Love Jihad: हर्षदा से बन गई जीनत फातिमा, अब जिंदगी मौत की जंग के मुहाने पर खड़ी
Love Jihad: प्रेम और साझा जीवन की कहानियां बेहद रोमांचक होती हैं, लेकिन कभी-कभी ये कहानियां दुखद भी हो सकती हैं। महाराष्ट्र की रहने वाली हर्षदा मिश्रा की भी एक ऐसी ही दुखद कहानी है। साल 2022 में हर्षदा की पब्जी खेलते वक्त मुरादाबाद के मोहम्मद फैसल से दोस्ती हुई। बात पब्जी से शुरू हुई और प्यार तक पहुंची, फिर उन्होंने शादी की और अब उनकी जिंदगी मौत की जंग के मुहाने पर खड़ी है।
हर्षदा की मां माधुरी मिश्रा ने बताया कि उनकी लड़की की शादी पहले हो चुकी थी, बाद में डाइवोर्स हो गया था। फिर उनकी बेटी को पबजी का चस्का लगा और उसकी दोस्ती मुरादाबाद के फैजुल से हुई। धीरे-धीरे बात पब्जी से आगे बढ़ी और एक दिन हर्षदा नानी के घर चली गई। कुछ दिन बाद पता चला कि नानी से काम से बाहर जाना है बोलकर मुरादाबाद फैजुल के यहां चली गई। इसके कुछ दिन बाद उन्हें पता चला कि उनकी बेटी फैजुल से शादी कर ली है।
ये प्रेम कहानी कुछ ही महीनों में एक अविश्वसनीय मोर्चा बन गई। हर्षदा की दुखद कहानी जब सार्वजनिक हुई, तो उसने अपनी जिंदगी को लेकर निर्णय लिया। उसने आत्महत्या का प्रयास किया, जिसके कारण उसे ज़्यादा चोटें नहीं आई, लेकिन उसकी स्थिति अभी भी नाजुक है। उसे एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है और उसका इलाज चल रहा है।
इस प्रकरण में गलशहीद थाने की पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर दिया है और विवेचना जारी है। दोषियों पर कठोर कार्यवाई की जाएगी। यह घटना लव जिहाद के एक और मामले की याद दिलाती है, जो कि सामाजिक मुद्दों की एक ओर नज़र दिखाता है। इससे सामाजिक जागरूकता बढ़ेगी और लोगों को सही दिशा दिखाने में मदद मिलेगी।
इस दुखद प्रकरण से साफ होता है कि प्यार और दोस्ती की नामों की कोई सीमा नहीं होती है, इसलिए हमें अपनी दृष्टि और सोच को समझाने की जरूरत है। हमें समाज में इस तरह की घटनाओं से सीख लेनी चाहिए और सामाजिक सुरक्षा के लिए उचित कदम उठाने चाहिए।
क्योंकि प्रेम है सच्ची भावना, उसका उद्देश्य है केवल विश्वासनीयता। लेकिन जब साथ आती है धोखाधड़ी, तो समाज में उठते हैं बड़े मुद्दे।
इसलिए सावधान रहना चाहिए हमें, प्यार को समझना और सच्चाई को जानना। सही और गलत का ज्ञान रखना जरूरी है, ताकि ना पड़े किसी की जिंदगी पर असर।
अपनी मानसिक स्थिति पर ध्यान देना, और समाज में बनाएं सही मिट्टी का मोह। प्यार और दोस्ती को सामाजिक सुरक्षा में बदलना, है एक सच्चे नागरिक की जिम्मेदारी।