स्वदेशी स्टील्थ डिस्ट्रॉयर आईएनएस चेन्नई से हुआ ब्रह्मोस मिसाइल का सफल परीक्षण
भारत ने रविवार को नौसेना के स्वदेशी स्टील्थ डिस्ट्रॉयर आईएनएस चेन्नई से ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। परीक्षण के दौरान मिसाइल ने अरब सागर में एक लक्ष्य पर निशाना लगाया।
मिसाइल ने उच्च-स्तरीय और अत्यंत जटिल युद्धाभ्यास करने के बाद लक्ष्य को सटीकता के साथ सफलतापूर्वक लक्षित लिया। ब्रह्मोस प्राइम स्ट्राइक हथियार के रूप में नेवल सर्फेस लक्ष्यों को लंबी दूरी तक निशाना बनाकर युद्धपोतों की अजेयता सुनिश्चित करेगा।
BrahMos as ‘prime strike weapon’ will ensure the warship’s invincibility by engaging naval surface targets at long ranges. https://t.co/DpbbxrB9FU
— ANI (@ANI) October 18, 2020
ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल 400 किलोमीटर से ज्यादा दूरी तक टारगेट को ध्वस्त कर सकती है। ब्रह्मोस एक रैमजेट सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है, जिसे पनडुब्बी, युद्धपोत, लड़ाकू विमानों और जमीन से भी लॉन्च किया जा सकता है। ब्रह्मोस मिसाइल को भारत और रूस के संयुक्त उपक्रम के तहत विकसित किया गया है।
शुरुआत में इसकी रेंज 290 किलोमीटर थी। हालांकि इसकी क्षमता को बढ़ाकर 400 किलोमीटर से ज्यादा किया गया है। कुछ अनुमानों के मुताबिक, सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल 450 किलोमीटर से अधिक दूरी तक दुश्मन के टारगेट को तबाह कर सकती है।
भारत ने पहले ही लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में चीन के साथ लगने वाली सीमा पर कई रणनीतिक स्थानों पर ब्रह्मोस मिसाइलों और अन्य प्रमुख हथियारों को बड़ी संख्या में तैनात किया हुआ है। यह परीक्षण ऐसे समय पर हुआ है, जब भारत और चीन सीमा विवाद में उलझे हुए हैं।
एक भारत-रूसी संयुक्त उद्यम ‘ब्रह्मोस एयरोस्पेस’ सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का उत्पादन करता है जिसे पनडुब्बियों, जहाजों, विमानों या भूमि प्लेटफार्मों से लॉन्च किया जा सकता है। पिछले साल मई में, भारतीय वायुसेना ने सुखोई लड़ाकू विमान से ब्रह्मोस मिसाइल के हवाई संस्करण का सफल परीक्षण किया था।