ग्रामीण इलाकों में छह घंटे की कटौती, Uttar Pradesh में सात उत्पादन इकाइयां को किया बंद
Uttar Pradesh में बिजली की समस्या ने एक गंभीर रूप ले लिया है। पावर कॉर्पोरेशन द्वारा ग्रामीण इलाकों में छह घंटे की बिजली कटौती का रोस्टर जारी किया गया है, वहीं सात उत्पादन इकाइयों को बंद कर दिया गया है, जिसका विरोध विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने किया है। यह लेख उत्तर प्रदेश में बिजली की समस्या, बिजली उत्पादन की वर्तमान स्थिति, सरकारी पहल और इससे संबंधित समस्याओं पर विस्तृत चर्चा करेगा।
बिजली की वर्तमान स्थिति
उत्तर प्रदेश में एक जुलाई से रोस्टर प्रणाली लागू की गई है, जिसके तहत ग्रामीण इलाकों में छह घंटे की कटौती की जा रही है। इस कटौती के बीच लोकल फॉल्ट अलग से हैं, जिसके कारण कई जिलों में 10 से 12 घंटे ही बिजली मिल पा रही है। दूसरी ओर, उत्तर प्रदेश स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर की रिपोर्ट के अनुसार, सात उत्पादन इकाइयों को बिजली की मांग कम होने के कारण बंद कर दिया गया है। इनमें टांडा की चार, हरदुआगंज की तीन इकाइयां शामिल हैं, जिनसे 1,455 मेगावाट उत्पादन कम किया गया है। हरदुआगंज की 250 मेगावाट की एक और जवाहरपुर की 660 मेगावाट की एक यूनिट को तकनीकी कारणों से बंद किया गया है। इस प्रकार, प्रदेश में कुल 2,365 मेगावाट का उत्पादन बंद हुआ है।
विद्युत उपभोक्ता परिषद का विरोध
विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने ऊर्जा मंत्री एके शर्मा और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग की है कि इन दिनों धान की खेती शुरू हो रही है, जिससे ग्रामीण इलाकों में बिजली की जरूरत ज्यादा है। इसलिए, विद्युत उत्पादन इकाइयों को बंद करने के बजाय रोस्टर प्रणाली को खत्म किया जाए। वर्मा का कहना है कि इस निर्णय से ग्रामीण क्षेत्रों के किसान और सामान्य जनजीवन प्रभावित हो रहे हैं।
बिजली उत्पादन की स्थिति
Uttar Pradesh में बिजली उत्पादन की स्थिति पर नजर डालें तो राज्य में कई प्रमुख थर्मल और हाइड्रो पावर प्लांट हैं। टांडा, हरदुआगंज, और अनपरा जैसे थर्मल पावर प्लांट्स राज्य की बिजली की मांग को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। लेकिन, वर्तमान में इन प्लांट्स का उत्पादन या तो तकनीकी कारणों से या मांग की कमी के कारण बंद है।
सरकारी पहल
उत्तर प्रदेश सरकार ने बिजली उत्पादन और वितरण में सुधार के लिए कई पहल की हैं। “सौभाग्य योजना” के तहत राज्य में 100% विद्युतीकरण का लक्ष्य रखा गया है। इसके अलावा, सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य सरकार ने कई सोलर पावर प्लांट्स की स्थापना की है और सोलर रूफटॉप सिस्टम्स को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है।
समस्याएँ और समाधान
बिजली कटौती और उत्पादन इकाइयों के बंद होने की समस्याओं के समाधान के लिए कुछ सुझाव निम्नलिखित हैं:
- उत्पादन इकाइयों का पुनः संचालन: उत्पादन इकाइयों को तकनीकी समस्याओं का समाधान करके पुनः चालू किया जाना चाहिए।
- सौर ऊर्जा का विस्तार: सोलर पावर प्लांट्स की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए ताकि बिजली की कमी को पूरा किया जा सके।
- बिजली की चोरी रोकना: बिजली की चोरी को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाने चाहिए।
- अधोसंरचना में सुधार: बिजली वितरण की अधोसंरचना को सुधारने के लिए निवेश किया जाना चाहिए।
- स्थानीय फॉल्ट्स का समाधान: स्थानीय फॉल्ट्स को जल्दी से जल्दी ठीक किया जाना चाहिए ताकि बिजली की आपूर्ति में कोई बाधा न आए।
Uttar Pradesh में बिजली की समस्या गंभीर है और इसे सुलझाने के लिए तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता है। राज्य सरकार और पावर कॉर्पोरेशन को मिलकर काम करना होगा ताकि बिजली की समस्या का स्थायी समाधान निकाला जा सके।
बिजली उत्पादन इकाइयों को पुनः चालू करना, सौर ऊर्जा को बढ़ावा देना, और अधोसंरचना में सुधार करने जैसे कदमों से प्रदेश की बिजली की समस्याओं को हल किया जा सकता है। विद्युत उपभोक्ता परिषद द्वारा उठाए गए मुद्दों पर ध्यान देना भी आवश्यक है ताकि किसानों और ग्रामीण क्षेत्रों की बिजली की जरूरतें पूरी की जा सकें।