Dalai Lama ने बिशप डेम सारा मुल्लाली को आर्कबिशप नियुक्त होने पर दी बधाई, महिला नेतृत्व पर जताई खुशी
तिब्बतियों के सर्वोच्च आध्यात्मिक गुरु Dalai Lama ने लंदन की बिशप डेम सारा मुल्लाली को एंग्लिकन चर्च के अगली आर्कबिशप के रूप में नियुक्ति मिलने पर हार्दिक बधाई दी है। यह पद एंग्लिकन चर्च का सर्वोच्च पद माना जाता है और डेम सारा की नियुक्ति एक ऐतिहासिक कदम है, क्योंकि वह एंग्लिकन चर्च की पहली महिला आर्कबिशप बनेंगी। दलाई लामा ने अपनी बधाई में इस ऐतिहासिक नियुक्ति को ‘आशा का प्रतीक’ बताया और वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए उनके नेतृत्व की भूमिका की सराहना की।
वैश्विक चुनौतियों पर चिंता और बुनियादी मानवीय मूल्यों की आवश्यकता
दलाई लामा ने डेम सारा को भेजे गए अपने बधाई पत्र में दुनिया के सामने खड़ी वैश्विक चुनौतियों पर अपनी चिंता व्यक्त की। उन्होंने लिखा, “आज दुनिया कई मुश्किलों का सामना कर रही है। यह ऐसा समय है जब बुनियादी मानवीय मूल्यों को चुनौती दी जा रही है।” दलाई लामा ने इस बात पर जोर दिया कि इस कठिन समय में धार्मिक नेताओं की जिम्मेदारी और बढ़ जाती है, क्योंकि उनके पास समाज में करुणा, धैर्य और क्षमा जैसे मूल्यों को पुनः स्थापित करने की शक्ति है।
उन्होंने कहा कि, “धार्मिक नेताओं के रूप में हमारी यह विशेष जिम्मेदारी है कि हम इन बुनियादी मानवीय मूल्यों को फिर से जनता के ध्यान में लाएं। सभी धर्म क्षमा, धैर्य और करुणा की शिक्षा देते हैं और उन्हें विकसित करने के तरीके बताते हैं।”
महिला नेतृत्व के महत्व पर दलाई लामा का विश्वास
डेम सारा मुल्लाली के आर्कबिशप बनने पर दलाई लामा ने महिला नेतृत्व के महत्व पर अपने दृढ़ विश्वास को दोहराया। उन्होंने इस ऐतिहासिक नियुक्ति पर अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा कि महिला नेतृत्व समाज के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने यह भी कहा कि महिलाओं की करुणा और दूसरों की भावनाओं के प्रति अधिक संवेदनशीलता उन्हें बेहतर नेतृत्व करने में सक्षम बनाती है।
दलाई लामा ने वैज्ञानिक प्रमाणों का हवाला देते हुए कहा, “विज्ञान यह साबित करता है कि महिलाएं करुणा के मामले में अधिक संवेदनशील होती हैं और दूसरों की भावनाओं को बेहतर समझ सकती हैं। यह एक ऐसी विशेषता है जो उन्हें अद्वितीय बनाती है।”
महिला नेतृत्व से संबंधित दलाई लामा का बयान
दलाई लामा ने अपने बधाई पत्र में यह भी स्पष्ट किया कि अगर दुनिया में अधिकांश नेता महिलाएं होतीं, तो दुनिया कहीं अधिक समझदार और शांतिपूर्ण होती। उन्होंने कहा कि महिला नेतृत्व समाज में संतुलन और सहयोग को बढ़ावा देता है, और यह वैश्विक संकटों का सामना करने में अधिक प्रभावी हो सकता है।
उन्होंने अपनी बातों का समापन डेम सारा के लिए प्रार्थना और शुभकामनाओं के साथ किया और कहा कि वह ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि डेम सारा मुल्लाली का नेतृत्व समर्पण, शांति और करुणा के मार्ग पर चलने वाला हो, और उनकी यह यात्रा समाज को नए दृष्टिकोण और समाधान प्रदान करने में सक्षम हो।
आधिकारिक नियुक्ति और ऐतिहासिक महत्व
डेम सारा मुल्लाली की आर्कबिशप नियुक्ति सिर्फ एक धार्मिक परिवर्तन नहीं है, बल्कि यह समग्र समाज में महिलाओं के नेतृत्व की भूमिका को मजबूती देने वाला कदम है। आर्कबिशप का पद ऐतिहासिक रूप से पुरुषों के अधीन रहा है, लेकिन अब डेम सारा इस पर काबिज होंगी, जिससे महिलाओं के लिए और खासकर धार्मिक संस्थाओं में नेतृत्व का रास्ता और भी स्पष्ट हो गया है।
इस ऐतिहासिक नियुक्ति को लेकर दुनियाभर में उत्साह का माहौल है, क्योंकि यह बदलाव सिर्फ धार्मिक समुदायों तक ही सीमित नहीं रहेगा, बल्कि यह समाज के अन्य क्षेत्रों में भी महिलाओं की स्थिति को मजबूत करने में मदद करेगा।
दलाई लामा की यह टिप्पणी और बधाई पत्र न केवल डेम सारा मुल्लाली के लिए एक प्रेरणा है, बल्कि यह पूरे विश्व में महिला नेतृत्व की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो आने वाले समय में समाज को नई दिशा दे सकता है।

