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social media confession: सीट तक पहुंचने में लग गए एक घंटे- कन्फर्म टिकट के बावजूद खड़े होकर करना पड़ा सफर

social media ट्रेनों में भीड़भाड़ की वजह से भी यात्रा करना मुश्किल हो जाता है. इसको लेकर कई बार कई शिकायतें भी मिली हैं. एक यात्री ने रेल यात्रा के दौरान अपने साथ हुई परेशानी को सोशल मीडिया में बयां किया है, जो काफी वायरल हो रहा है. उसमें शख्स ने अपनी तस्वीर साझा करते हुए अपना अनुभव शेयर किया है.

social media  प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में आभास कुमार श्रीवास्तव नाम के शख्स ने अपनी यात्रा के अनुभव को साझा किया. उन्होंने बताया कि भीड़भाड़ वाली राउरकेला इंटरसिटी ट्रेन में अपनी सीट तक पहुंचने में उसे किस तरह की परेशानी का सामना करना पड़ा. उसने बताया, 4 दिन पहले सीट रिजर्व की और कन्फर्म टिकट मिल गया. किसी तरह ट्रेन में प्रवेश करने के बाद मुझे एहसास हुआ कि मैं अपनी सीट नंबर 64 तक नहीं पहुंच सका.

आभास कुमार श्रीवास्तव नाम के शख्स ने अपने पोस्ट में बताया कि उसे अपने निर्धारित कन्फर्म सीट तक पहुंचने में करीब एक घंटे का वक्त लग गया. क्योंकि कोच में भारी भीड़ थी. उसने अपने पोस्ट में खचाखच भरे एक ट्रेन कोच की तस्वीर भी अपलोड की. जिसमें साफ देखा जा सकता है कि कोच में लोगों की कितनी भीड़ है. उसमें आवाजाही के लिए बहुत कम जगह बची थी. उसने तंज कसते हुए लिखा, आजकल ओडिशा में इंटरसिटी ट्रेनों में किसी कारण से इस प्रकार के कोच होते हैं.

शख्स ने अपने पोस्ट में बताया कि कोच में भारी भीड़ का सामना करते हुए एक घंटे की मेहनत के बाद निर्धारित सीट तक पहुंचा, लेकिन वहां पहुंचकर भी वह सीट पर नहीं बैठ पाया. उसने अपने पोस्ट में लिखा, एक घंटे बाद जब मैं अपनी सीट पर पहुंचा तो उस पर एक गर्भवती महिला बैठी हुई थी, इसलिए वहां से चला गया और दो घंटे तक गेट पर ही खड़ा रहा.

(from social media post)

दीपांशु सैनी

इं0 दीपांशु सैनी (सहारनपुर, उत्तर प्रदेश) उभरते हुए कवि और लेखक हैं। जीवन के यथार्थ को परिलक्षित करती उनकी रचनाएँ अत्यन्त सराही जा रही हैं। (सम्पर्क: 7409570957)

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