Shahjahanpur News: देवस्थान से मजार और फिर मस्जिद बनाने का आरोप, अवैध निर्माण ढहा, पूरे ढांचे को हटाने की मांग पर गरमाया शाहजहांपुर
Shahjahanpur News में इन दिनों एक धार्मिक स्थल को लेकर उठा विवाद जिले भर में चर्चा का विषय बन गया है। उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जनपद के थाना पुवाया क्षेत्र के मेरेना गांव में मजार को मस्जिद में तब्दील किए जाने के आरोपों के बाद माहौल तनावपूर्ण हो गया। हिंदूवादी संगठनों ने इस मुद्दे को लेकर कड़ा आक्रोश जताया, जिसके बाद जिला प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए अवैध निर्माण के एक हिस्से को ध्वस्त करवा दिया। हालांकि, विवाद यहीं थमता नजर नहीं आ रहा है।
देवस्थान से मजार बनने का आरोप, फिर मस्जिद का ढांचा
स्थानीय ग्रामीणों और हिंदूवादी संगठनों का आरोप है कि कुछ वर्ष पहले तक जिस स्थान पर गांव का पारंपरिक देवस्थान था, वहां धार्मिक रस्में, विशेषकर शादी-विवाह के दौरान तेल पूजन जैसी परंपराएं निभाई जाती थीं।
आरोप है कि बाद में इस देवस्थान पर कब्जा कर पहले मजार बनाई गई और समय के साथ उस पर पक्का और बड़ा निर्माण कर मस्जिद का रूप दे दिया गया।
जब यह मामला सामने आया, तो Shahjahanpur News में यह मुद्दा तेजी से फैल गया और क्षेत्र में धार्मिक भावनाएं भड़क उठीं।
हिंदूवादी संगठनों का विरोध, प्रशासन पर दबाव
हिंदूवादी संगठनों ने जिला प्रशासन से लिखित शिकायत करते हुए आरोप लगाया कि यह निर्माण पूरी तरह अवैध है और स्थानीय परंपराओं व आस्थाओं के खिलाफ है।
रविवार, 28 दिसंबर 2025, को प्रशासन ने भारी पुलिस बल की मौजूदगी में मजार के अवैध निर्माण के हिस्से को ध्वस्त करा दिया।
प्रशासन की इस कार्रवाई के बाद कुछ हद तक तनाव कम हुआ, लेकिन हिंदूवादी संगठनों का कहना है कि यह कदम अधूरा है और पूरी मजार अब भी अवैध रूप से मौजूद है।
पूरी मजार हटाने की मांग, चेतावनी भी दी
हिंदूवादी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि अगर प्रशासन ने जल्द ही पूरी मजार को नहीं हटाया, तो वे खुद कार सेवा जैसे कदम उठाने को मजबूर होंगे।
उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसी स्थिति में किसी भी अप्रिय घटना की जिम्मेदारी पूरी तरह जिला प्रशासन की होगी।
इस बयान के बाद Shahjahanpur News में यह मामला और भी संवेदनशील हो गया है, क्योंकि प्रशासन के सामने कानून-व्यवस्था बनाए रखने की बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है।
गांव में बढ़ाई गई सुरक्षा, पुलिस और PAC तैनात
संभावित तनाव और किसी भी अप्रिय स्थिति से बचने के लिए प्रशासन ने मेरेना गांव में भारी पुलिस बल और पीएसी की तैनाती कर दी है।
थाना पुवाया की पुलिस लगातार गांव में गश्त कर रही है और दोनों पक्षों से शांति बनाए रखने की अपील की जा रही है।
प्रशासन का कहना है कि कानून से ऊपर कोई नहीं है और जो भी निर्माण अवैध पाया जाएगा, उसके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
प्रशासन का पक्ष: जांच के बाद ही अगली कार्रवाई
जिला प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि फिलहाल अवैध पाए गए निर्माण को गिराया गया है।
पूरे मामले की राजस्व रिकॉर्ड, भूमि दस्तावेज और पुराने नक्शों के आधार पर जांच की जा रही है।
जांच पूरी होने के बाद ही यह तय किया जाएगा कि आगे क्या कार्रवाई की जाएगी।
अधिकारियों ने यह भी स्पष्ट किया है कि किसी भी पक्ष को कानून अपने हाथ में लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
स्थानीय लोगों में मिश्रित प्रतिक्रिया
गांव में इस पूरे घटनाक्रम को लेकर लोगों की राय बंटी हुई नजर आ रही है।
कुछ लोग इसे आस्था से जुड़ा मामला मानते हैं, तो कुछ का कहना है कि ऐसे विवादों से गांव का माहौल खराब होता है।
स्थानीय नागरिकों ने प्रशासन से अपील की है कि मामले का निष्पक्ष और कानूनी समाधान निकाला जाए ताकि शांति बनी रहे।
राजनीतिक और सामाजिक हलकों में भी चर्चा
यह मामला अब सिर्फ गांव या थाना क्षेत्र तक सीमित नहीं रहा।
Shahjahanpur News में यह विवाद जिले के राजनीतिक और सामाजिक हलकों में भी चर्चा का विषय बन गया है।
लोग सवाल उठा रहे हैं कि अगर कोई निर्माण अवैध है तो उसे शुरू में ही क्यों नहीं रोका गया, और अगर वैध है तो विवाद क्यों खड़ा हुआ।
आगे क्या? सभी की नजर प्रशासन के अगले कदम पर
फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन माहौल पूरी तरह सामान्य नहीं कहा जा सकता।
हिंदूवादी संगठनों की मांग, प्रशासन की जांच और गांव में तैनात सुरक्षा बल—इन तीनों के बीच आने वाले दिनों में प्रशासन का अगला कदम बेहद अहम माना जा रहा है।

