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“देश में हर किसान के पस ‘हल’, बस सरकार के पास ही नहीं”: Prasoon Bajpai

पत्रकार Prasoon Bajpai की एक पोस्ट सामने आई जिसमें वह किसान आंदोलन को लेकर पीएम मोदी और केंद्र सरकार पर तंज कसते दिखे।प्रसून बाजपेयी ने अपने ट्वीट में कहा- ‘क्या हालात हैं, देश में हर किसान के पास “हल” है। पर सरकार के पास कोई ‘हल’ नहीं।’ पत्रकार ने इससे पहले भी किसानों को लेकर एक पोस्ट की थी जिसमें उन्होंने कहा था- ‘किसान जाति में ना बंटें, किसान खाप में ना बंटे। किसान किसानी को ही जाति-धर्म मान ले, तो हर सत्ता को पलट देगा किसान आंदोल।’

बाजपेयी के इन पोस्ट पर ढेरों लोगों ने भी रिएक्ट करना शुरू कर दिया। सुनंदा शर्मा नाम की एक महिला ने कहा- ‘प्रसून जी सरकार के पास “हल” नहीं है लेकिन “बल” है। सरकार “बल” का प्रयोग करके हल को हटाना चाहती है, लेकिन बिना हल के समस्या नहीं सुलझेगी, इसलिए इस समस्या का हल भी किसान ही करेंगे।’

नवीन राणा नाम के यूजर बोले- ‘ये सिर्फ किसान नहीं है। यह आगाज है एक आवाम की जो तानाशाही रवैया से परेशान है। पैदा करने वाले से ज्यादा हक पालने वाले का होता है। किसान तो फसल को पैदा भी करता है और पालता भी है। फिर सरकार उसका फैसला करने वाली कौन होती है।’

एक यूजर ने कहा- सरकार के पास हल इसलिए नहीं है क्योंकि अब सरकार भी निजी हो गई है। सरकार अब कुछ पूंजीपति लोग चला रहे है। किसानों की समस्या का समाधान पूंजीपति कैसे करेंगे? अगर ऐसा किया तो उनकी दुकान बंद हो जाएगी! सभापति मिश्र नाम के शख्स ने कहा- ‘है न, लखनऊ वाले बाबाजी के पास “हल’ है।’

सुभाष गुप्ता ने कहा- ‘देश की समस्याओं का हल सरकार के पास ही होता है। लेकिन ये समस्या राजनैतिक है, जो 2022 तक बनी रहने की संभावना है और उसके बाद घंटा बजाते हुए यह समस्या स्वत समाप्त हो जायेगी। प्रस्ताव लागू होने पर देश गुलाम बन रहा था 

News Desk

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