भारत और Saudi Arabia के युवराज एवं प्रधानमंत्री Mohammed bin Salman Al Saud ने किया आतंकवाद रोकने का आह्वान
भारत और Saudi Arabia ने सोमवार को राष्ट्रों से अन्य देशों के खिलाफ आतंकवाद के इस्तेमाल को खारिज करने और आतंकवादी कृत्यों के लिए मिसाइल और ड्रोन सहित हथियारों तक पहुंच को रोकने का आह्वान किया.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को कहा कि भारत में विभिन्न क्षेत्रों में सऊदी अरब का निवेश बढ़ाने के पर्याप्त अवसर हैं. यहां राष्ट्रपति भवन में Saudi Arabia के युवराज एवं प्रधानमंत्री Mohammed bin Salman Al Saud का स्वागत करते हुए, मुर्मू ने कहा कि सऊदी अरब भारत के सबसे महत्वपूर्ण रणनीतिक भागीदारों में से एक है. उन्होंने पिछले कुछ वर्षों में भारत और सऊदी अरब के बीच द्विपक्षीय संबंध और मजबूत होने पर खुशी जताई.
राष्ट्रपति मुर्मू ने युवराज Mohammed bin Salman Al Saud के सम्मान में भोज का भी आयोजन किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि आधुनिक दुनिया में, भारत और सऊदी अरब सांस्कृतिक अनुभव और आर्थिक तालमेल साझा करते हैं, तथा एक शांतिपूर्ण एवं टिकाऊ दुनिया के प्रति प्रतिबद्धता साझा करते हैं. राष्ट्रपति ने कहा, ‘ये हमें स्वाभाविक भागीदार बनाते हैं.’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सऊदी अरब के युवराज मोहम्मद बिन सलमान की सह-अध्यक्षता में भारत-सऊदी रणनीतिक साझेदारी परिषद की पहली बैठक के बाद जारी एक संयुक्त बयान में दोनों पक्षों ने अफगानिस्तान में सुरक्षा एवं स्थिरता और एक समावेशी सरकार के गठन के महत्व पर जोर दिया, जो अफगान लोगों के सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व करती हो. दोनों नेताओं ने अफगानिस्तान को आतंकवादी और चरमपंथी समूहों के लिए एक मंच या सुरक्षित पनाहगाह के रूप में इस्तेमाल नहीं करने देने पर भी जोर दिया.
संयुक्त बयान के मुताबिक, आतंकवाद और इसके वित्तपोषण से निपटने के क्षेत्र में सुरक्षा सहयोग को मजबूत करने के महत्व पर प्रकाश डालते हुए दोनों नेताओं ने सहमति व्यक्त की कि आतंकवाद किसी भी रूप में मानवता के लिए सबसे गंभीर खतरों में से एक है.
संयुक्त बयान में कहा गया, ‘दोनों नेता इस बात पर सहमत हुए कि किसी भी कारण से आतंक के किसी भी कृत्य को उचित नहीं ठहराया जा सकता. उन्होंने आतंकवाद को किसी विशेष जाति, धर्म या संस्कृति से जोड़ने के किसी भी प्रयास को खारिज किया.’