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Meghalaya: गारो हिल्स में आदिवासी लड़कियों के साथ सामूहिक दुष्कर्म, रोहिंग्या शामिल-आधा दर्जन आरोपी फरार

Meghalaya के दक्षिण पश्चिम गारो हिल्स के अमपाती जिले में हुए एक आदिवासी उत्सव में हुए दुष्कर्म के मामले ने लोगों को चौंका दिया है। इस मामले में नाबालिग लड़कियों के साथ हुए हमले की शिकायतें सामने आई हैं, जिसके बाद प्रियांक कानूनगो, एनसीपीसीआर के अध्यक्ष ने इस मामले की जांच की जानकारी दी है।

कानूनगो ने बताया कि यह हमला असम और बांग्लादेश सीमा से सटे क्षेत्र में हुआ था और हमलावरों में से कुछ का संदेह अवैध रोहिंग्या घुसपैठियों पर है। इस घटना में अब तक कई आरोपी गिरफ्तार हैं, लेकिन इस मामले से जुड़े अभियान में लोग अभी भी आंदोलन कर रहे हैं।

एनसीपीसीआर के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने कहा, असम और बांग्लादेश सीमा से सटे मेघालय के दक्षिण पश्चिम गारो हिल्स में एक आदिवासी उत्सव के दौरान, कुछ आदिवासी लड़कों और लड़कियों पर हमला किया गया. हमें बताया गया कि हमलावरों पर अवैध रोहिंग्या घुसपैठियों का संदेह हो सकता है. उन्होंने न केवल लड़कों पर हमला किया बल्कि नाबालिग लड़कियों के साथ सामूहिक बलात्कार किया.

हमने पीड़ितों और उनके परिवारों से मुलाकात की. अबभी आधा दर्जन अपराधी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं. आयोग यह तय करेगा कि इस घटना के सभी आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा मिले. कोई भी अपराधी बचने न पाए. साथ ही आगे ऐसी कोई भी घटना न हो इसको लेकर केंद्र सरकार और राज्य सरकार से बात की जाएगी.

इसी महीने, शिलांग में एक युवती के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म के मामले में भी तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया था। यह मामला सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था और इसके बाद गिरफ्तारियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलने की मांग की गई थी।

वीडियो वायरल होने के बाद पीड़िता ने एक स्थानीय समाचार चैनल को बताया, मुझे मेरे दोस्त ने नशीला पदार्थ दिया था. मेरे साथ सामूहिक बलात्कार किया गया. पुलिस ने बताया कि 18 से 20 साल की उम्र के तीनों आरोपियों को पूर्वी जैंतिया हिल्स जिले से गिरफ्तार किया गया. पूर्वी खासी हिल्स जिले के पुलिस अधीक्षक ऋतुराज रवि बताया कि अन्य आरोपी व्यक्तियों की तलाश जारी है.

इन मामलों से सामाजिक आंदोलन भी उभर रहा है और लोग इस तरह के अपराधों के खिलाफ सख्ती से आवाज उठा रहे हैं। इन मामलों को लेकर केंद्र सरकार और राज्य सरकार से भी चर्चा की जा रही है ताकि इस तरह की घटनाएं रोकी जा सकें।

मेघालय में हाल ही में हुई घटनाओं ने सामाजिक सचेतता को उठाने के लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा उठाया है। ये मामले दिखाते हैं कि हमें अपने समाज में सुरक्षित और समर्थन की भावना को बढ़ावा देने की आवश्यकता है।

इन घटनाओं के बाद सामाजिक संगठनों ने इस मुद्दे पर अपना स्टैंड लिया है और न्याय की मांग की है। यह घटनाएं हमें सिखाती हैं कि हमें अपने समाज में औरतों के साथ सुरक्षित माहौल बनाने के लिए सक्रिय रूप से काम करना चाहिए।

इसके साथ ही, इन मामलों से जुड़े लोगों को भी न्याय मिलना चाहिए। समाज में इस तरह के अपराधों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए ताकि लोगों में विश्वास और सुरक्षा की भावना बनी रहे।

इन मामलों से हमें यह भी सिखने को मिलता है कि हमें समाज में सामाजिक सद्भावना और समर्थन की भावना को मजबूत करने की जरूरत है। इससे समाज में समरसता और सामूहिक सुरक्षा की भावना बढ़ेगी और अपराधों को रोकने में मदद मिलेगी।

 

News-Desk

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