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सड़क हादसों के शिकार अब होंगे निश्चिंत: Nitin Gadkari ने किया कैशलेस ट्रीटमेंट स्कीम का ऐलान, जानें कैसे मिलेगा 1.5 लाख का मुफ्त इलाज!

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री Nitin Gadkari ने सड़क दुर्घटनाओं के शिकार लोगों के लिए एक ऐतिहासिक योजना का ऐलान किया है, जो हर भारतीय नागरिक को राहत देने वाली है। इस नई योजना के तहत, सड़क हादसों के पीड़ितों को दुर्घटना के बाद के पहले 24 घंटों के भीतर कैशलेस इलाज की सुविधा दी जाएगी। यह स्कीम न केवल हादसों के बाद तुरंत मदद पहुंचाने का एक कदम है, बल्कि देश में सड़क सुरक्षा के प्रति सरकार की गंभीरता को भी दर्शाती है।

Nitin Gadkari  ने कहा, “सड़क दुर्घटना के बाद जैसे ही पुलिस को सूचना दी जाएगी, पीड़ित को नजदीकी अस्पताल में ले जाया जाएगा, जहां उन्हें अगले सात दिनों तक या अधिकतम ₹1.5 लाख तक का मुफ्त इलाज मिलेगा।”


कैसे काम करेगी यह योजना?

  1. पुलिस को तुरंत सूचना:
    हादसे के तुरंत बाद पुलिस को सूचना देना अनिवार्य होगा। जैसे ही पुलिस को सूचना मिलेगी, पीड़ित को नजदीकी सरकारी या प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा।
  2. कैशलेस ट्रीटमेंट की सुविधा:
    इस योजना में पीड़ित को इलाज के लिए किसी प्रकार की नकद राशि की आवश्यकता नहीं होगी। अस्पताल सीधे सरकारी फंड से भुगतान प्राप्त करेगा।
  3. 7 दिनों तक मुफ्त इलाज:
    गंभीर से गंभीर स्थिति में भी पीड़ित को सात दिनों तक पूरी तरह से मुफ्त इलाज दिया जाएगा।
  4. हिट एंड रन मामलों में मुआवजा:
    गडकरी ने यह भी घोषणा की कि हिट एंड रन मामलों में अगर किसी की मृत्यु हो जाती है, तो उसके परिवार को ₹2 लाख तक का मुआवजा दिया जाएगा।

भारत में सड़क दुर्घटनाओं की गंभीर स्थिति

भारत में हर साल लाखों लोग सड़क दुर्घटनाओं का शिकार होते हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, 2022 में लगभग 1.5 लाख लोग सड़क हादसों में अपनी जान गंवा बैठे। इनमें से कई पीड़ित समय पर इलाज न मिलने के कारण अपनी जान गंवाते हैं।

  • हर चार मिनट में एक मौत:
    भारत में औसतन हर चार मिनट में एक व्यक्ति सड़क हादसे में मारा जाता है।
  • हिट एंड रन केस बढ़ रहे हैं:
    पिछले कुछ वर्षों में हिट एंड रन मामलों में वृद्धि हुई है। इन मामलों में पीड़ित अक्सर समय पर इलाज से वंचित रह जाते हैं।

कैशलेस ट्रीटमेंट स्कीम क्यों है जरूरी?

  • आपातकालीन चिकित्सा की आवश्यकता:
    सड़क दुर्घटनाओं में घायल लोगों के पास अक्सर इलाज के लिए पैसे नहीं होते। कैशलेस ट्रीटमेंट स्कीम उन्हें तुरंत राहत प्रदान करेगी।
  • हिट एंड रन के मामलों में मुआवजा:
    हिट एंड रन मामलों में परिवारों को मुआवजे की व्यवस्था करना एक सराहनीय कदम है, जो इस योजना को और अधिक मानवीय बनाता है।
  • आर्थिक भार कम होगा:
    गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों पर आर्थिक दबाव कम होगा, क्योंकि सड़क दुर्घटनाएं अक्सर इलाज में भारी खर्चा मांगती हैं।

योजना का आर्थिक पहलू

यह योजना बड़े पैमाने पर सरकारी फंडिंग पर निर्भर होगी। गडकरी ने बताया कि सरकार इस योजना के लिए एक विशेष फंड तैयार कर रही है। इसके अलावा, बीमा कंपनियों और सड़क कर से प्राप्त राजस्व का भी उपयोग किया जाएगा।


अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की पहल

दुनिया के कई देशों में पहले से ही सड़क दुर्घटनाओं के पीड़ितों के लिए आपातकालीन चिकित्सा योजनाएं लागू हैं। भारत में यह योजना लागू होने से देश सड़क सुरक्षा के मामले में एक नई मिसाल कायम करेगा।

  • जर्मनी और स्वीडन जैसी योजनाओं का उदाहरण:
    इन देशों में आपातकालीन चिकित्सा सेवाएं अत्यधिक उन्नत हैं। भारत भी इसी दिशा में कदम बढ़ा रहा है।
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की सिफारिशें:
    WHO के अनुसार, सड़क दुर्घटनाओं में घायल लोगों की मृत्यु दर कम करने के लिए समय पर इलाज सबसे महत्वपूर्ण कारक है।

आम जनता की प्रतिक्रिया

इस ऐलान के बाद सोशल मीडिया पर भी प्रतिक्रियाओं का सिलसिला शुरू हो गया है।

  • राहुल शर्मा (दिल्ली): “यह एक बेहतरीन कदम है। अगर यह योजना सही तरीके से लागू होती है, तो हजारों लोगों की जान बच सकती है।”
  • स्मिता पांडे (मुंबई): “हिट एंड रन मामलों में मुआवजे की घोषणा पीड़ित परिवारों के लिए बड़ा सहारा बनेगी।”

सरकार की अन्य योजनाएं

यह योजना गडकरी की सड़क सुरक्षा पर केंद्रित अन्य पहलों का हिस्सा है।

  • सड़क सुरक्षा अभियान:
    सरकार ने स्कूलों और कॉलेजों में सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए कई अभियान चलाए हैं।
  • ब्लैक स्पॉट्स को सुधारने का प्रयास:
    सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए ब्लैक स्पॉट्स को सुधारने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

Nitin Gadkari की यह योजना देश में सड़क दुर्घटनाओं के पीड़ितों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आई है। कैशलेस ट्रीटमेंट स्कीम न केवल हादसों के बाद तुरंत मदद पहुंचाएगी, बल्कि यह भारतीय सड़क सुरक्षा तंत्र में एक क्रांतिकारी बदलाव भी लाएगी। अगर इस योजना को सही तरीके से लागू किया गया, तो यह लाखों जिंदगियां बचाने में मददगार साबित होगी।

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