Muzaffarnagar- गर्मी के चलते मिट्टी के सुराही और घड़े की मांग बढी
मुजफ्फरनगर। (Muzaffarnagar) गर्मी आते ही मिट्टी के बर्तनों की मांग बढ़ने लगी है। आधुनिक दौर में जहां बाजार में प्लास्टिक के बर्तनों ने जगह ले ली हैं तो वहीं दूसरी ओर लोगों को पारंपरिक मिट्टी से बने घड़े सुराही आदि अब भी खूब रास आते हैं। जिसके चलते आजकल लोग इन पारंपरिक मिट्टी के बर्तनों की जमकर खरीदारी कर रहे हैं। मिट्टी के बने बर्तनों को स्वास्थ्य के लिहाज से भी काफी अच्छा माना जाता हैं, जो लोगों को कई बीमारियों से भी दूर रखते हैं।
इन दिनों मिट्टी के बने बर्तनों की मांग बढ़ने से दुकानदारों के चेहरे खिले हुए हैं। तापमान बढ़ने के साथ ही देशी फ्रीज यानि मिट्टी से बने घड़े और सुराही की बाजार में मांग तेजी से बढ़ गई है। आधुनिक दौर में भी इन मिट्टी के बने बर्तनों का खास महत्व है। गरीब तबके के लोगों के लिए यह किसी फ्रीज से कम नहीं है। मटके का पानी जहां एक ओर कई फायदे देता है। वहीं स्वास्थ्य के लिहाज से भी ये काफी लाभकारी माना जाता है। यही वजह है कि आजकल गढ़ रोड पर सजी मिट्टी के बर्तनों की दुकानों से लोग जमकर खरीदारी कर रहे हैं।
क्योंकि मिट्टी के बने बर्तन स्वास्थ्य और पर्यावरण के हिसाब से काफी फायदेमंद माने जाते हैं। जिनको उपयोग में लाकर लोग पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा दे सकते हैं। कुछ ग्राहकों का कहना है कि समय आ चुका है कि हमें पर्यावरण संरक्षण की दिशा में आगे बढ़ना होगा। वहीं प्लास्टिक की जगह प्राकृतिक ढंग से तैयार किए गए मिट्टी और अन्य उत्पादों से बने सामान को रोजमर्रा के काम में उपयोग ने लाने से भी पर्यावरण में बढ़ रहे दबाव को कम किया जा सकता है।
मिट्टी के बने कैंपर भी है खास
अप्रैल माह में जैसे ही गर्मी बढ़ी वैसे ही मिट्टी के बर्तनों की डिमांड भी बढ़ गई। इस सीजन में मटका ७० से १२० रुपये में बिक रहा है। वहीं टंकी लगा मटका १५० से ३०० रुपये में मिल रहा है। बर्तन विक्रेता प्रवीण प्रजापति का कहना है कि घड़े के साथ-साथ मिट्टी से बनी बोतल भी काफी बिक रही है। जिसकी कीमत १०० से १५० रुपये तक है। मिट्टी से बना कैंपर ३०० से ५०० रुपये में मिल रहा है।
स्वास्थ्य को नहीं करता प्रभावित
फ्रीज का रखा पानी शरीर को नुकसान पहुंचा सकता हैं, लेकिन मिट्टी के बर्तन में रखा पानी स्वास्थ्य को प्रभावित नहीं करता है। यही कारण है कि गर्मियों के दिनों में घर में फ्रीज होने के बावजूद लोग मिट्टी के बर्तन में रखा पानी पीते हैं, जोकि गले को तर कर देता है। इतना ही नहीं मिट्टी के खड़े में रखे पानी में सोंधी खुशबू भी रहती है।