मुठभेड में एक लाख का इनामी ढे़र
मुजफ्फरनगर। एसएसपी सुधीर कुमार सिंह के निर्देशन में जनपद में अपराधों पर रोकथाम व अपराधियों के खिलाफ चल रही मुहिम के तहत जनपद पुलिस को उस समय बड़ी सफलता हाथ लगी कि जब पुलिस व बदमाशों के बीच हुई मीरापुर के जंगल में मुठभेड में एक लाख का इनामी बदमाश आदेश मारा गया। आदेश का वेस्ट यूपी में आतंक था।
एसटीएफ के सीओ ब्रिजेश कुमार सिंह ने बताया कि देर रात एसटीएफ को एक बदमाश की लोकेशन रुड़की रोड पर मिली। बदमाश अपने साथी के साथ हाइवे पर किसी वारदात को अंजाम देने वाला था। एसटीएफ की टीम ने बदमाश का पीछा किया। साथ ही पूरे जोन को अलर्ट कर दिया गया। बाइक पर सवार बदमाश का पीछा करते हुए एसटीएफ की टीम मुजफ्फरनगर के मीरापुर तक पहुंच गई। मीरापुर पुलिस के अलर्ट रहने पर बदमाश की घेराबंदी की गई। खुद को घिरा देख बदमाश ने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी।
एक गोली एसटीएफ के सिपाही के हाथ को छूकर निकल गई। एसटीएफ की जवाबी कार्रवाई में एक बदमाश के सीने में गोली लग गई, जबकि उसका साथी भाग निकला। घायल बदमाश को अस्पताल ले जाया गया जहां डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। मरने वाला बदमाश मुजफ्फरनगर, शामली और बागपत जिले में कई आपराधिक वारदात में शामिल रहा रहा है। उसका भाई हरीश भी कुख्यात बदमाश है और उस पर भी दो लाख रुपए का इनाम है।
पुलिस सूत्रो के मुताबिक, बदमाश की पहचान एक लाख के इनामी आदेश बालियान पुत्र ब्रह्मपाल निवासी भौ राखूर्द मुजफ्फरनगर के रूप में हुई है। आदेश का वेस्ट यूपी में आतंक था। आदेश पर तीस से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं। बदमाश के कब्जे से दो पिस्टल और भारी मात्रा में कारतूस बरामद हुए हैं। मीरांपुर थाना क्षेत्र में देर रात्रि पुलिस व एसटीएफ तथा बदमाशों के बीच हुई मुठभेड की सूचना पर एसएसपी सुधीर कुमार सिंह, एसपी सिटी सतपाल अंतिल, एसपी देहात आलोक शर्मा, एसपी क्राइम रामभुवन चौरसिया, सीओ जानसठ आदि पुलिस अधिकारी भी मौके पर पहुंच गये तथा घटनास्थल पर पहुंचकर पूरे मामले की जानकारी लेते हुए मुठभेड में सम्मिलित पुलिसकर्मियों की हौसला अफजाई की।
बताया जाता है कि २३ अप्रैल, २०१६ को दिल्ली रोहिणी कोर्ट की पेशी के बाद आदेश बालियान बरेली जाते समय इंटरसिटी ट्रेन से कूदकर फरार हो गया था। गजरौला पुलिस ने उसे २४ घंटे के अंदर ही पकड़ लिया था। मुजफ्फरनगर के मीरापुर इलाके में पुलिस मुठभेड़ में मारा गया एक लाख का इनामी बदमाश आदेश बालियान गांव की खूनी रंजिश के चलते अपराध की दूनिया में कूद पड़ा था। करीब १३ साल पहले मामूली विवाद को लेकर शुरू हुई रंजिश दोनों पक्षों के करीब ४० लोगों की जान ले चुकी है। आदेश भी कई हत्याओं में शामिल रहा है। भोराखुर्द गांव में वर्ष २००६ में एक चबूतरे के विवाद को लेकर शोभाराम और सतीश पक्ष में रंजिश शुरू हुई थी। इस रंजिश में दोनों पक्षों के करीब ४० लोग मारे जा चुके हैं। मुठभेड़ में मारा गया आदेश बालियान हिस्ट्रीशीटर सतीश का भाई था। सतीश भी मारा जा चुका है।
दूसरे पक्ष के शोभाराम का बेटा जितेंद्र भी पीएसी की नॉकरी छोड़कर अपराधी बन गया था। बाद में जितेंद्र भी मारा गया। यह अलग बात है कि पिछले २-३ साल से रंजिश में कोई हत्या नहीं हुई। दोनों पक्ष शांत हैं। आदेश के बारे में बताया गया है कि योगी सरकार के भय से वह लोनी में जाकर छिपा हुआ था। हालांकि एसटीएफ काफी समय से उसके पीछे लगी हुई थी। आदेश का भाई हरीश भी इनामी बदमाश है। उस पर दो लाख का इनाम है। पुलिस उसकी भी तलाश में जुटी है।