Indian Navy की शक्ति में इजाफा: राफेल-एम और स्कॉर्पीन पनडुब्बियों की खरीद से बढ़ेगी समुद्री ताकत
Indian Navy अपनी युद्धक क्षमताओं को बढ़ाने के लिए फ्रांस से 26 राफेल-एम लड़ाकू विमान और तीन स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बियों की खरीद की तैयारी में है। इन सौदों को अंतिम रूप देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आगामी फ्रांस यात्रा के दौरान महत्वपूर्ण चर्चाएं होने की उम्मीद है। रक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) से मंजूरी मिलने के बाद, ये सौदे भारतीय नौसेना की ताकत में महत्वपूर्ण वृद्धि करेंगे।
राफेल-एम: समुद्र से आसमान तक की अजेय शक्ति
Indian Navy ने अपने विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत के लिए दो लड़ाकू विमानों—फ्रांस के राफेल-एम और अमेरिका के एफ-18 सुपर हॉर्नेट—को शॉर्टलिस्ट किया था। कई दौर के परीक्षणों के बाद, राफेल-एम ने बाजी मार ली। इसके साथ ही, आने वाले वर्षों में भारतीय नौसेना की ताकत में अप्रत्याशित वृद्धि होने वाली है।
राफेल-एम को विशेष रूप से नौसेना की जरूरतों को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है। इसकी सबसे बड़ी खासियत इसकी लंबी रेंज और शॉर्ट रनवे से फुल लोड के साथ टेकऑफ करने की क्षमता है। यह लड़ाकू विमान 2,200 किलोमीटर प्रति घंटे की टॉप स्पीड पर उड़ान भर सकता है और एक बार उड़ान भरने के बाद यह 3,700 किलोमीटर तक की दूरी तय कर सकता है।
राफेल-एम की कुछ प्रमुख खूबियां इस प्रकार हैं:
✅ ट्विन-इंजन मल्टीरोल फाइटर जेट
✅ एयर-टू-एयर और एयर-टू-सरफेस मिसाइलों से लैस
✅ एंटी-शिप मिसाइल दागने की क्षमता
✅ हवा में ईंधन भरने की सुविधा
राफेल-एम की खरीद से भारतीय नौसेना के INS विक्रांत और INS विक्रमादित्य जैसे विमानवाहक पोतों की क्षमताओं में बड़ा इजाफा होगा। भारतीय नौसेना पहली बार CATOBAR (Catapult Assisted Take-Off But Arrested Recovery) प्रणाली से लैस फाइटर जेट अपने बेड़े में शामिल करने जा रही है।
भारत-फ्रांस की रक्षा साझेदारी के 25 साल
भारत और फ्रांस के बीच रणनीतिक रक्षा साझेदारी को 25 साल पूरे हो चुके हैं। जुलाई 2023 में प्रधानमंत्री मोदी के फ्रांस दौरे से पहले ही रक्षा मंत्रालय ने नौसेना के लिए राफेल-एम और तीन स्कॉर्पीन क्लास पनडुब्बियों की खरीद को मंजूरी दी थी। इन सौदों को अंतिम रूप देने के लिए फरवरी 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फ्रांस दौरा प्रस्तावित है। माना जा रहा है कि इस दौरे में राफेल-एम और स्कॉर्पीन पनडुब्बियों की डील को अंतिम मुहर लग सकती है।
प्रधानमंत्री के दौरे से पहले, रक्षा खरीद परिषद से मंजूरी मिलने के बाद CCS की बैठक होगी, जो इस डील को अंतिम स्वीकृति देगी। कोई भी बड़ी रक्षा खरीद तभी आगे बढ़ती है जब प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी (CCS) इसे पास करती है।
भारतीय नौसेना का पनडुब्बी बेड़ा होगा और मजबूत
भारतीय नौसेना अपने पुराने हो रहे पनडुब्बी बेड़े को बदलने की योजना बना रही है। इसी के तहत प्रोजेक्ट-75 के तहत भारत को तीन नई स्कॉर्पीन क्लास सबमरीन मिलने का रास्ता साफ हो गया है।
🔹 प्रोजेक्ट 75 की शुरुआत 1997 में हुई थी, जिसमें भारतीय नौसेना के लिए 24 नई पनडुब्बियों के निर्माण की योजना बनाई गई थी।
🔹 2005 में भारत ने फ्रांस के नेवल ग्रुप के साथ 6 स्कॉर्पीन पनडुब्बियों का करार किया था।
🔹 ये पनडुब्बियां मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (MDL) द्वारा निर्मित की गईं और अब भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल हैं।
स्कॉर्पीन क्लास पनडुब्बियों की विशेषताएं
✔ स्टील्थ तकनीक से लैस (शत्रु के रडार से बचने में सक्षम)
✔ सटीक टॉरपीडो और एंटी-शिप मिसाइलों से हमला करने में सक्षम
✔ गुप्त निगरानी और समुद्री खुफिया जानकारी जुटाने में विशेषज्ञ
✔ पनडुब्बी से समुद्र के अंदर बारूदी सुरंग बिछाने की क्षमता
इस वक्त भारतीय नौसेना के पास कुल 17 पारंपरिक पनडुब्बियां हैं, जिनमें से 7 रूसी किलो क्लास, 4 जर्मन HWD क्लास और 6 फ्रेंच स्कॉर्पीन क्लास की पनडुब्बियां शामिल हैं। किलो क्लास और HWD पनडुब्बियां पुरानी हो चुकी हैं, और कुछ को अपग्रेड कर उनकी सर्विस लाइफ बढ़ाने की कोशिश की जा रही है।
समुद्र में भारतीय नौसेना की बढ़ती ताकत
भारतीय नौसेना लगातार अपनी क्षमताओं को बढ़ाने में जुटी है। भारत टू-फ्रंट वॉर (चीन और पाकिस्तान के खिलाफ एक साथ युद्ध लड़ने की क्षमता) की रणनीति पर काम कर रहा है। ऐसे में नौसेना को आधुनिक एयरक्राफ्ट कैरियर, सबमरीन और फाइटर जेट्स से लैस करना बेहद जरूरी है।
सरकार ने रक्षा बजट में भी नौसेना को प्राथमिकता दी है:
💰 विमान और इंजन के लिए 48,614 करोड़ रुपये
💰 नौसेना के बेड़े के लिए 24,390 करोड़ रुपये
भारत अमेरिका, फ्रांस और रूस जैसे देशों के साथ मिलकर अपनी नौसेना को आधुनिक बना रहा है। चीन की बढ़ती समुद्री ताकत को देखते हुए, भारतीय नौसेना भी अपनी स्ट्राइक कैपेबिलिटी को मजबूत कर रही है।
भारतीय नौसेना का सुनहरा भविष्य
राफेल-एम और स्कॉर्पीन क्लास पनडुब्बियों की खरीद से भारतीय नौसेना और भी ताकतवर होगी। यह सौदा भारत की समुद्री सुरक्षा को और मजबूत करेगा और हिंद महासागर में उसकी स्थिति को और अधिक प्रभावी बनाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फ्रांस यात्रा के दौरान इन डील्स पर अंतिम मुहर लगने की संभावना है।
भारतीय नौसेना आने वाले वर्षों में और भी आधुनिक होने जा रही है। यह देश की सुरक्षा और संप्रभुता को और अधिक सशक्त बनाएगी।

