उपयोगकर्ताओं को नई निजता नीति अपनाने के लिए बाध्य नहीं करेगा WhatsApp
वॉट्सऐप ने शुक्रवार को दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि जब तक डाटा संरक्षण विधेयक प्रभाव में नहीं आ जाता तब तक वह उपयोगकर्ताओं को नई निजता नीति अपनाने के लिए बाध्य नहीं करेगा और इस नीति पर अभी रोक लगा दी गई है।वॉट्सऐप ने मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डी एन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ के समक्ष यह भी साफ किया कि इस बीच वह नई निजता नीति को नहीं अपनाने वाले उपयोगकर्ताओं के लिए उपयोग के दायरे को सीमित नहीं करेगा।
वॉट्सऐप की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने कहा, ‘‘हम स्वत: ही इस (नीति) पर रोक लगाने के लिए तैयार हो गए हैं। हम लोगों को इसे स्वीकार करने के लिए बाध्य नहीं करेंगे।’’
साल्वे ने कहा कि इसके बावजूद वॉट्सऐप अपने उपयोगकर्ताओं के लिए अपडेट का विकल्प दर्शाना जारी रखेगा। अदालत फेसबुक और उसकी सहायक कंपनी वॉट्सऐप की अपीलों पर सुनवाई कर रही है जो वॉट्सऐप की नई निजता नीति के मामले में जांच के भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) के आदेश पर रोक लगाने से इनकार करने के एकल पीठ के आदेश के खिलाफ दाखिल की गयी हैं।
देश और दुनिया में वॉट्सऐप सबसे ज्यादा लोकप्रिय इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप है और सिर्फ भारत में भी इसके करोड़ो यूजर्स हैं। वॉट्सऐप ने सरकार के खिलाफ नए नियमों के विरोध में दिल्ली हाई कोर्ट में शिकायत दर्ज कराई है। इस शिकायत में वॉट्सऐप ने सरकार से मांग की है कि नए रेग्युलेशंस लागू न किए जाएं। इस प्रकार फेसबुक यूनिट को प्राइवेसी पॉलिसी तोड़ने पर मजबूर किया जाएगा।