संपादकीय विशेष

Muzaffarnagar में झमाझम बारिश ने तोड़ी गर्मी की कमर! राहत के साथ मुसीबत भी लाया सावन का पानी

**🌧️ Muzaffarnagar पिछले कुछ दिनों से प्रचंड गर्मी और चुभती उमस से त्रस्त शहरवासियों के लिए सोमवार देर रात और मंगलवार सुबह की बारिश किसी वरदान से कम नहीं रही। सावन के महीने में इस झमाझम बारिश ने जहां एक ओर मौसम को खुशनुमा बना दिया, वहीं दूसरी ओर नगर पालिका की व्यवस्थाओं की पोल भी खोल दी।

🌡️ भीषण गर्मी से झुलस रहा था शहर

बीते चार दिनों से तापमान लगातार 35 डिग्री सेल्सियस के पार बना हुआ था। उमस और तेज़ धूप ने दिन को झुलसता और रात को बेचैन कर दिया था। लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो गया था। हर ओर गर्मी से राहत की दुआएं हो रही थीं। ऐसे में मंगलवार सुबह करीब 5:30 बजे शुरू हुई झमाझम बारिश ने जैसे सभी को राहत की सांस दे दी। तेज़ बारिश से शहर की सड़कों पर पानी की चादर बिछ गई और मौसम अचानक से सुहावना हो गया।

🌧️ बारिश से मौसम खुशगवार, लेकिन…

हालांकि यह राहत कुछ घंटों के लिए ही मीठी लगी, क्योंकि जलभराव की समस्या ने हालात बिगाड़ दिए। गांधी कॉलोनी, रेलवे रोड, मीनाक्षी चौक, खालापार और कई अन्य इलाकों में जलजमाव के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। सुबह ऑफिस जाने वालों और स्कूल जाने वाले बच्चों को पानी से होकर गुजरना पड़ा। कई जगहों पर ऑटो, दोपहिया वाहन और यहां तक कि कारें भी बंद हो गईं।

🚧 जलभराव बना सबसे बड़ी समस्या

नालियों की सफाई समय पर न होने और ड्रेनेज सिस्टम की कमजोर स्थिति के कारण कई मुख्य मार्गों पर घुटनों तक पानी भर गया। पैदल यात्रियों को कीचड़ और गंदे पानी से गुजरना पड़ा। स्थानीय नागरिकों ने नगर पालिका प्रशासन की लापरवाही पर जमकर नाराजगी जताई।

🗣️ स्थानीय लोगों का फूटा गुस्सा

स्थानीय निवासी रामपाल वर्मा ने कहा, “हर साल यही हाल होता है। बारिश आते ही पूरा शहर तालाब बन जाता है। नगर पालिका सिर्फ कागजों पर तैयार होती है।” वहीं महिला सामाजिक कार्यकर्ता सुमन देवी ने कहा, “बच्चों को स्कूल छोड़ने जाते वक्त साड़ी उठाकर चलना पड़ा। गंदा पानी हमारे घरों में घुस गया। यह कैसी व्यवस्था है?”

📊 मौसम विभाग की भविष्यवाणी

मौसम विभाग ने भी इस बारिश को मानसून की सक्रियता का परिणाम बताया है। मंगलवार को अधिकतम तापमान 26.7 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 25 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। हवा की गति 11.2 किलोमीटर प्रति घंटा रही और आर्द्रता स्तर 63% तक पहुंच गया। मौसम विभाग ने आगामी दिनों में भी बारिश जारी रहने का अनुमान जताया है।

📅 अगले कुछ दिन और भीगे रहेंगे!

30 जुलाई को हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई गई है। अधिकतम तापमान 28 डिग्री और न्यूनतम 24 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है। हवा की नमी 70% तक जा सकती है, जो बारिश की संभावना को और बढ़ा देता है। गरज के साथ हल्की बौछारें जारी रह सकती हैं।

🌾 किसानों के लिए वरदान बनी बारिश

जहां एक ओर शहरी इलाकों में बारिश ने जलभराव का संकट खड़ा किया, वहीं ग्रामीण इलाकों में यह वर्षा किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है। धान, मक्का और गन्ने की फसलों को इस समय पानी की बहुत जरूरत थी। किसान सुरेंद्र त्यागी ने बताया, “गर्मी और सूखे से खेत बेजान हो रहे थे। ये बारिश हमारे लिए नई उम्मीद लेकर आई है।”

🏢 नगर निगम की लापरवाही से बिगड़े हालात

लोगों का कहना है कि नगर निगम हर साल मानसून पूर्व तैयारियों के बड़े-बड़े दावे करता है, लेकिन हकीकत बारिश की पहली फुहार में सामने आ जाती है। मुख्य सड़कों से लेकर गलियों तक जलनिकासी की व्यवस्था लचर है। नालियां जाम हैं, सफाई कर्मियों की मौजूदगी नगण्य है।

🛑 स्कूल, व्यापार, और ट्रैफिक पर पड़ा असर

जलभराव के कारण कई स्कूलों में उपस्थिति कम रही। शहर के प्रमुख व्यापारिक इलाकों में दुकानें समय से नहीं खुल सकीं। वहीं ट्रैफिक पुलिस को भी कई चौराहों पर यातायात सुचारू रखने में परेशानी का सामना करना पड़ा।

🧹 क्या कहती है नगर पालिका?

नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी ने कहा कि बारिश की तीव्रता के कारण जलनिकासी में थोड़ी देरी हुई, लेकिन व्यवस्था को बहाल करने के लिए टीमें सक्रिय हैं। हालांकि, जनता इन बयानों को सिरे से नकार रही है और ठोस समाधान की मांग कर रही है।


🎯 क्या है समाधान?

हर साल बरसात के दौरान आने वाली इस समस्या से स्थायी निजात पाने के लिए नगर निगम को नालियों की समयबद्ध सफाई, ड्रेनेज सिस्टम का नवीनीकरण और मानसून पूर्व समीक्षा तंत्र को मजबूत करना होगा। इसके साथ ही नागरिकों को भी जागरूक रहकर सफाई व्यवस्था में सहयोग करना होगा।


मुजफ्फरनगर में झमाझम बारिश ने जहां लोगों को भीषण गर्मी से बड़ी राहत दी, वहीं जलभराव और प्रशासनिक लापरवाही ने परेशानी भी बढ़ा दी। आने वाले दिनों में अगर और बारिश होती है तो स्थिति और गंभीर हो सकती है। ऐसे में प्रशासन को सजग होकर तत्काल कार्यवाही करनी होगी, ताकि शहरवासी बारिश का आनंद ले सकें, न कि पानी से जूझते रहें।

Dr. S.K. Agarwal

डॉ. एस.के. अग्रवाल न्यूज नेटवर्क के मैनेजिंग एडिटर हैं। वह मीडिया योजना, समाचार प्रचार और समन्वय सहित समग्र प्रबंधन के लिए जिम्मेदार है। उन्हें मीडिया, पत्रकारिता और इवेंट-मीडिया प्रबंधन के क्षेत्र में लगभग 3.5 दशकों से अधिक का व्यापक अनुभव है। वह राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई प्रतिष्ठित समाचार पत्रों, चैनलों और पत्रिकाओं से जुड़े हुए हैं। संपर्क ई.मेल- [email protected]

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