Nigeria में सेना का बड़ा हवाई हमला : बोको हराम के 35 आतंकी ढेर, आतंक के ठिकानों पर तबाही मचाई
Nigeria की सुरक्षा एजेंसियों ने एक और महत्वपूर्ण सफलता दर्ज की है। नाइजीरिया की सेना ने बोर्नो प्रांत के कुम्शे इलाके में हवाई हमले कर कम से कम 35 संदिग्ध चरमपंथियों को ढेर कर दिया। ये चरमपंथी कुख्यात आतंकी संगठन बोको हराम और उसके सहयोगी जिहादी नेटवर्क से जुड़े बताए जा रहे हैं। यह कार्रवाई उस समय की गई जब आतंकियों ने कैमरून की सीमा से सटे इलाके में सैनिकों पर हमला करने की योजना बनाई थी।
कुम्शे बना आतंक का गढ़, सेना का सीधा निशाना
कुम्शे इलाका लंबे समय से बोको हराम के आतंकियों का सुरक्षित ठिकाना माना जाता है। कैमरून की सीमा से लगे इस इलाके से आतंकी न केवल स्थानीय ग्रामीणों बल्कि सुरक्षा बलों को भी निशाना बनाते रहे हैं। इसी वजह से नाइजीरियाई वायुसेना ने यहां एक सटीक और योजनाबद्ध हवाई अभियान चलाया।
सेना का बड़ा बयान : ‘इलाके में हालात अब स्थिर’
वायुसेना के प्रवक्ता एहिमेन एजोडामे ने पुष्टि की कि चार ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की गई और भारी नुकसान पहुंचाया गया। उन्होंने कहा कि इन हमलों के बाद सैनिकों से संपर्क स्थापित किया गया और अब वहां हालात स्थिर हैं। एजोडामे ने साफ किया कि यह कार्रवाई केवल एक सैन्य जवाब नहीं है, बल्कि आतंकियों के लिए चेतावनी है कि अब उनके लिए कोई सुरक्षित ठिकाना बचा नहीं है।
बोको हराम : 2009 से आतंक की जड़
नाइजीरिया में बोको हराम की दहशत 2009 से लगातार जारी है। इस आतंकी संगठन ने हजारों लोगों की जान ली, गांव के गांव उजाड़ दिए और लाखों लोगों को विस्थापित किया। यह संगठन केवल नाइजीरिया ही नहीं, बल्कि पूरे पश्चिमी अफ्रीका की स्थिरता के लिए खतरा बन चुका है। बोको हराम की विचारधारा और बर्बर हमलों ने नागरिकों को दशकों से भय के साए में जीने पर मजबूर किया है।
राष्ट्रपति बोला टीनुबू की सरकार दबाव में
नाइजीरिया के राष्ट्रपति बोला टीनुबू लगातार कह रहे हैं कि उनकी सरकार आतंकवाद पर नकेल कसने के लिए प्रतिबद्ध है। हालांकि जमीनी स्तर पर बोको हराम और अन्य जिहादी संगठनों की गतिविधियां अभी भी देश की शांति और विकास को प्रभावित कर रही हैं। अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी इस बात को लेकर चिंतित है कि अगर नाइजीरिया ने जल्द निर्णायक कदम नहीं उठाए, तो यह समस्या पड़ोसी देशों तक फैल सकती है।
नागरिकों की सुरक्षा अब सबसे बड़ी चुनौती
विशेषज्ञ मानते हैं कि केवल सैन्य कार्रवाई से समस्या का हल स्थायी नहीं हो सकता। नाइजीरिया को चाहिए कि वह राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक स्तर पर भी ठोस कदम उठाए। क्योंकि गरीबी, बेरोजगारी और शिक्षा की कमी जैसी समस्याएं चरमपंथ को बढ़ावा देती हैं। स्थानीय लोग चाहते हैं कि सरकार उनके पुनर्वास, रोजगार और सुरक्षा की गारंटी दे, ताकि वे आतंक के डर से मुक्त होकर जीवन जी सकें।
अंतरराष्ट्रीय सहयोग की जरूरत
नाइजीरिया में आतंकवाद की समस्या अब केवल स्थानीय नहीं रह गई है। बोको हराम और उससे जुड़े संगठन पड़ोसी देशों—कैमरून, नाइजर और चाड—में भी सक्रिय हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इस लड़ाई में केवल नाइजीरिया की सेना नहीं, बल्कि क्षेत्रीय सहयोग भी बेहद जरूरी है। संयुक्त राष्ट्र और अफ्रीकी संघ पहले से ही इस पर नजर बनाए हुए हैं।
सेना की ताजा कार्रवाई : एक मजबूत संदेश
बोर्नो प्रांत में हुआ यह हमला इस बात का प्रमाण है कि नाइजीरिया की सेना अब आक्रामक रणनीति अपना रही है। जहां पहले सेना केवल सुरक्षा बचाव पर ध्यान देती थी, वहीं अब आतंक के गढ़ों को जड़ से खत्म करने की कोशिश की जा रही है। यह कार्रवाई आने वाले समय में और भी कड़े कदमों की ओर संकेत करती है।
