North Korea का बड़ा कदम! रूस-यूक्रेन जंग के बीच ह्वासोंग-15 ICBM मिसाइल का परीक्षण, अमेरिका को चेतावनी
रूस-यूक्रेन युद्ध के तनावपूर्ण माहौल के बीच North Korea ने अपनी सैन्य शक्ति का एक और बड़ा प्रदर्शन कर दुनिया को चौंका दिया है। तानाशाह किम जोंग उन ने अपने देश के वैज्ञानिकों को आदेश देकर ह्वासोंग-15 अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया है, जिसे अब तक की सबसे लंबी दूरी तक मार करने में सक्षम मिसाइल कहा जा रहा है। यह परीक्षण अमेरिका और दक्षिण कोरिया के लिए सीधा संदेश माना जा रहा है कि उत्तर कोरिया अपनी सैन्य शक्ति को किसी भी स्थिति में पीछे नहीं हटाएगा।
रूस के लिए समर्थन और अमेरिका के लिए संदेश
उत्तर कोरिया ने रूस के समर्थन में अपनी सेना को भी यूक्रेन के साथ जारी युद्ध में भेजने का इरादा जाहिर किया है। किम जोंग उन का यह कदम ना केवल पश्चिमी देशों के लिए एक नई चुनौती है, बल्कि यह उनकी प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है कि वे अपने पड़ोसी और सहयोगी देशों के साथ खड़े हैं। वहीं, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इस निर्णय पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए उत्तर कोरिया को रूस से अपने सैनिक वापस बुलाने की चेतावनी दी है। बाइडेन ने कहा, “अगर कोरियाई सैनिक यूक्रेनी सेना पर हमला करते हैं तो उन्हें तुरंत ही जवाबी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।”
किम जोंग उन की धमाकेदार उपस्थिति और परीक्षण का मकसद
इस परीक्षण के दौरान किम जोंग उन खुद स्थल पर मौजूद थे, जिससे उनके इस कदम की गंभीरता और प्राथमिकता का अंदाजा लगाया जा सकता है। कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी (केसीएनए) के अनुसार किम ने इसे “अपनी सैन्य तैयारी और देश के आत्म-सम्मान की रक्षा का उचित कदम” बताया। उनका यह बयान न केवल उत्तर कोरिया की सैन्य रणनीति को मजबूत बनाता है बल्कि यह भी दर्शाता है कि वे अपने देश की सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। परीक्षण के बाद तानाशाह ने कहा, “यह परीक्षण हमारे दुश्मनों की हर चाल का जवाब देने का संकेत है और हमारी संकल्पशक्ति को मजबूत करता है।”
दक्षिण कोरिया और जापान में मची हलचल
इस परीक्षण ने दक्षिण कोरिया और जापान में भी हड़कंप मचा दिया है। दक्षिण कोरिया के अधिकारियों ने कहा कि यह मिसाइल परीक्षण संभवतः अमेरिकी चुनावों से पहले किसी बड़े संदेश का हिस्सा हो सकता है। वहीं, जापान ने इसे अपने सुरक्षा के लिए खतरा बताते हुए कहा कि यह मिसाइल अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल की श्रेणी में आती है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस परीक्षण के जरिए उत्तर कोरिया ने अपनी परमाणु क्षमता को दिखाने की कोशिश की है। जापानी सरकार के अनुसार, यह मिसाइल रिकॉर्ड 87 मिनट तक आसमान में रही और इसकी उड़ान की ऊँचाई 7,000 किलोमीटर (4,349 मील) और दूरी 1,000 किलोमीटर (621 मील) थी। दिसंबर 2023 में उत्तर कोरिया की अंतिम ICBM मिसाइल ने 73 मिनट तक उड़ान भरी थी, लेकिन इस बार इसने नए रिकॉर्ड स्थापित किए हैं।
उत्तर कोरिया की परमाणु क्षमता का बढ़ता प्रभाव
उत्तर कोरिया का यह कदम उसके परमाणु कार्यक्रम को बढ़ाने की रणनीति का हिस्सा है। दक्षिण कोरियाई खुफिया एजेंसी ने चेतावनी दी है कि उत्तर कोरिया अपनी सातवीं परमाणु परीक्षण की तैयारी में है। विश्लेषकों का मानना है कि तानाशाह किम जोंग उन के इस निर्णय से यह स्पष्ट होता है कि उत्तर कोरिया अमेरिका को सीधे टक्कर देने के लिए तैयार हो रहा है।
उत्तर कोरिया का यह रुख और उसकी बढ़ती परमाणु क्षमता केवल अमेरिका ही नहीं, बल्कि पूरे एशिया क्षेत्र के लिए खतरा बनती जा रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यह स्थिति यूं ही जारी रही तो अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के लिए उत्तर कोरिया को काबू में रखना बेहद मुश्किल हो जाएगा।
अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच बढ़ती कड़वाहट
अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच पहले से ही तनावपूर्ण संबंध हैं, और यह परीक्षण उन पर और गहरा असर डालने वाला है। राष्ट्रपति बाइडेन और किम जोंग उन के बीच के रिश्ते पहले ही खराब चल रहे थे, और अब यह परीक्षण सीधी चुनौती के रूप में देखा जा रहा है। बाइडेन के बयान के बावजूद, उत्तर कोरिया का रूस के लिए समर्थन देना यह दर्शाता है कि किम जोंग उन अपनी नीतियों और निर्णयों में किसी के भी हस्तक्षेप को मानने के पक्ष में नहीं हैं।
क्या हो सकता है उत्तर कोरिया की इस बढ़ती शक्ति का प्रभाव?
उत्तर कोरिया की इस बढ़ती शक्ति का सीधा असर एशिया क्षेत्र पर पड़ सकता है। जापान और दक्षिण कोरिया जैसे देश पहले से ही अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं और उत्तर कोरिया के इस कदम के बाद उनके लिए सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत बनाना जरूरी हो गया है। वहीं, अमेरिका को भी अब अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करना पड़ सकता है ताकि इस क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनी रहे।
विशेषज्ञों के अनुसार, उत्तर कोरिया का यह शक्ति प्रदर्शन केवल एक परीक्षण नहीं बल्कि पूरी दुनिया को चेतावनी है कि वे अपने हितों के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं।
वैश्विक मंच पर प्रतिक्रियाएँ
उत्तर कोरिया के इस परीक्षण की खबर से संयुक्त राष्ट्र और अन्य वैश्विक संगठनों ने भी चिंता जताई है। संयुक्त राष्ट्र ने पहले भी उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम और बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण पर प्रतिबंध लगाए थे, लेकिन किम जोंग उन ने इन प्रतिबंधों की परवाह न करते हुए अपना परमाणु कार्यक्रम जारी रखा है।
आने वाले समय में संभावित संकट
उत्तर कोरिया का ह्वासोंग-15 मिसाइल परीक्षण और उसकी बढ़ती परमाणु शक्ति न केवल एशिया, बल्कि पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय है। किम जोंग उन का यह कदम एक स्पष्ट संदेश है कि उत्तर कोरिया अब केवल एक बंद देश नहीं, बल्कि एक शक्ति बन चुका है। अगर यह स्थिति यूं ही बनी रही तो निकट भविष्य में एक बड़े संकट की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।