Bareilly : प्रशिक्षु दरोगा नितिन कुमार की ‘घूस’ की काली करतूत, समझौता होने के बावजूद दंपती पर चार्जशीट लगाने का मामला”
Bareilly जिले के मीरगंज थाना क्षेत्र में एक मामला सामने आया है, जिसने पुलिस विभाग की ईमानदारी और कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रशिक्षु दरोगा नितिन कुमार पर आरोप है कि उन्होंने एक दंपती के विवाद में समझौता हो जाने के बावजूद चार्जशीट लगा दी और इसके बदले में घूस भी ली। इस मामले की जांच के बाद एसएसपी अनुराग आर्य ने दरोगा को निलंबित कर दिया है और विभागीय जांच भी शुरू कर दी है। इस घटना ने न सिर्फ मीरगंज थाने, बल्कि पूरे जिले में पुलिस के रवैये और पारदर्शिता को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं।
घटना का पूरा मामला
मीरगंज थाने में एक महिला ने अपने पति के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें उसने आरोप लगाया कि उसका पति उसे प्रताड़ित करता है। इस मामले की विवेचना प्रशिक्षु दरोगा नितिन कुमार को सौंपी गई थी। आरोप के अनुसार, नितिन कुमार ने मामले की जांच के दौरान दंपती को धमकाया और उनसे घूस मांगी। महिला और उसके पति ने इस मामले में समझौता कर लिया, जिसमें दोनों पक्षों के परिवार के कुछ सदस्य भी शामिल हुए थे। महिला ने समझौते की लिखित प्रति दरोगा को दी और मामले को निस्तारित करने की अपील की।
लेकिन इसके बावजूद, नितिन कुमार ने दंपती के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी। यह कदम पूरी तरह से गैरकानूनी और असंवेदनशील था, क्योंकि समझौते के बाद मामले की विवेचना बंद कर दी जानी चाहिए थी। इससे न केवल दंपती को मानसिक और वित्तीय परेशानी हुई, बल्कि पुलिस की छवि भी धूमिल हुई।
घूस के आरोप और पुलिस का ऐक्शन
मामले की गंभीरता को देखते हुए, पीड़ित दंपती ने वरिष्ठ अधिकारियों से इस मामले की शिकायत की। एसएसपी अनुराग आर्य ने मामले की गंभीरता को समझते हुए जांच का आदेश दिया। जांच के बाद यह स्पष्ट हुआ कि प्रशिक्षु दरोगा नितिन कुमार ने घूस के लिए दबाव डाला और समझौता होने के बावजूद आरोपियों पर चार्जशीट दाखिल की। इसके परिणामस्वरूप, नितिन कुमार को निलंबित कर दिया गया और विभागीय जांच शुरू कर दी गई।
इस घटना ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या पुलिस विभाग में सभी अधिकारी और कर्मचारी अपने कर्तव्यों को ईमानदारी से निभा रहे हैं? विशेष रूप से उन मामलों में, जहां आम जनता की न्याय की उम्मीद पुलिस से होती है, ऐसे मामलों की गंभीरता और बढ़ जाती है।
पुलिस व्यवस्था में सुधार की जरूरत
यह मामला केवल एक व्यक्ति की गलती नहीं है, बल्कि पुलिस व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता को उजागर करता है। जब तक पुलिस विभाग में पारदर्शिता और उचित निगरानी नहीं होगी, तब तक ऐसे मामलों की संभावना बनी रहेगी। एक प्रशिक्षु दरोगा द्वारा किए गए इस कृत्य ने पुलिस के अच्छे कामकाज पर सवाल खड़ा कर दिया है।
बड़े अधिकारियों से लेकर छोटे कर्मचारियों तक, सभी को यह समझाना जरूरी है कि उनके कर्तव्यों का पालन कैसे किया जाए और नागरिकों की शिकायतों का निस्तारण किस प्रकार किया जाए। इसके लिए पुलिस ट्रेनिंग में सुधार करने की जरूरत है, ताकि ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति न हो।
पुलिस विभाग की सख्त कार्रवाई
एसएसपी अनुराग आर्य ने इस पूरे मामले में सख्त कार्रवाई की है, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि विभाग अपने कर्मचारियों की गलतियों को नजरअंदाज नहीं करेगा। नितिन कुमार के निलंबन और जांच से विभाग की कड़ी छवि बनी है। एसएसपी ने कहा कि विभाग हर स्तर पर पारदर्शिता बनाए रखेगा और जो भी अधिकारी नियमों का उल्लंघन करेगा, उसे सजा दी जाएगी।
इस मामले में विभागीय जांच के साथ-साथ यह भी देखने की जरूरत है कि पुलिस विभाग में किस तरह की नीतियाँ और प्रशिक्षण दिए जाते हैं। इस तरह के मामलों में कार्रवाई के परिणामस्वरूप जनता में विश्वास बढ़ेगा और पुलिस की कार्यशैली में सुधार होगा।
जनता की भूमिका
अंत में, यह महत्वपूर्ण है कि जनता भी अपनी आवाज उठाए और जब भी कोई पुलिस अधिकारी नियमों का उल्लंघन करे, उसे जिम्मेदार ठहराए। समाज में पुलिस की भूमिका को बेहतर बनाने के लिए नागरिकों को भी जागरूक रहना होगा। केवल शिकायत दर्ज कराना ही नहीं, बल्कि उस पर कार्रवाई को सुनिश्चित करना भी आवश्यक है।
मीरगंज थाने में घटित इस घटना ने यह साबित कर दिया है कि किसी भी संस्था का संचालन ईमानदारी और पारदर्शिता से ही संभव है। पुलिस विभाग को अपने कर्तव्यों का पालन सच्चाई और निष्पक्षता से करना चाहिए, ताकि आम जनता को न्याय मिल सके और समाज में पुलिस का विश्वास बना रहे।

