Moradabad/कुंदरकी क्षेत्र में लेखपाल दिनेश चौधरी के रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़े जाने के बाद तहसील प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई करते हुए बिलारी तहसील के निलंबित लेखपाल ललित गौतम को बर्खास्त कर दिया है। यह कार्रवाई एसडीएम की तरफ से बृहस्पतिवार शाम को की गई, जो कि न केवल चरस तस्करी के गंभीर आरोपों के कारण हुई, बल्कि इससे पहले लेखपाल पर महिला से अश्लील चैट करने का भी आरोप था।
लेखपाल ललित गौतम का विवादों से रहा नाता
ललित गौतम, जो बिलारी तहसील में लेखपाल के पद पर तैनात था, शुरुआत से ही विवादों में घिरा रहा। उसकी कार्यशैली और आचरण को लेकर स्थानीय स्तर पर कई शिकायतें मिलती रही हैं। खासकर एक गांव की महिला शिकायतकर्ता के साथ व्हाट्सएप पर अश्लील बातचीत के आरोप ने उसकी छवि को और अधिक धूमिल कर दिया था। एसडीएम ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए ललित को निलंबित कर दिया था और जांच जारी रखी गई थी।
चरस तस्करी में पकड़ और जेल की सजा ने बढ़ाई मुश्किलें
लगभग दस दिन पहले, बिलारी पुलिस ने ललित गौतम को सहसपुर निवासी एक साथी और चंदौसी निवासी महिला के साथ चरस की तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया था। पुलिस की कड़ी जांच और सबूतों के आधार पर उसे जेल भेजा गया। यह मामला तहसील प्रशासन और पुलिस के लिए भी बड़ी चिंता का विषय बना, क्योंकि सरकारी कर्मचारी का इस प्रकार का अपराध करना प्रशासनिक व्यवस्था की छवि को खराब करता है।
तहसील प्रशासन की सतर्कता और सख्ती
कुंदरकी में लेखपाल दिनेश चौधरी के रिश्वत लेते पकड़े जाने के बाद प्रशासन ने भ्रष्टाचार और गैरकानूनी गतिविधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई। इसी कड़ी में निलंबित लेखपाल ललित गौतम को भी बर्खास्त कर दिया गया। एसडीएम की इस कार्रवाई से प्रशासन ने स्पष्ट संदेश दिया है कि किसी भी सरकारी अधिकारी को कानून से ऊपर नहीं रखा जाएगा और किसी भी प्रकार की अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
लेखपालों और सरकारी कर्मचारियों में अनुशासन की आवश्यकता
लेखपाल जैसे पदों पर तैनात अधिकारियों से जनता की अपेक्षा होती है कि वे पूरी ईमानदारी और पारदर्शिता से काम करें। भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी, और गैरकानूनी गतिविधियां न केवल प्रशासनिक व्यवस्था को कमजोर करती हैं, बल्कि आम जनता का सरकारी सिस्टम से विश्वास भी खो देती हैं। इस घटना ने इस बात को उजागर किया कि सरकार को ऐसे कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने चाहिए, जिससे शासन प्रणाली पर जनता का भरोसा बना रहे।
सामाजिक और प्रशासनिक प्रभाव
चरस जैसे नशीले पदार्थों की तस्करी पर अंकुश लगाने के लिए प्रशासन को लगातार चौकस रहना पड़ता है। जब सरकारी कर्मचारी ही इस काले धंधे में शामिल हों, तो समस्या और गंभीर हो जाती है। इस मामले ने आगरा और आसपास के इलाकों में प्रशासनिक अधिकारियों और पुलिस को सतर्क रहने की हिदायत दी है।
भविष्य में कड़ी कार्रवाई की उम्मीद
एसडीएम की ओर से हुई बर्खास्तगी से साफ संकेत मिलता है कि भविष्य में ऐसे मामलों में कोई रियायत नहीं दी जाएगी। भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ त्वरित और कड़ी कार्रवाई का सिलसिला जारी रहेगा। साथ ही, प्रशासन और पुलिस मिलकर ऐसे काले धंधों को जड़ से खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
बिलारी तहसील में भ्रष्टाचार और नशे की तस्करी के मामले ने प्रशासन को कठोर कदम उठाने पर मजबूर कर दिया। लेखपाल ललित गौतम की बर्खास्तगी यह दर्शाती है कि सरकारी पदों पर बैठे अधिकारियों को अनुशासन और ईमानदारी के मानकों का पालन करना होगा। प्रशासन का यह कदम न केवल भ्रष्टाचार के खिलाफ संदेश है, बल्कि आम जनता के लिए भी भरोसे की कसौटी साबित होगा।
News-Desk
News Desk एक समर्पित टीम है, जिसका उद्देश्य उन खबरों को सामने लाना है जो मुख्यधारा के मीडिया में अक्सर नजरअंदाज हो जाती हैं। हम निष्पक्षता, सटीकता, और पारदर्शिता के साथ समाचारों को प्रस्तुत करते हैं, ताकि पाठकों को हर महत्वपूर्ण विषय पर सटीक जानकारी मिल सके। आपके विश्वास के साथ, हम खबरों को बिना किसी पूर्वाग्रह के आप तक पहुँचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। किसी भी सवाल या जानकारी के लिए, हमें संपर्क करें: [email protected]