दवा उन व्यक्तियों के लिए लाभदायक है जिसमें मोटापा पूरे शरीर में समरूप होता है तथा fair , fattys flabby के साथ – साथ चर्म रोग से प्रस्त रहता है । 6 . Antim crud : – यह दवा नवयुवकों में आये मोटापा दूर करने के लिए उपयुक्त है । 7 . Thyroidinum : – रोगी की बजन थाइराइड ग्रन्धि के असंतुलित साव के कारण बढ़ती है । प्राकृतिक उपचार – शरीर को मोटापा से बचाने के लिए प्रातः भ्रमण , नियमित व्यायाम , संतुलित भोजन , फल एवं रेशेदार पदार्थों का सेवन और हल्का चीरहित भोजन काना तथा तेल , मसालेदार , चर्बीयुक्त भोजन का परित्याग करना चाहिए साथ ही प्राणायाम , कपालभांति इत्यादि करना चाहिए ।
2 दुबलापन
अत्यधिक दुबलापन भी रोग सूचक है । अच्छा भोजन , अच्छी नींद के बावजूद अगर सेहत नहीं बन पाए तो चिकित्सक से परामर्श लेनी चाहिए । शारीरिक जांच करवाकर चिकित्सा करा लेना चाहिए । किसी रोग के बजह से पतलापन हो तो उस रोग को दूर कर लेनी चाहिए एवं उचित दवा लेनी चाहिए अगर मानसिक तनाव हो तो उसे दूर कर खुश रहना चाहिए ।1 . Secal cor – रोगी दुबली – पतली , कमजोर शरीरों की होती हैं । हड्डियां निकली हुई, शरीर पर शरीर पर झुर्रियां पड़ी हुई ,मांस मज्जा बहुत कम, गर्भाशय की तकलीफ के साथ-साथ बाहर की त्वचा ठंडी पर अंदर जलन महसूस होता है । 2 . Nux Vum : – कब्ज , गुस्सा , चिड़चिड़ापन तथा पाचन की गड़बड़ी के कारण अस्वस्थता हो तो यह औषधि काम आता है । 3 . China : – किसी प्रकार का प्राव अधिक हो जाने के बाद सेहत नहीं बने तो इस दवा का प्रयोग उपयोगी है । 4 . Nat . Mur : – चिड़चिड़ापन , गुस्सा के साथ – साथ नमक खाने की अधिक प्रवृति हो तो यह दवा लें । प्राकृतिक उपचार – नियमित व्यायाम , प्राणायाम , संतुलित भोजन , दूध , दही , फल एवं शक्ति बर्द्धक सूखा फल जैसे काजू , किसमिस इत्यादि समय से ग्रहण करने पर स्वास्थ्य ठीक रहता है । ‘
3 . चेहरे की सुंदरता
खुबसूरती का महत्वपूर्ण आइना है ” चेहरा ” इस चेहरे की खुबसूरती को कायम रखने के लिये संतुलित भोजन , व्यायाम , प्राणायाम के साथ – साथ आंतरिक विचारों की सुन्दरता से ही चेहरे की सुन्दरता कायम रहती है । विचारों के दुषित होने से , खान – पान के असंतुलित होने से , रक्त के अशुद्ध होने से , अत्याधिक तेल मसाला के सेवन से चेहरे पर मुंहासा हो जाता है । सभी का त्वचा एक तरह का नहीं होता है । त्वचा तीन तरह के होते हैं : 1 . सामान्य त्वचा : – इसमे किसी तरह की परेशानी नहीं होती है । 2 . सूखी त्वचा : – इस त्वचा वाले को मुर्झायापन , सूखापन का सामना करना पड़ता है । 3 . तैलीय त्वचा : – इस प्रकार के त्वचा वाले काफी परेशान होते हैं झुर्रियाँ जल्द नहीं पड़ती पर मुंहासा , दाना , काला धब्बा अधि क परेशान करता है ।
होमियोपैथिक उपचार :
1 . Cal . Pic . : – बालकों के मुंह पर छोटी फुनियाँ हों तो । 2 . Cal . Phs . : – & Mag mur : – बालिकाओं के मुंह पर छोटी – छोटी मुंहासा हों तो । 3 . Anthracinum : – चेहरे के मुंहासे में अत्याधिक जलन हों तो । 4 . Sulph . lod . : . चेहरे पर बड़े – बड़े दर्दनाक मुंहासों के लिए । 5 . Cicuta : – चेहरे पर छोटे – छोटे फोड़े मुंहासें हो तो । 6 . Antim Tart & H . S . : – पीव भरे मुंहासे में । 7 . Variolinum : – चेचक के दाग को ठीक करने के लिए । 8 . Kall bron : – यह मुंहासा की अचूक प्रौषधि है । 9 . Ant Crud : – छोटे – छोटे नुकीले दाने जो छूने घर कड़ा हो । 10 . Pulsatila – बढ़ती जांबानी में बहुत शर्माले लड़के – लड़कियों को चर्बीयुक्त तैलीय पदार्थ खाने से मुंहासे निकले तो । प्राकृतिक उपचार : – अत्यधिक फल , रस , सलाद तथा नींबू यूक्त पानी का सेवन करना चाहिए । मुल्तानी मिट्टी एवं गुलाब जल का लैप लगाना चाहिए ।
4 . होठों की सुन्दरता
होठ पूरे चेहरे का मुख्य आकर्षण केन्द्र है । आंख और चेहरा कितना भी आकर्षक क्यों न हो , यदि होठों पर किसी प्रकार का विकार है तो सारा सुन्दरता फीका पड़ जाता है । होठों के बदसूरती का कारण है – कब्ज , विटामिन की कमी , दवा का दुष्प्रभाव इत्यादि । 1 . सर्दी के समय होठ में दरार हो तो – Staphisigaria 2 . मुंह का किनारा फटने पर – Nit . Acid , Silicea , Candurango 3 . मासिक के समय मुंह का किनारा फटे तो – Kreosote 4 . होंठ पीला पड़ना – Ars alb 5 . भूरा दाग उपरी होंठ पर पड़ना – Nat Carb 6 . खुरदुरा मुंह के चारों ओर – Phosphorus 7 . होंठ मोटा होने पर – Mezerium , Syphlinum 8 . मुंह के चारों ओर मस्सा – Psorinum
5 . साँवतापन दूर करने के लिए
त्वचा का सांवलापन दूर करने के लिये निम्नलिखित औषधियों का उपयोग किया जा सकता है । 1 . lodium : – त्वचा का रंग साफ करने के लिए । 2 . Berb . Aq . : – चेहरा में निखार लाने के लिए । 3 . Helleborus : – झुर्रियां दूर करने के लिए ।
प्राकृतिक उपचार : – कच्चा दूध में हल्दी मिलाकर बादाम गिरी के साथ पीस कर लगाने से चेहरे में सुन्दरता आती है ।
6 . बालों की सुन्दरता
सुन्दरता कायम रखने के लिये बालों का सुन्दर होना , काला होना , असमय न झरना , असमय न पकना प्रति प्रावश्यक है । बालों की समस्या पेट न साफ रहने से , पानी की कमी से , हरी साग सब्जी के अभाव से आती है । अत : इससे बचना चाहिए । होमियोपैथिक उपचार : 1 . Borax : – उलझे बालों से निजात पाने के लिये । 2 . Kali iod : – दो मुंह वाले बालों से निजात पाने के लिए । 3 . Phos acid : – यदि कमजोरी की वजह से बाल झड़े तो । 4 . Thuja : – यदि रूसी के कारण झडे तो । 5 . Mezerium : – रूसी के कारण सिर में खुश्की एवं खुजली हो तो । 6 . Selenium : – आँख , भौं , मूंह तथा ज्ञानेन्दियों का बाल झड़े तो ।7 . Acid flour : – बाल यदि रूखे , कमजोर एवं बेजान हो तो । 8 . Phosphorus : – बाल अगर गुच्छों में गिरे तो । 9 . Lachesis – गर्भावस्था में बाल झड़े तो ।
प्राकृतिक उपचार : – बालों की समस्याओं को दूर करने के लिए आँवला शिकाकाई को रात्रि में लोहे के बर्तन में मेंहदी के साथ फुलाकर सवेरे पीसकर लगाने से सारी समस्या दूर हो जाती हैं ।
डॉ वेद प्रकाश
नवादा (बिहार)