E-MAP Portal: व्यापार की राह आसान, पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने की ऐतिहासिक पहल-राष्ट्रीय विधिक माप विज्ञान पोर्टल
उपभोक्ताओं और व्यापारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए कई क्रांतिकारी कदम उठा रही है। इन्हीं में से एक है राष्ट्रीय विधिक माप विज्ञान पोर्टल (E-MAP Portal), जो व्यापार में पारदर्शिता, सरलता और जवाबदेही सुनिश्चित करेगा। इस पहल का उद्देश्य राज्य विधिक माप विज्ञान विभागों और उनके पोर्टलों को एकीकृत करके व्यापार और उपभोक्ताओं के लिए एक सहज और डिजिटल अनुभव प्रदान करना है।
क्या है ईमैप पोर्टल?
E-MAP Portal एक केंद्रीयकृत डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म है, जिसे केंद्रीय उपभोक्ता मामले विभाग ने विकसित किया है। इस पोर्टल का उद्देश्य है:
- लाइसेंस जारी करने और सत्यापन प्रक्रिया को सरल बनाना
- कई राज्य पोर्टलों की जगह एकीकृत पोर्टल का निर्माण
- प्रवर्तन और अनुपालन प्रबंधन में पारदर्शिता लाना
इस पोर्टल से व्यापारियों को विभिन्न राज्यों में अलग-अलग पोर्टलों पर पंजीकरण करने की आवश्यकता समाप्त हो जाएगी। इससे न केवल कागजी कार्रवाई कम होगी, बल्कि व्यापार करने में आसानी भी होगी।
कैसे करेगा यह पोर्टल काम?
वर्तमान में, राज्य सरकारें पैकेज्ड वस्तुओं के पंजीकरण, लाइसेंस जारी करने और माप-तौल उपकरणों के सत्यापन के लिए अपने-अपने पोर्टल का उपयोग करती हैं। हालांकि, इन प्रक्रियाओं में एकीकृत व्यवस्था की कमी के कारण व्यापारियों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
ईमैप पोर्टल इन समस्याओं का समाधान निम्नलिखित तरीकों से करेगा:
- केंद्रीकृत डेटाबेस: व्यापार और उपभोक्ता से संबंधित सभी जानकारी एक स्थान पर उपलब्ध होगी।
- डिजिटल प्रवर्तन: अपराधों की जांच और समाधान ऑनलाइन किया जा सकेगा।
- अनुपालन प्रबंधन: व्यापार नियमों और कानूनों का पालन करना आसान होगा।
- ऑनलाइन सेवाएं: लाइसेंस नवीनीकरण, संशोधन, और वजन एवं माप उपकरणों का सत्यापन अब डिजिटल रूप में होगा।
उद्योगों के लिए वरदान
ईमैप पोर्टल व्यापारियों और उद्योगों के लिए एक बड़ा बदलाव लाएगा। अब तक अलग-अलग राज्य पोर्टलों पर पंजीकरण और लाइसेंस प्रक्रिया में काफी समय और संसाधन लगते थे। इस पोर्टल के माध्यम से:
- व्यापार प्रक्रिया तेज होगी।
- कागजी कार्रवाई की आवश्यकता में कमी आएगी।
- प्रवर्तन गतिविधियां प्रभावी और त्वरित होंगी।
- उद्योगों को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनने में मदद मिलेगी।
बैठकों में हुआ व्यापक विमर्श
इस पोर्टल को विकसित करने में सरकार ने कई पक्षों से सलाह-मशविरा किया है। उपभोक्ता मामले विभाग के सचिव की अध्यक्षता में फिक्की, सीआईआई, एसोचैम और पीएचडी चैंबर जैसे प्रमुख उद्योग संघों के साथ बैठकें की गईं। इसके अलावा, एनआईसी और राज्य विधिक माप विज्ञान विभागों के प्रतिनिधि भी इस प्रक्रिया में शामिल हुए।
इन बैठकों में यह सुनिश्चित किया गया कि पोर्टल न केवल उपयोग में आसान हो, बल्कि व्यापार और उपभोक्ता हितों के अनुकूल भी हो।
पारदर्शिता और जवाबदेही पर विशेष जोर
ईमैप पोर्टल का सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह सरकारी प्रक्रियाओं में पारदर्शिता लाएगा। व्यापारियों और उपभोक्ताओं को वास्तविक समय में लाइसेंस स्थिति, प्रवर्तन गतिविधियां और अन्य जानकारी मिलेगी। इसके अलावा, पोर्टल का उपयोग:
- भ्रष्टाचार रोकने
- गलत प्रथाओं पर नजर रखने
- सरकारी जवाबदेही बढ़ाने में भी किया जाएगा।
सरकार की डिजिटल क्रांति का हिस्सा
ईमैप पोर्टल, भारत सरकार की डिजिटल इंडिया पहल का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह कदम न केवल उपभोक्ता अधिकारों को मजबूत करेगा, बल्कि व्यापार के लिए एक अनुकूल माहौल भी तैयार करेगा।
इसके अलावा, यह पोर्टल विभिन्न क्षेत्रों में डिजिटल सुधार का उदाहरण बनेगा और अन्य सरकारी विभागों को भी अपने-अपने क्षेत्रों में डिजिटल परिवर्तन के लिए प्रेरित करेगा।
भविष्य की संभावनाएं
ईमैप पोर्टल से व्यापार जगत में एक नई शुरुआत होगी। इससे:
- व्यापार नियमों का पालन करना आसान होगा।
- राज्यों के बीच समन्वय में सुधार होगा।
- डिजिटल प्रौद्योगिकी के उपयोग से प्रक्रियाएं तेजी से होंगी।
- व्यापार में विदेशी निवेश को बढ़ावा मिलेगा।
ईमैप पोर्टल न केवल व्यापार के लिए एक क्रांतिकारी पहल है, बल्कि यह भारत के डिजिटल और आर्थिक विकास का प्रतीक भी है। उपभोक्ता मामले विभाग का यह कदम व्यापार और उपभोक्ताओं दोनों के हित में है। पारदर्शिता और जवाबदेही के साथ, यह पोर्टल भारत को व्यापार के लिए एक पसंदीदा गंतव्य बनाने में मदद करेगा।
वर्तमान में, राज्य सरकारें पैकेज्ड वस्तुओं के पंजीकरण, लाइसेंस जारी करने और तौल एवं माप उपकरणों के सत्यापन/मुद्रांकन के लिए अपने स्वयं के पोर्टल का उपयोग कर रही हैं। प्रवर्तन गतिविधियाँ और अपराधों के समाधान के लिए कोई ऑनलाइन व्यवस्था नहीं हैं। इसलिए, उपभोक्ता मामले विभाग सभी राज्य पोर्टलों को राष्ट्रीय विधिक माप विज्ञान पोर्टल ‘ईमैप’ के रूप में एकीकृत कर रहा है जिसमें प्रवर्तन सहित विधिक माप विज्ञान के सभी कार्य शामिल होंगे और एकीकृत डेटा बेस बनाने में मदद मिलेगी।
पोर्टल के विकास के लिए उपभोक्ता मामले विभाग के सचिव की अध्यक्षता में कई बैठकें आयोजित की गई थीं। प्रारंभिक रूपरेखा पर चर्चा करने के लिए 30 अगस्त, 2024 को एनआईसी के साथ कानूनी माप विज्ञान के नियंत्रकों और उनके प्रतिनिधियों के साथ एक हाइब्रिड बैठक हुई थी। विभाग के सचिव की अध्यक्षता में एक और हाइब्रिड बैठक 28 नवंबर, 2024 को हुई जिसमें उद्योग और फिक्की, सीआईआई, पीएचडी, एसोचैम जैसे उद्योग संघ, राज्य कानूनी माप विज्ञान विभागों के प्रतिनिधि और एनआईसी की टीम शामिल हुई। बैठक में व्यापारियों, विनिर्माताओं, पैकर्स, पैकेज्ड वस्तुओं के आयातकों और वजन और माप उपकरणों के निर्माताओं, डीलरों और मरम्मत करने वालों को बेहतर सेवा देने के लिए पोर्टल को परिष्कृत करने पर चर्चा की गई। इन चर्चाओं के दौरान प्राप्त सुझावों की समीक्षा की जा रही है और पोर्टल को कुशल और उपयोगकर्ता के अनुकूल बनाने के लिए उन्हें शामिल किया जा रहा है।
ईमैप पोर्टल लाइसेंस जारी करने, नवीनीकरण करने और संशोधन करने जैसी महत्वपूर्ण प्रक्रियाओं को सरल बनाता है। इससे वजन और माप उपकरण, पंजीकरण प्रमाणपत्र और अपील आदि के सत्यापन तथा मुहर लगाना भी आसान होता है। यह व्यापारियों और उद्योगों के लिए अनुपालन बोझ और कागजी कार्रवाई को कम करता है तथा कानूनी माप विज्ञान अधिनियम, 2009 और उसके तहत बनाए गए नियमों के प्रावधानों का समय पर अनुपालन सुनिश्चित करता है, जिससे कारोबार के लिए एक पारदर्शी और अनुकूल माहौल बनता है। पोर्टल के माध्यम से दक्षता और जवाबदेही की अभिवृद्धि के साथ-साथ उत्पादन क्षमता को भी बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
ईमैप पोर्टल उपभोक्ताओं के लिए यह सुनिश्चित करता है कि व्यापार उपकरणों की सटीकता सत्यापित की गई है जिससे लेनदेन में विश्वास बढ़ता है। यह एक पारदर्शी कानूनी माप प्रणाली प्रदान करता है जिससे प्रमाणपत्रों तक आसान पहुंच मिलती है और अधिकारों और जिम्मेदारियों के बारे में जागरूकता बढ़ती है। यह पोर्टल सरकारों को डेटा-संचालित निर्णय लेने में सक्षम बनाता है, प्रवर्तन गतिविधियों को सुव्यवस्थित करता है और नीति-निर्माण को सुविधाजनक बनाता है जिससे एक मजबूत और कुशल विनियामक ढांचा सुनिश्चित होता है।

