स्वास्थ्य

Typhoid fever में हमारा अनुभव: प्रकार, लक्षण, कारण, इलाज, निदान

कुछ दिनों से Typhoid fever से पीड़ित एक रोगी को मैंने रस टॉक्स दिया. कोई लाभ नहीं. रोगी बहुत तेजी से बिगड़ता चला गया. अंत में बैप्टिशिया का मूलार्क दिया गया, उसके बाद रोगी के माथे पर पसीना आना चालू हुआ. कुछ समय में ही उसके सारे शरीर में ऐसा पसीना निकलने लगा जैसे वह नहा लिया हो. दूसरे दिन हल्का-सा ज्वर रह गया था, जिसे मैने ब्रायोनिया की कुछ खुराकें देकर ठीक कर दिया, इस प्रकार दो दिन में रोगी ठीक हो गया.

बैप्टिशिया. 1. रोगी के बदन या पसीना से यदि बदबू आती हो तो यह इसकी एक मात्र सफल औषध होगी. 2. पटना हेल्थ केयर के निर्देशक डॉ. Ved Prakash के अनुभवानुसार Typhoid fever की बैप्टिशिया से बढ़कर अन्य दूसरी दवा नहीं है. 3. डॉ. नैश के शब्दों में बैप्टिशिया टायफायड के भोगकालो काफी घटा देती है, 4. मेरे मतानुसार Typhoid fever की संभावना होते ही प्रथमावस्था यदि बैटिशिया दी जाए तो एक सप्ताह में ज्वर दूर हो जायेगा.

5. डॉ. ई. पी. स्केल्स का कहना है कि बैटिशिया 1 तथा 2 शक्ति की दवा के प्रयोग से Typhoid fever का रोगी शीघ्रता से आरोग्य हो जाता है. 6. डॉ. ए. एल. फिशर ने टायफायड ज्वर को विभ्रम की अवस्था में बैटिशियाः 3 शक्ति को बहुत लाभदायक बताया है किन्तु एक टायफायड के रोगी को अंतिम अवस्था में इसके साथ किसी दूसरे व्यक्ति को सोने के भ्रम में डॉ. हैनी ने पेट्रोलियम 6 देकर आरोग्य किया था.

Our Experience With Fever: Viral Symptomsबैप्टिशिया एक विशिष्ट चिकित्सकीय अनुभव :-

कुछ दिनों से Typhoid fever से पीड़ित एक रोगी को मैंने रस टॉक्स दिया. कोई लाभ नहीं. रोगी बहुत तेजी से बिगड़ता चला गया. अंत में बैप्टिशिया का मूलार्क दिया गया, उसके बाद रोगी के माथे पर पसीना आना चालू हुआ. कुछ समय में ही उसके सारे शरीर में ऐसा पसीना निकलने लगा जैसे वह नहा लिया हो. दूसरे दिन हल्का-सा ज्वर रह गया था, जिसे मैने ब्रायोनिया की कुछ खुराकें देकर ठीक कर दिया, इस प्रकार दो दिन में रोगी ठीक हो गया.

मेरा अनुभव :-

मैं Typhoid fever में सामान्य बैप्टिशिया- क्यू, 3 शक्ति, ब्रायोनिया- 3x या 6 तथा जेल्स 3x क्रमानुसार प्रयार्यक्रम से देता हूं और परिणाम काफी उत्साहपूर्ण आए हैं. हाइब्रेस्टिन सल्फ :2x

• Typhoid fever से जब अन्य से रक्त स्त्राव होने लगे तब इसे जरूर याद करें. काले रक्तस्त्राव में क्रोटेल्स 200 दें.
पाइरोजेनियम : 1 एम टायफायड ज्वर में जब अन्य सभी दवाएं फेल कर जाए और ज्वर न छूटे तब इसकी तरफ ध्यान अवश्य देवें. क्लोरोमाइसिटीन भी जब टायफायड में लाभ न करे
टायफोडिनम: 1M तब पाइरोजिनियम से लाभ होते देखा गया है.

इस रोग में मेरे अनुसार

यह Typhoid fever का प्रतिरोधक है तथा इस रोग को आरोग्य करने में भी यह एक सफल औषध है. ● पटेरामायसिन : 30टायफायड ज्वर में टेरामाइसिन : 30, दो-दो घंटे पर देने से काफी लाभ होता है.
• Typhoid fever : डॉ. पी. बनर्जी के कुछ अचूक नुस्खे:- (क) गुलंच : क्यू + ओसिमम साट० : क्यू + डिस्मोडियम च : क्यू + निक्टैन्यस आरवो क्यू + अलडेनडन हार : क्यू +, नीम : क्यू खूराक. = 3×7 = 21 बूंद दवा थोड़ा जल में एक एक घंटे पर दें।

(ख) शौच न साफ होने पर ब्रायोनिया : 6 क्लोरोमाइसिन : 30 या टाइफोडिनम : 30, काली फॉस : 6X तीन गोली दो घंटे के अंतर से पयार्यक्रम से देने पर आन्तरिक ज्वर बहुत आराम हो जाता है. जल्दी • डॉ. बनर्जी साहब ने अव्यर्य औषध पृः 150 में लिखा है कि टायफायड ज्वर में अन्य औषधियां व्यर्थ होने पर इन औषधियों को प्रयोग करें फल मिलेगा :-

1. Echinacea : Q + Baptisia : Q = से 20 बूंद एक मात्रा.

2. Natrum Mur : 12x + Kali Mur : 12x = 6 से 8 टेवलेट मिश्रित ।

3. Natrum Sulph: 12x + Kali Sulph : 12x = उम्र के अनुसार.

4. Ferr. Phos : 12x + Kali Phos: 12x = उम्र अनुसार.

इन चारों औषधियों को पयार्यक्रम से गर्म जल के साथ एक या दो घंटे के अन्तर से सेवन करें.

डॉ. Ved Prakash, पटना (पटना हेल्थ केयर) के दो चिकित्सकीय अनुभव :-

क्रियोजेट : 30 Typhoid fever के आखरी दिनों में आंत से रक्त स्त्राव होने के पहले चायना देना चाहिए और उससे रोग न मिट पाए तो क्रियोजेट दें क्योंकि इसमें दुर्गगन्धित मल, रक्त स्त्रावी मल तथा रोगों को बहुत अवसन्न हो जाना तीनों बातें शामिल है.

● सिमिसिफ्युगा : 3x – 200 एक टायफायड केस में बैप्टिशिया से बुखार तो उतर गया, किन्तु तीव्र स्नायविक उत्तेजना के लक्षण प्रकट हो गए, तेज सिर दर्द, यहां-वहां घूमती, स्नायु पीड़ा, स्नायुशूल सिमिसिफ्यूगा ने रोगी को ठीक कर दिया,

कुछ अन्य होमियोपैथिक विशेषज्ञों के अनुभव :– टायफायड ज्वर के 80 प्रतिशत रोगियों को ब्रायोनिया, रस टॉक्स, बैटिशिया और आर्निका से ही ठीक हो जाते हैं.

• क्लोरोमोइसिटिन : 30 – 1एम आंतरिक ज्वर में उत्पन्न उपद्रवों को रोकने के लिए
क्लोरोमाइसिटिन : 30- 1एम उपयोगी है.

इक्युलिप्टस ग्लोब : Q कुद विद्वानों ने इस दवा को टायफायड ज्वर की श्रेष्ठ औषध कहा है.

• इचिनेशिया : Q
. यह उच्च कोटि का रक्त शोधक है। इस दवा के प्रयोग से रक्त में उत्पन्न टायफायड का विष कम हो जाता है और शीघ्र ही ज्वर उतर जाता है.

नोट :- Typhoid ज्वर में एकोनाइट का प्रयोग न करें.

वेरेट्रम विरिड : मेरे अपने निजी अनुभव में Typhoid fever में मैं खूनी दस्त काले रंग के थक्के के साथ होता है – वेरेट्रम विरिड देकर मैंने इस पर सफलतापूर्वक प्रयोग किया है.

• सोरिनम : 200 डॉ. सत्यव्रत ने लिखा है कि टायफायड के बाद जब रोगी पूर्णतः स्वास्थ्य लाभ न करें तब सोरिनम उपयोगी पाया गया है.

Dr. Ved Prakash

डा0 वेद प्रकाश विश्वप्रसिद्ध इलेक्ट्रो होमियोपैथी (MD), के साथ साथ प्राकृतिक एवं घरेलू चिकित्सक के रूप में जाने जाते हैं। जन सामान्य की भाषा में स्वास्थ्य सम्बन्धी जानकारी को घर घर पहुँचा रही "समस्या आपकी- समाधान मेरा" , "रसोई चिकित्सा वर्कशाप" , "बिना दवाई के इलाज संभव है" जैसे दर्जनों व्हाट्सएप ग्रुप Dr. Ved Prakash की एक अनूठी पहल हैं। इन्होंने रात्रि 9:00 से 10:00 के बीच का जो समय रखा है वह बाहरी रोगियों की नि:शुल्क चिकित्सा परामर्श के लिए रखा है । इनका मोबाइल नंबर है- 8709871868/8051556455

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