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Muzaffarnagar का मोस्ट वांटेड 14 साल बाद गिरफ्तार, पंजाब में छुपा था 10 हजार का इनामी अपराधी!

मुजफ्फरनगर।(Muzaffarnagar) 14 साल से फरार चल रहे और ₹10,000 इनामी अपराधी को आखिरकार पुलिस ने पकड़ ही लिया! पुलिस की गिरफ्त में आए इस अपराधी की कहानी किसी थ्रिलर फिल्म से कम नहीं है। जिला मुजफ्फरनगर के भौराकलां थाने में दर्ज इस अपराधी की खोजबीन के लिए कई सालों से पुलिस टीमें काम कर रही थीं। अभियुक्त, अजेन्द्र पुत्र तेजपाल, एक बड़ी साजिश के तहत पंजाब के मोहाली में छिपा हुआ था। वहां पर सस्ते घर के एक कार्यालय में इस कुख्यात अपराधी को पकड़ने के लिए मुजफ्फरनगर पुलिस ने गहरी छानबीन और जांच की।

14 वर्षों से फरार अभियुक्त का पीछा

यह गिरफ्तारी मुजफ्फरनगर पुलिस के उस ऑपरेशन का हिस्सा है, जो वांछित अपराधियों की गिरफ्तारी सुनिश्चित करने के लिए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभिषेक सिंह के निर्देशन में चलाया जा रहा है। इस विशेष अभियान के तहत, पुलिस अधीक्षक ग्रामीण आदित्य बंसल, फुगाना के क्षेत्राधिकारी संत प्रसाद उपाध्याय और भौराकलां थाने के प्रभारी निरीक्षक विजय सिंह ने मिलकर आरोपी को पकड़ने के लिए एक विशेष टीम बनाई। ये अभियान मुजफ्फरनगर में अपराधियों के बीच भय का माहौल बनाने और कानून व्यवस्था को सख्त करने का एक प्रयास है।

अजेन्द्र – 10 हजार का इनामी अपराधी

गिरफ्तार अभियुक्त, अजेन्द्र, जो भौराकलां के ग्राम भौराकलां का निवासी है, 2010 में हुए गंभीर अपराधों के मामले में वांछित था। उसके खिलाफ धारा 498ए और 304बी के तहत मामला दर्ज किया गया था, जिसमें उसे अपने परिवार को दहेज उत्पीड़न और हत्या जैसे गंभीर अपराधों में दोषी माना गया था। इन संगीन मामलों की सुनवाई में वह फरार हो गया और तब से मुजफ्फरनगर पुलिस के लिए चुनौती बना हुआ था। इस अपराधी की तलाश इतनी गंभीर थी कि उसके ऊपर ₹10,000 का इनाम रखा गया था, जिससे पुलिस उसकी गिरफ्तारी सुनिश्चित कर सके।

14 साल के बाद कैसे गिरफ्त में आया अजेन्द्र?

भौराकलां पुलिस ने कई बार इस अभियुक्त को पकड़ने के प्रयास किए, लेकिन हर बार वह पुलिस की पकड़ से बाहर निकल जाता। आखिरकार, पुलिस ने गुप्त सूत्रों और आधुनिक तकनीकों का सहारा लेते हुए उसकी छिपने की जगह का पता लगाया। पंजाब के एसएएस नगर मोहाली में सेक्टर 68 में, एक सस्ते घर के कार्यालय से अजेन्द्र की गिरफ्तारी संभव हो पाई। इसकी पूरी योजना पुलिस ने इतनी सतर्कता से बनाई कि उसे गिरफ्तार करने के लिए कोई हिंसात्मक टकराव नहीं हुआ।

पुलिस टीम की मेहनत और समर्पण

गिरफ्तारी में शामिल पुलिस टीम की मेहनत सराहनीय रही। विजय कुमार, ललित राजपूत, विकास, नवीन और मोहित कुमार जैसे पुलिसकर्मी इस टीम का हिस्सा थे। इनकी सूझबूझ और कड़ी मेहनत का ही नतीजा है कि एक लंबे समय से फरार अपराधी अब कानून के शिकंजे में आ चुका है। पुलिस टीम ने अभियुक्त को पकड़ने के लिए सटीक योजना बनाई और अभियुक्त को पंजाब के मोहाली से गिरफ्तार करने में सफल रही।

मुजफ्फरनगर में कानून व्यवस्था को बनाए रखने का कदम

मुजफ्फरनगर में हाल के दिनों में पुलिस प्रशासन अपराध और अपराधियों के प्रति गंभीर हो गया है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभिषेक सिंह और पुलिस अधीक्षक ग्रामीण आदित्य बंसल जैसे अधिकारियों के नेतृत्व में यह अभियान चलाया जा रहा है। यह सिर्फ एक अभियुक्त की गिरफ्तारी नहीं है, बल्कि पुलिस के इस अभियान का उद्देश्य यह है कि समाज में कोई भी अपराधी बेखौफ न रहे। इस तरह की कार्रवाइयों से अपराधियों के बीच भय का माहौल बनता है और आम जनता को यह भरोसा मिलता है कि कानून उनके साथ है।

दहेज उत्पीड़न और हत्या – अपराध की गंभीरता

धारा 498ए और 304बी के तहत दर्ज मामले में, अभियुक्त पर आरोप है कि उसने दहेज के लिए अपनी पत्नी को मानसिक और शारीरिक यातनाएं दीं और परिणामस्वरूप उसकी मौत हो गई। ये कानून विशेष रूप से दहेज उत्पीड़न और दहेज हत्या के मामलों में अभियुक्तों को सजा दिलाने के लिए बनाए गए हैं। ऐसे मामलों में सख्त सजा मिलती है, और कानून का उद्देश्य है कि महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों को रोका जाए। अभियुक्त अजेन्द्र जैसे लोग समाज में ऐसे कृत्य कर महिलाओं के जीवन को खतरे में डालते हैं, इसलिए इनकी सजा भी कठोर होती है।

क्या अभियुक्त पर कठोर कार्रवाई होगी?

अब जबकि अजेन्द्र पुलिस की गिरफ्त में है, यह देखना होगा कि उसके खिलाफ कोर्ट में क्या सख्त कार्रवाई होती है। भौराकलां थाने की पुलिस द्वारा इस केस में नई सुनवाई की जाएगी और न्याय की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा। इस गिरफ्तारी के बाद मुजफ्फरनगर और आसपास के इलाकों में अपराधियों के खिलाफ सख्त संदेश गया है। इस प्रकार की कार्रवाई से अपराधियों में डर और लोगों में पुलिस पर विश्वास बढ़ेगा।


मुजफ्फरनगर की पुलिस ने 14 वर्षों से फरार अपराधी को गिरफ्तार कर साबित कर दिया कि अपराधी कितना भी चालाक क्यों न हो, कानून की पहुंच से बाहर नहीं रह सकता। यह गिरफ्तारी पुलिस की गहन मेहनत और उसके समर्पण का परिणाम है।

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