SS Rajamouli पर “धार्मिक भावनाओं के अपमान” का केस: वाराणसी टीजर लॉन्च इवेंट की टिप्पणी से मचा बवाल, हिंदू सेना ने दर्ज कराई FIR
फिल्म ‘RRR’ और ‘बाहुबली’ जैसी ब्लॉकबस्टर देने वाले डायरेक्टर SS Rajamouli इन दिनों एक गंभीर विवाद में घिर गए हैं। उन पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाते हुए दिल्ली पुलिस में एफआईआर दर्ज की गई है।
हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने राजामौली के खिलाफ शिकायत दायर कर कहा कि फिल्म डायरेक्टर ने भगवान हनुमान को लेकर टिप्पणी की, जिससे करोड़ों हिंदू श्रद्धालुओं की भावनाएं आहत हुई हैं।
विवाद का यह मुद्दा सोशल मीडिया पर भी तेजी से फैल रहा है और राजामौली के बयान की वीडियो क्लिप वायरल हो चुकी है।
17 नवंबर के ‘वाराणसी’ टीजर लॉन्च इवेंट से शुरू हुआ विवाद—तकनीकी खराबी और राजामौली की टिप्पणी ने बढ़ाया तनाव
पूरा विवाद 17 नवंबर को हैदराबाद में फिल्म ‘वाराणसी’ के टीजर लॉन्च इवेंट के दौरान शुरू हुआ।
इवेंट में तकनीकी समस्या के चलते टीजर समय पर प्ले नहीं हो पाया। इसी बीच डायरेक्टर एसएस राजामौली ने मंच पर कहा:
“मैं भगवान पर ज्यादा विश्वास नहीं रखता। पिताजी कहा करते थे कि जब भी मैं किसी परेशानी में रहूं, हनुमान मेरे पीछे खड़े होकर मुझे मार्ग दिखाएंगे। लेकिन जैसे ही यह गड़बड़ी हुई, मुझे बहुत गुस्सा आया। क्या ऐसे भगवान मदद करते हैं?”
उनकी यह बात सुनते ही इवेंट में मौजूद कुछ लोगों ने असहजता महसूस की, लेकिन बड़े विवाद की शुरुआत तब हुई जब यह वीडियो इंटरनेट पर तेजी से वायरल हो गया।
पत्नी और पिता का उल्लेख भी विवाद की जद में—“हनुमान मदद करते हैं या नहीं, यह देखना चाहता हूं”
इवेंट के दौरान राजामौली ने यह भी कहा कि उनकी पत्नी भगवान हनुमान की बड़ी भक्त हैं।
टीजर दोबारा नहीं चलने पर उन्होंने मज़ाकिया लहजे में कहा:
“अगर मेरे पिता के हनुमान ने एक बार मदद की थी, तो अब मैं देखना चाहता हूं कि मेरी पत्नी के हनुमान मदद करते हैं या नहीं।”
इस टिप्पणी को कई लोगों ने धार्मिक प्रतीक का मज़ाक उड़ाने जैसा माना।
हिंदू संगठनों ने सोशल मीडिया पर राजामौली से सार्वजनिक रूप से माफी मांगने की मांग शुरू कर दी।
हिंदू सेना ने दर्ज कराई FIR—”बयान से धार्मिक सद्भाव बिगड़ सकता है”
राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने FIR दर्ज कराते हुए कहा कि राजामौली की टिप्पणी—
धार्मिक भावनाओं को आहत करती है
हनुमान जी के प्रति अपमानजनक है
समाज में तनाव और वैमनस्य फैला सकती है
उन्होंने दिल्ली पुलिस से मांग की कि मामले की जल्द जांच की जाए और भविष्य में ऐसे मामलों को रोकने के लिए कड़े प्रावधान बनाए जाएं।
विष्णु गुप्ता ने कहा:
“देश में ऐसी टिप्पणी न केवल धार्मिक भावना को चोट पहुंचाती है, बल्कि सांप्रदायिक सद्भाव में भी खलल डाल सकती है। कानून सबके लिए समान है।”
FIR दर्ज होते ही सोशल मीडिया पर दो गुट—कुछ समर्थन में, कुछ विरोध में
राजामौली पर दर्ज एफआईआर के बाद सोशल मीडिया पर दो तरह की प्रतिक्रियाएँ आ रही हैं।
एक पक्ष का कहना है कि सार्वजनिक मंच पर धार्मिक प्रतीकों पर तंज कसना गलत है।
दूसरा पक्ष मानता है कि राजामौली ने नाराज़गी में कहा, इसका गलत अर्थ निकाला जा रहा है।
राजामौली ने अब तक इस विवाद पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।
इवेंट क्लिप वायरल—टिप्पणी को कॉन्टेक्स्ट से बाहर बताने वालों की भी कमी नहीं
कुछ लोग दावा कर रहे हैं कि टिप्पणी को संदर्भ से हटाकर दिखाया गया है।
वे कहते हैं कि राजामौली ने यह बात तकनीकी गड़बड़ी और तनाव के संदर्भ में कही थी।
लेकिन आलोचकों का कहना है कि किसी भी परिस्थिति में भगवान के प्रति मजाक या गुस्से भरा तंज सामाजिक रूप से अस्वीकार्य है—और खासकर जब वक्ता देश के बड़े फिल्म डायरेक्टरों में से एक हो।
इससे पहले भी कई डायरेक्टर्स धार्मिक भावनाओं को लेकर विवादों में फंस चुके हैं
यह पहली बार नहीं है जब फिल्म जगत से जुड़ी किसी टिप्पणी ने धार्मिक विवाद खड़ा किया हो।
बीते कुछ वर्षों में—
फिल्मों में धार्मिक प्रतीकों के उपयोग
देवी-देवताओं के चित्रण
फिल्मों के संवाद
प्रमोशन इवेंट में दिए बयान
—कई बार फिल्मकारों को FIR, विवाद और ट्रोलिंग का सामना करना पड़ा है।
राजामौली के मामले में यह विवाद तीखा इसलिए हुआ क्योंकि उनका नाम भारतीय फिल्म इंडस्ट्री के सबसे बड़े डायरेक्टर्स में आता है और उनकी बात का सामाजिक असर भी अधिक माना जाता है।
कानूनी दृष्टिकोण: FIR के बाद आगे की प्रक्रिया क्या होगी?
राजामौली पर दर्ज FIR के बाद पुलिस—
वीडियो क्लिप की वैधता
पूरे बयान
इवेंट के साक्ष्य
सोशल मीडिया प्रतिक्रियाएँ
आयोजकों के बयान
—इन सभी की जांच करेगी।
यदि पुलिस को लगता है कि टिप्पणी में धार्मिक भावनाओं को जानबूझकर ठेस पहुंचाने का उद्देश्य था, तो आगे की कानूनी कार्रवाई तेज होगी।

