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Muzaffarnagar में बारिश बनी आफ़त: जलभराव से जूझते मोहल्ले, नगर पालिका पर उठे सवाल?

लगातार हो रही रुक-रुक कर तेज बारिश ने Muzaffarnagar शहर की सड़कों और बस्तियों को जलमग्न कर दिया है। नगर के कई प्रमुख मोहल्ले जैसे रामपुरी, रामलीला टिला, शाहबुद्दीन रोड, जनकपुरी, दक्षिणी कृष्णापुरी, शिव चौक और गांधी कॉलोनी पूरी तरह से पानी में डूब गए हैं।

घरों में घुसा पानी, बस्तीवासियों की मुश्किलें बढ़ीं
बारिश का पानी कई घरों के अंदर तक घुस गया, जिससे स्थानीय निवासियों को अपने ही घर में रहने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। बुज़ुर्ग, महिलाएं और छोटे बच्चे खासतौर पर इस मुसीबत की चपेट में आए। जनकपुरी और रामलीला टिला जैसे इलाकों में तो गली-गली नदियों का रूप ले चुकी हैं।

निचले इलाकों में हालात गंभीर, नगर पालिका पर उठे सवाल
निचली बस्तियों में जलनिकासी की सही व्यवस्था न होने के चलते हालात और ज्यादा बिगड़ गए। नागरिकों का गुस्सा नगर पालिका पर फूटा। लोगों का कहना है कि हर बार की तरह इस बार भी प्रशासन ने बारिश से पहले नालियों की सफाई नहीं करवाई, जिसकी वजह से पूरा शहर परेशानी में है।

पालिका अध्यक्ष ने किया प्रभावित क्षेत्रों का दौरा
नगर पालिका अध्यक्ष ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा जरूर किया, लेकिन नागरिकों ने सवाल खड़े किए कि यह दौरा अब क्यों? जब पूरा शहर जल में डूब गया, तब अधिकारियों को इलाकों की याद आई। लोगों का कहना है कि अगर पहले से नाली-नालों की सफाई कर दी जाती, तो शायद यह नौबत ही नहीं आती।

दोपहर बाद घटा जलस्तर, लेकिन समस्या बरकरार
दोपहर के समय बारिश रुकने के बाद कुछ इलाकों में जलस्तर थोड़ा कम हुआ, लेकिन गंदा पानी और कीचड़ अब भी लोगों की मुश्किलें बढ़ा रहा है। कई जगहों पर मकानों की दीवारें गीली होकर दरकने लगी हैं। वहीं, बिजली आपूर्ति भी बाधित हुई है, जिससे मोबाइल चार्जिंग, पंखे, और अन्य जरूरी उपकरण भी बंद हो गए हैं।

स्वास्थ्य पर मंडरा रहा खतरा, महामारी फैलने का डर
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि यदि जल्द जल निकासी नहीं हुई, तो डेंगू, मलेरिया जैसी बीमारियां फैलने का खतरा बढ़ सकता है। गंदे पानी में बच्चों का खेलना और लोगों का उसी पानी से आना-जाना बीमारी को न्योता दे सकता है।

बारिश के पहले अलर्ट क्यों नहीं? नागरिकों की मांग—जवाबदेही तय हो
नागरिकों ने प्रशासन से पूछा कि हर बार की तरह इस बार भी कोई पूर्व तैयारी क्यों नहीं की गई? क्या नगर पालिका को यह नहीं पता था कि मानसून के समय शहर में भारी बारिश होती है? अब मांग की जा रही है कि लापरवाह अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाए।

नगर निगम की रणनीति फेल, स्मार्ट सिटी के दावे हुए फुस्स

शहर को स्मार्ट सिटी के दायरे में शामिल करने की बात की जाती है, लेकिन हकीकत ये है कि एक दिन की बारिश में शहर की सड़कों का बुरा हाल हो गया। शिव चौक जैसे व्यस्त इलाकों में पानी भरने से लोगों को घंटों जाम में फंसना पड़ा। दुकानदारों की बिक्री ठप रही और स्कूल-कॉलेज जाने वाले छात्र-छात्राओं को कठिनाई का सामना करना पड़ा।

जलभराव से जनजीवन अस्त-व्यस्त, वाहनों की रफ्तार थमी
जलभराव के कारण दोपहिया और चारपहिया वाहन चालकों को बेहद परेशानी हुई। बाइक सवार कई जगहों पर फिसलते देखे गए। गाड़ियों के इंजन बंद हो गए, और रिक्शा चालकों को अपने वाहन खींचते हुए देखा गया।

महिलाओं ने खुद थामा झाड़ू-बाल्टी, सफाईकर्मियों का अता-पता नहीं
कई क्षेत्रों में महिलाओं ने खुद झाड़ू और बाल्टी लेकर पानी हटाने की कोशिश की, क्योंकि नगर पालिका के कर्मचारी नदारद थे। लोगों ने कहा कि बारिश आने से पहले कोई कर्मचारी नालियों की सफाई नहीं करता और बरसात के बाद सभी अदृश्य हो जाते हैं।

मुज़फ्फरनगर की जनता का सवाल—क्या कोई सुन रहा है?
अब सवाल उठता है कि क्या कोई प्रशासनिक अधिकारी जनता की इन आवाज़ों को सुन रहा है? या फिर अगली बारिश तक सब भूल जाएंगे और फिर वही कहानी दोहराई जाएगी?

बारिश से प्रभावितों के लिए राहत कार्य कब शुरू होगा?
बारिश रुकने के बाद भी प्रशासन की ओर से राहत कार्य की कोई स्पष्ट योजना नहीं दिखाई दे रही है। न तो कोई अस्थाई पंपिंग सेट लगाए गए हैं और न ही जल निकासी के लिए अतिरिक्त कर्मचारी तैनात किए गए हैं।

जनता ने की स्थाई समाधान की मांग
लोगों की मांग है कि इस समस्या का स्थाई समाधान किया जाए। केवल बरसात में फोटो खिंचवाने से शहर की जलनिकासी सुधरने वाली नहीं है। नगर निगम को चाहिए कि एक स्थाई जल प्रबंधन योजना तैयार करे, जिसमें नालों की सफाई, ड्रेनेज सिस्टम की मजबूती और पंप हाउस की व्यवस्था हो।

मुज़फ्फरनगर बारिश और जलभराव से जुड़ी अन्य खबरें
इससे पहले भी कई बार मुज़फ्फरनगर में बरसात के बाद ऐसा ही दृश्य देखा गया है। 2023 में भी गांधी कॉलोनी और रामपुरी जैसे इलाकों में लोगों के घरों में पानी घुस गया था। बावजूद इसके, इस बार भी प्रशासन ने कोई सबक नहीं लिया।

अगली बारिश में होगा क्या? जनता की चिंता बढ़ी
लोगों की सबसे बड़ी चिंता यही है कि यदि अगले कुछ दिनों में फिर से बारिश हुई, तो हालात और ज्यादा बिगड़ सकते हैं। क्या प्रशासन इसके लिए तैयार है? या फिर अगली बार भी जनता को खुद ही अपनी रक्षा करनी होगी?

मुज़फ्फरनगर में लगातार हो रही बारिश ने नगर पालिका की तैयारियों की पोल खोल दी है। जलभराव की इस त्रासदी से सबक लेते हुए यदि प्रशासन अब भी नहीं जागा, तो आने वाले दिनों में जनता की परेशानी और भी गहरी हो सकती है। यह वक्त है जिम्मेदारी तय करने का, न कि बयानबाज़ी का।

 

Dr. S.K. Agarwal

डॉ. एस.के. अग्रवाल न्यूज नेटवर्क के मैनेजिंग एडिटर हैं। वह मीडिया योजना, समाचार प्रचार और समन्वय सहित समग्र प्रबंधन के लिए जिम्मेदार है। उन्हें मीडिया, पत्रकारिता और इवेंट-मीडिया प्रबंधन के क्षेत्र में लगभग 3.5 दशकों से अधिक का व्यापक अनुभव है। वह राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई प्रतिष्ठित समाचार पत्रों, चैनलों और पत्रिकाओं से जुड़े हुए हैं। संपर्क ई.मेल- [email protected]

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