मोहसिना हत्याकांड का पर्दाफाश: सौतन के साथ चल रहे विवाद में की गयी हत्या
मुजफ्फरनगर। दिल्ली-देहरादून हाईवे पर दिनदहाड़े मेडिकल कॉलेज के गेट पर गोली मारकर की गयी महिला की हत्या का पुलिस ने आज पर्दाफाश कर दिया। महिला की हत्या सौतन के साथ चल रहे विवाद में की गयी। इस हत्याकांड में महिला के पूर्व पति और सौतन महिला के पिता को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। मृतक महिला भी हत्या के एक मामले में जेल जा चुकी थी।
प्राप्त समाचार के अनुसार नई मंडी कोतवाली क्षेत्र के गांव मूसा शेरनगर निवासी मोहसिना ;३०द्ध १५ जुलाई बृहस्पतिवार की सुबह दवाई लेने दिल्ली-देहरादून हाईवे पर मंसूरपुर थाना क्षेत्र में बेगराजपुर स्थित मुजफ्फरनगर मेडिकल कालेज में जा रही थी। सुबह करीब १०.४५ बजे महिला जैसे ही मेडिकल कालेज के बाहर टेंपो से उतरकर अंदर जाने के लिए गेट के निकट पहुंची
तभी पीछे से आए बाइक सवार दो युवकों ने उसे गोली मार दी और खतौली की ओर फरार हो गए। गोली लगते ही महिला वहीं गिर पड़ी। आसपास के लोग व गार्ड महिला को घायल अवस्था में उठाकर अंदर अस्पताल की इमरजेंसी में ले गए, जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। महिला की दिनदहाड़े हत्या के बाद सनसनी फैल गयी थी।
एसएसपी अभिषेक यादव ने भी घटनास्थल का निरीक्षण किया था।आज मंसूरपुर पुलिस ने इस हत्याकांड का खुलासा कर दिया है। थाना परिसर में आयोजित प्रेस वार्ता में सीओ खतौली राकेश कुमार सिंह ने बताया कि मोहसिना की हत्या के मामले में उसके भाई इशरत पुत्र सुक्का निवासी गांव मांडी थाना तितावी ने मंसूरपुर थाने पर तहरीर देते हुए फुरकान पुत्र सोनू पुत्र अख्तर निवासी गांव शेरनगर व अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।
इस मामले में मंसूरपुर थाना प्रभारी कुशल पाल सिंह ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम को लगाया। पुलिस टीम ने फुरकान उर्फ सोनू व उसके ससुर मेहरबान पुत्र सुलेमान निवासी गांव सौरम थाना शाहपुर को नरा जडौदा चौराहे से गिरफ्तार कर लिया। फुरकान के पास से पुलिस ने तमंचा और कारतूस भी बरामद किये।
सीओ ने बताया कि पुलिस पूछताछ में यह सामने आया है कि फुरकान की शादी मोहसिना से साल २०१२ में हुई थी। मोहसिना ने अपनी सगी भाभी की हत्या कर दी थी। थाना तितावी में दर्ज मुकदमे में मोहसिना को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था।
२५ महीने बाद मोहसिना जेल से छूटकर आई थी। इसी बीच उसके पति फुरकान ने मेहरबान निवासी सौरम की पुत्री मोहसिना से दूसरी शादी कर ली थी। जेल से छूटने के बाद मृतका का अपने पति फुरकान से खर्च के पैसे देने और सम्पत्ति को लेकर झगड़ा होने लगा था। इसी बीच मेहरबान ने साल २०१७ में अपने दामाद फुरकान व उसके भाईयों के खिलाफ दहेज उत्पीड़न और ब्लात्कार का मुकदमा नई मण्डी थाने में दर्ज करा दिया था।
इस मुकदमे के फैसले को लेकर फुरकान ने ०४ बीघा भूमि अपनी दूसरी पत्नी मोहसिना पुत्री मेहरबान के नाम कर दी थी। सीओ राकेश कुमार ने बताया कि इसका मृतका ने विरोध किया। मेहरबान चाहता था कि फुरकान के हिस्से की सभी सम्पत्ति उसकी ही पुत्री को मिले और जेल से आने वाली मोहसिना को कुछ न दिया जाये।
इसी को लेकर मेहरबान ने फुरकान, उसके भाई कय्यूम और इरफान और उसके मामा के लड़के तनवीर पुत्र बासा निवासी गांव सौरम के साथ मिलकर मोहसिना की हत्या का षडयंत्र रचा। इस मामले में तनवीर के माध्यम से सौरम निवासी कादिर व तहसीन को ३ लाख रुपये में मोहसिना के कत्ल की सुपारी दी गयी।
१.७० लाख रुपये तनवीर के माध्यम से कातिलों को पहले दिये गये और १.३० लाख कत्ल के बाद देने तय हुए। १५ जुलाई को कादिर और तहसीन ने मोहसिना के कत्ल को अंजाम दिया गया। उन्होंने बताया कि इस मामले में शामिल अन्य आरोपियों की तलाश के लिए पुलिस टीम को लगा दिया गया है।
आरोपियों को गिरफ्तार करने वाली टीम में प्रभारी निरीक्षक कुशलपाल सिंह, निरीक्षक विजय बहादुर सिंह, उप निरीक्षक रोहित कुमार व मशकूर अली तथा कांस्टेबल प्रदीप कुमार व अजय कुमार शामिल रहे।