संपादकीय विशेष

ट्टिडी का भयंकर प्रकोप: कृषकों से अपील – अपनी फसलों की सतत निगरानी करते रहे

मुजफ्फरनगर। कृषि निदेशक उ.प्र.,लखनऊ व उत्तर प्रदेश शासन के द्वारा जानकारी दी गयी कि राजस्थान तथा पंजाब के सीमा से लगे हिन्दुतान के पश्चिमी सरहदी गाँवों में ट्टिडी का भयंकर प्रकोप देखा गया है।

ट्टिडी दल द्वारा खड़ी फसलों में भारी नुकसान पहुंचाया जा रहा है, क्योंकि ट्टिडी दल प्रायः दिन डूबने के समय किसी न किसी पेड/पौधों पर दिन निकलने तक आश्रय लेती है। अतः कृषकों से अपील की जाती है कि अपनी फसलों की सतत निगरानी करते रहे।

उक्त कीट की निगरानी हेतु उप कृषि निदेशक मुजफ्फरनगर द्वारा जिला कृषि रक्षा अधिकारी मुजफ्फरनगर पवन कुमार के माध्यम से सभी ग्रामध्विकास खण्ड स्तरीय कर्मचारियों की ट्टिडी नियन्त्रण हेतु ड्यूटी लगायी गयी है। यदि कहीं पर टिड्डियों की संख्या समूह के रूप में दिखायी दे तो तत्काल न्याय पंचायत स्तर के प्राविधिक सहायकध्एटीएम, बी.टी.एम. या सम्बन्धित विकास खण्ड के सहायक विकास अधिकारी (कृषि रक्षा/कृषि) को सूचित करें तथा टिड्डियों को भगाने हेतु शोर करके (बर्तन एवं अन्य ध्वनि यन्त्रों से) भी उनकों फसलों से दूर किया जा सकता है

तथा खेतों के किनारे सावधानी पूर्वक फोगिंग या पुआल का धुंआ फलाकर टिड्ढी दल को खेतों से दूर रखा जा सकता है। सामान्यतः टिड्ढी द्वारा दिन में खाने तथा रात्रि में अण्डे देने की प्रवृति होती है।

 यदि किसान भाई किसी क्षेत्र में विशेष रूप से टिड्ढी दल रात्रि में रूकते है, तो किसान प्रातः ही उस क्षेत्र को जोत कर कीटनाशक (जैसेरू-मैलाथियान ५० प्रतिशत की १.५ लीटर प्रति हैक्टेयर, क्लारोपाइरीफॉस २० प्रतिशत की २ लीटर प्रति हैक्टेयर, डाईक्लोरोवॉस ७५ प्रतिशत की ५०० मिली. प्रति हैक्टेयर अथवा बयूवेरिया बेसियाना की २.५ किग्रा. प्रति हैक्टेयर उक्त रसायनों का ६००-७०० लीटर पानी में घोलकर) स्प्रै कर अण्डों को नष्ट कर दें, जिससे उनकी अगली पीढी तैयार न हो पाए तथा किसान भाई अपनी फसलों की सतत निगरानी रखे।

जिला कृषि रक्षा अधिकारी पवन कुमार विश्वकर्मा ने कहा है कि कृषक भाईयों अधिक जानकारी हेतु विकास खण्ड स्तर पर प्रभारीध्सहायक विकास अधिकारी (कृषिध्कृषि रक्षा), तहसील स्तर पर उपसम्भागीय कृषि प्रसार अधिकारी तथा जनपद स्तर पर कृषि रक्षा अधिकारी, मुजफ्फरनगर कन्ट्रोल रूम (मोबाइल नम्बर ९७५६२५३४१७, ९३१९३९५६३९) से सम्पर्क कर जानकारी प्राप्त की जा सकती है।

प्रदेश स्तर पर स्थापित केन्द्रीय एकीकृत नाशीजीव प्रबन्धन केन्द्र लखनऊ को फोन नं. ०५२२-२७३२०६३ पर सूचित करें।

Editorial Desk

संपादकीय टीम अनुभवी पेशेवरों का एक विविध समूह है, जो मीडिया उत्कृष्टता और सामाजिक जिम्मेदारी के प्रति प्रतिबद्ध है। अकादमिक, पत्रकारिता, कानून और स्वास्थ्य सेवा सहित विभिन्न क्षेत्रों में विशेषज्ञता के साथ, प्रत्येक सदस्य अद्वितीय दृष्टिकोण और उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री प्रदान करने के प्रति जुनून लाता है। टीम में वरिष्ठ संपादक, लेखक और विषय विशेषज्ञ शामिल हैं, जो व्यापक, समयबद्ध और आकर्षक लेख सुनिश्चित करते हैं। सार्थक वार्तालापों को बढ़ावा देने और सामाजिक जागरूकता को बढ़ाने के लिए समर्पित, टीम समाज को प्रभावित करने वाले महत्वपूर्ण मुद्दों पर पाठकों को अच्छी तरह से सूचित रखती है।

Editorial Desk has 437 posts and counting. See all posts by Editorial Desk

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

five × two =