जिला अस्पताल में अलग से मरीजों के उपचार के लिए आइसोलेशन वार्ड बनाया..
मुजफ्फरनगर। जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड से भी मरीजों को नई जिन्दगी मिल रही है। शरीर में ५५ प्रतिशत से कम आक्सीजन वाले मरीज भी स्वस्थ होकर घर जा रहे हैं। चिकित्सक व स्टाफ मरीजों के साथ दिन-रात एक किये हुए हैं।
जिला अस्पताल में कोरोना वायरस संक्रमण के लक्षणों वाले मरीजों के उपचार के लिए आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है, जिसकी क्षमता ४० बेड की है। वार्ड में भर्ती होने वाले सभी मरीजों को कृत्रिम आक्सीजन देने की सुविधा है। डा. योगेश त्रिखा के नेतृत्व में डा. जुनैद की टीम आइसोलेशन वार्ड में भर्ती मरीजों के उपचार में जुटी है।
जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती 55% ऑक्सीजन लेवल तक पहुंचने वाले मरीजों को उपचारित कर उन्हें स्वस्थ किया गया। मरीजों ने @cmo_mzn, चिकित्सकों की प्रशंसा एवं आभार व्यक्त किया pic.twitter.com/4G8jP8oapk
— News & Features Network (@mzn_news) May 6, 2021
वार्ड में उन मरीजों का उपचार किया जाता है जिनमें कोरोना के लक्षण तो होते हैं, लेकिन जांच में कोरोना पाजिटिव नहीं आते। पाजिटिव पाए जाने वाले मरीजों को अन्य अस्पतालों में संदर्भित कर दिया जाता है।
गुरुवार को उपचार के बाद स्वस्थ होने पर आइसोलेशन वार्ड से प्रियंका शर्मा तथा जय नारायाण को डिस्चार्ज किया गया। प्रियंका शर्मा ने बताया कि बीमार होने के बाद जब उसके शरीर का आक्सीजन ५५ प्रतिशत पर चला गया था तो उसे आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया गया था
लेकिन चिकित्सकों के अथक प्रयास के बाद उसे नई जिदगी मिली। अस्पताल से डिस्चार्ज होने वालों में नगर का जय नारायाण भी है। बताया कि उसके शरीर की आक्सीजन भी ५५ प्रतिशत पर पहुंच गई थी, लेकिन चिकित्सकों के अथक प्रयास से उसे नई जिदगी मिली।