Pratapgarh: डीएसपी जिया उल हक की हत्या मामले में राजा भैया को supreme court से लगा झटका
Pratapgarh डीएसपी जिया उल हक की हत्या मामले में कुंडा विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया की मुश्किलें बढ़ गई हैं. उनकी भूमिका की जांच सीबीआई करेगी. इस संबंध में निचली कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट ने सही ठहराया है. डीएसपी हक की पत्नी ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.
2013 में डीएसपी हक की हत्या कर दी गई थी और पिछले साल इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इस मामले में निचली अदालत के आदेश को रद्द कर दिया था. हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी.
निचली अदालत ने राजा भैया और उनके 4 साथियों के खिलाफ सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट को खारिज कर दिया था और सीबीआई को जांच जारी रखने का आदेश दिया था. सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस बेला त्रिवेदी की बेंच ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को खारिज किया.
डीएसपी की पत्नी परवीन आजाद ने पुलिस को दी अपनी शिकायत में तत्कालीन सरकार में मंत्री रहे राजा भैया, कुंडा नगर पंचायत के तत्कालीन अध्यक्ष गुलशन यादव और राजा भैया के सहयोगी हरिओम श्रीवास्तव, रोहित सिंह और गुड्डू सिंह ने नाम लिए थे.
कुंडा के बल्लीपुर गांव में ग्राम प्रधान नन्हे यादव पर हमला हो गया था जिसमें वे घायल हो गए थे. सूचना मिलने पर डीएसपी जिया उल हक गांव पहुंचे थे और उन्हें नन्हे यादव को अस्पताल पहुंचाया था. हालांकि यादव की मौत हो गई; उसे बचाया नहीं जा सका था.
जब उसके शव को लेकर डीएसपी हक गांव पहुंचे तो भारी हंगामा हुआ और लोगों ने हक पर हमला कर दिया था. इसी बीच राजा भैया के कथित तौर पर करीबी व्यक्ति ने डीएसपी को गोली मार दी थी, जिससे उनकी मौत हो गई.