Deoria में शराब तस्कर और प्रधान की हत्या: जुआ खेलते वक्त हुई गैंगवॉर में ताबड़तोड़ गोलियां बरसीं
उत्तर प्रदेश का Deoria जिला फिर एक बार खून-खराबे और गैंगवॉर की खबरों से हिल गया है। यह घटना दीपावली की रात की है, जब जिले के कुख्यात शराब तस्कर अजित सिंह उर्फ जड़ी और एक ग्राम प्रधान की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई। घटना के समय दोनों लोग जुआ खेल रहे थे, और तभी अचानक दो गिरोहों के बीच हिंसक झगड़ा शुरू हो गया। देखते ही देखते स्थिति इतनी बेकाबू हो गई कि शूटरों ने ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दीं, जिसमें अजित सिंह और ग्राम प्रधान की जान चली गई।
घटना का पूरा विवरण और अपराधी का इतिहास
अजित सिंह उर्फ जड़ी, देवरिया जिले का जाना-माना शराब तस्कर था। वर्षों से उसके खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज थे और पुलिस की नजर में वह वांटेड अपराधी था। कई बार उसे पुलिस ने गिरफ्तार किया, परंतु प्रभावशाली कनेक्शन और जमानत पर बाहर आने की वजह से वह हमेशा कानून की पकड़ से बाहर रहा।
अजित सिंह न केवल शराब तस्करी में बल्कि अवैध जुए और अन्य आपराधिक गतिविधियों में भी गहराई से जुड़ा था। स्थानीय लोगों का कहना है कि अजित सिंह का दबदबा इतना था कि वह अपने क्षेत्र में खुल्लम-खुल्ला अवैध कारोबार चलाता था और पुलिस की हिम्मत नहीं होती थी उसे रोकने की। दीपावली की रात को भी, जब यह घटना हुई, अजित सिंह और कुछ स्थानीय लोग जुआ खेल रहे थे।
गैंगवॉर के चलते मची अफरातफरी
सूत्रों के अनुसार, इस घटना के पीछे आपसी दुश्मनी और गैंग के बीच का पुराना विवाद मुख्य कारण माना जा रहा है। अजित सिंह के साथ कई अन्य गिरोह जुड़े हुए थे जो शराब तस्करी और जुए के अवैध धंधे में भी उसका साथ देते थे। घटना के दिन भी यह तनाव उस वक्त चरम पर पहुंच गया जब दूसरे गिरोह के सदस्य ने अचानक जुए के बीच विवाद छेड़ दिया। देखते ही देखते एक तरफ से बंदूकें निकलीं और गोलियां चलने लगीं।
मौके पर मौजूद लोग बताते हैं कि अजित सिंह पर करीबन दस राउंड गोलियां चलाई गईं, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। ग्राम प्रधान, जो मौके पर मौजूद थे, को भी गोली लगी और कुछ देर बाद उनकी भी मौत हो गई। पुलिस का कहना है कि इस हत्याकांड में शामिल गिरोह के सदस्य फरार हो गए और उनकी तलाश में इलाके में सघन चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है।
पुलिस के लिए चुनौती बनी अपराध की घटनाएं
देवरिया जिले में आए दिन होने वाली ऐसी घटनाएं पुलिस के लिए सिरदर्द बनी हुई हैं। अजित सिंह की हत्या के बाद से स्थानीय प्रशासन पर भी सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि क्षेत्र में कानून व्यवस्था की स्थिति लगातार बिगड़ रही है। अपराधियों के गिरोह यहां बेखौफ होकर अपनी गतिविधियां चला रहे हैं और इनपर नियंत्रण पाने में पुलिस असमर्थ दिख रही है। पिछले कुछ सालों में देवरिया जिले में गैंगवॉर और माफिया सरगनाओं के बीच संघर्ष बढ़ते जा रहे हैं।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस घटना के बाद इलाके में अतिरिक्त फोर्स तैनात कर दी गई है। देवरिया के एसएसपी ने बताया कि अजित सिंह के खिलाफ दर्ज पुराने मामलों की फिर से जांच की जाएगी और सभी संबंधित अपराधियों की गिरफ्तारी की जाएगी। गांव के निवासियों से भी अपील की गई है कि वे पुलिस को किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत दें।
देवरिया और पूर्वांचल में बढ़ता अपराध
यह घटना एक बार फिर से पूर्वांचल के गांवों और कस्बों में बढ़ते अपराधों पर सवाल खड़ा करती है। शराब तस्करी, जुए के अड्डे, और अवैध हथियारों का चलन यहां आम बात हो गई है। पुलिस के लिए इन गिरोहों पर नकेल कसना बेहद कठिन होता जा रहा है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि राजनीतिक संरक्षण के चलते इन गिरोहों का प्रभाव बढ़ता जा रहा है।
राजनीतिक संरक्षण और गिरोहों का बढ़ता प्रभाव
ऐसी घटनाओं में कई बार स्थानीय नेताओं और माफियाओं के बीच संबंध उजागर होते हैं। बताया जा रहा है कि अजित सिंह के भी कुछ राजनीतिक लोगों के साथ गहरे रिश्ते थे, जिसकी वजह से वह पुलिस के हाथों बार-बार छूट जाता था। राजनीतिक संरक्षण के कारण अपराधी आसानी से बच निकलते हैं, जिससे इनकी ताकत दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है।
पुलिस की कार्यप्रणाली पर उठ रहे सवाल
पिछले कुछ सालों में उत्तर प्रदेश सरकार ने अपराधियों के खिलाफ कड़े कदम उठाने का दावा किया है, परंतु इस घटना ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोगों का मानना है कि अगर पुलिस ने पहले से ही सख्त कदम उठाए होते तो यह घटना नहीं होती। एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि देवरिया और आसपास के क्षेत्र में विशेष अभियान चलाकर अपराधियों का सफाया किया जाएगा।
सुरक्षा बढ़ाने के लिए उठाए गए कदम
इस हत्याकांड के बाद से देवरिया में सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ किया जा रहा है। पुलिस ने क्षेत्र में गश्त बढ़ा दी है और संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। एसपी ने यह भी कहा कि अपराधियों के खिलाफ और सख्त कार्रवाई की जाएगी, जिससे लोगों के मन में सुरक्षा की भावना को बढ़ावा मिल सके।
क्या देवरिया की स्थिति में सुधार होगा?
ऐसे घटनाओं के बाद सरकार और पुलिस पर लोगों का भरोसा टूटता जा रहा है। स्थानीय प्रशासन ने बार-बार अपराध पर नकेल कसने का वादा किया है, लेकिन फिर भी घटनाएं घटती जा रही हैं। जनता का मानना है कि जब तक पुलिस सख्ती से कार्रवाई नहीं करेगी और नेताओं के प्रभाव को खत्म नहीं किया जाएगा, तब तक क्षेत्र में शांति स्थापित करना मुश्किल है।
देवरिया जिले में शराब तस्कर और ग्राम प्रधान की हत्या ने उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह घटना स्थानीय प्रशासन और पुलिस के सामने एक चुनौती के रूप में उभरी है। प्रशासन को चाहिए कि वह ऐसी घटनाओं पर नियंत्रण पाने के लिए सख्त कदम उठाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं ना हों और जनता के मन में सुरक्षा का विश्वास बना रहे।

