पिंकी से आफरीन तक: सोनभद्र में पहचान, विवाह और ज़मीन के जाल की परतें खुलीं, एजेंसियों की जांच तेज-Sonbhadra conversion case
सोनभद्र जिले के दुद्धी तहसील अंतर्गत बघाडू गांव से सामने आया Sonbhadra conversion case अब केवल एक पारिवारिक विवाद तक सीमित नहीं रह गया है। जिस युवती के लिए पिता ने बृहस्पतिवार को मीडिया के सामने आकर इंसाफ की गुहार लगाई थी, उसकी पहचान, विवाह, रहन-सहन और उससे जुड़े कई अन्य पहलू एक-एक कर सामने आ रहे हैं। पिंकी से आफरीन बनी युवती के अनपरा क्षेत्र में रहने की जानकारी मिलने के बाद मामला और गंभीर होता जा रहा है।
सूत्रों के अनुसार आरोप है कि आजम नामक युवक ने युवती को झांसा देकर अपने प्रभाव में लिया और पहले से दो पत्नियां होते हुए भी उससे विवाह किया। यह पूरा घटनाक्रम अब प्रशासन, पुलिस और अन्य एजेंसियों के लिए गंभीर जांच का विषय बन चुका है।
बघाडू गांव से उठा विवाद, तहसील तक पहुंची गुहार
इस Sonbhadra conversion case की शुरुआत तब चर्चा में आई जब बघाडू निवासी अशर्फीलाल बृहस्पतिवार को दुद्धी तहसील मुख्यालय पहुंचे। उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी शादीशुदा बेटी को जबरन घर से उठा ले जाया गया, उसका धर्म परिवर्तन कराया गया और फिर उससे विवाह रचाया गया।
बताया गया कि यह मामला वर्ष 2022 से जुड़ा हुआ है, लेकिन अब जाकर इसके कई नए पहलू सामने आ रहे हैं। पिता का कहना है कि उन्होंने अपनी बेटी की शादी पूरे सामाजिक रीति-रिवाज से कराई थी, इसके बावजूद कथित रूप से उसे बहला-फुसलाकर अलग पहचान दे दी गई।
पिंकी से आफरीन: पहचान बदलने की कहानी
जिस पिंकी का नाम बदलकर आफरीन किया गया, वह अपने छह भाई-बहनों में पांचवें नंबर पर थी। अशर्फीलाल के अनुसार, 10 मई 2022 को उन्होंने अपनी बेटी की शादी दुद्धी क्षेत्र के कटौंधी गांव में की थी। शादी के कुछ ही समय बाद परिस्थितियां बदलने लगीं।
परिजनों का आरोप है कि युवती से उम्र में करीब 12 साल बड़ा आजम धीरे-धीरे उसके संपर्क में आया और उसे अपने प्रभाव में ले लिया। परिवार के विरोध के बावजूद तीन जुलाई 2022 को आजम उसे कथित रूप से जबरन घर से उठा ले गया।
एफआईआर, जांच और फाइल बंद होने का सवाल
इस Sonbhadra conversion case में अशर्फीलाल ने 8 जुलाई 2022 को दुद्धी कोतवाली में आजम, उसके भाई आलम और चाचा बशीर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। आरोपों में जबरन ले जाना और धर्म परिवर्तन शामिल था।
हालांकि पुलिस ने युवती को बालिग मानते हुए करीब 42 दिन बाद 20 अगस्त 2022 को फाइल बंद कर दी। इसी बिंदु को लेकर अब फिर से सवाल उठ रहे हैं कि क्या जांच सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर की गई थी या नहीं।
पहले से दो शादियां, फिर भी तीसरा विवाह?
मामले में एक और चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है। दावा किया जा रहा है कि आजम पहले से ही झारखंड के नगर उंटारी (गढ़वा) निवासी इशरत और महुली क्षेत्र की रेबुन्निशा से शादी कर चुका था। इसके बावजूद उसने पिंकी, जिसे बाद में आफरीन नाम दिया गया, से विवाह किया।
यहीं से Sonbhadra conversion case ने सामाजिक और कानूनी दोनों स्तरों पर गंभीर प्रश्न खड़े कर दिए हैं, क्योंकि एक ही व्यक्ति से जुड़े विवाह, पहचान और दस्तावेजों की संख्या बढ़ती जा रही है।
कनहर परियोजना और ज़मीन से जुड़ा विवाद
मामला यहीं नहीं रुका। आजम और उसके परिजनों से जुड़ा कनहर परियोजना का विस्थापन लाभ भी जांच के घेरे में आ गया है। आरोप है कि इस लाभ में रजिया के नाम का इस्तेमाल किया गया।
तहसीलदार न्यायालय से 10 सितंबर 2016 को जारी आदेश के अनुसार, बघाडू गांव में स्थित छह गाटा, कुल रकबा 0.4049 हेक्टेयर भूमि को अधिशासी अभियंता, कनहर नहर परियोजना खंड पंचम दुद्धी के माध्यम से परियोजना के नाम विक्रय दिखाया गया।
रजिया की सफाई, नए सवाल
ज़मीन के बैनामे को लेकर रजिया ने तहसील प्रशासन के सामने पेश होकर सफाई दी। उन्होंने बताया कि शादी से पहले उनका नाम दुलरिया था और वह स्वयं को 70 वर्ष की बताते हुए कहती हैं कि उन्होंने बहादुर अली से करीब 46 वर्ष पूर्व झारखंड के गढ़वा में कोर्ट मैरिज की थी।
रजिया ने खुद को हिंदू और जाति पनिका बताया है। जमीन को लेकर उनका दावा है कि उन्होंने इसे बेचा नहीं, बल्कि अपने सगे भांजों को दान में दिया है। प्रशासन अब यह जांच कर रहा है कि इस दावे में कितनी सच्चाई है।
दिल्ली तक पहुंचा ज़मीन का मामला
Sonbhadra conversion case से जुड़ा ज़मीन विवाद और गहराता चला गया। बहादुर अली की ओर से रजिया के माध्यम से अनुसूचित जनजाति की भूमि को धारा 80 के तहत अकृषिक घोषित कराया गया।
नायब तहसीलदार पूर्वी के न्यायालय के आदेश के अनुसार, जिस भूमि को 7 दिसंबर 2024 को अकृषिक घोषित किया गया, उसी को मात्र चार महीने बाद 13 मई 2025 को सैयद मुजफ्फर आलम, निवासी जोगा बाई एक्सटेंशन एरिया, जामिया नगर, साउथ दिल्ली के नाम बैनामा कर दिया गया।
नामांतरण पर सवाल, लगातार आदेश
इसी प्रकार 19 सितंबर 2025 को अकृषिक भूमि को गुलाम जीलानी, निवासी सुंदरी के नाम बैनामा किया गया। दोनों ही मामलों में नायब तहसीलदार द्वारा नामांतरण के आदेश पारित किए गए। इन बैनामों में भी रजिया की भूमिका बताई जा रही है, जिससे पूरे मामले की जांच और जटिल हो गई है।
राजनीतिक और प्रशासनिक प्रतिक्रिया तेज
इस Sonbhadra conversion case पर राजनीतिक प्रतिक्रिया भी सामने आई है। भाजपा जिलाध्यक्ष नंदलाल गुप्ता ने कहा कि जिले में गलत तरीके से धर्म परिवर्तन से जुड़े मामलों पर सभी कार्यकर्ताओं को निगरानी के निर्देश दिए गए हैं। सभी क्षेत्रों से सूचनाएं जुटाकर सूची तैयार की जा रही है, जिसे मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाकर उच्चस्तरीय जांच की मांग की जाएगी।
वहीं एसडीएम दुद्धी निखिल यादव ने कहा कि जमीन से जुड़े मामलों की जांच कराई गई है और यदि फर्जी दस्तावेज पाए गए तो दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होगी। सीओ दुद्धी राजेश कुमार राय ने भी कहा कि पहले से दर्ज मामले की जांच चल रही है और नई शिकायत आने पर विधिसम्मत कार्रवाई की जाएगी।

