Muzaffarnagar तालड़ा गांव में मोक्षदा एकादशी पर कान्हा जी की शोभायात्रा, विधायक मिथलेश पाल और मनीष चौधरी ने किया उद्घाटन!
मुजफ्फरनगर।(Muzaffarnagar News) मोक्षदा एकादशी के पर्व पर बुधवार को मुजफ्फरनगर के जानसठ क्षेत्र स्थित ग्राम तालड़ा में भगवान श्री कृष्ण की भव्य शोभायात्रा का आयोजन हुआ। इस शानदार आयोजन की शुरुआत प्रमुख समाजसेवी मनीष चौधरी और मीरापुर के विधायक मिथलेश पाल ने मिलकर की, जब दोनों ने मिलकर रिबन काटकर शोभायात्रा का उद्घाटन किया। इस धार्मिक अवसर पर न सिर्फ क्षेत्रीय लोग बल्कि समाजसेवी और धार्मिक गुरु भी उपस्थित थे। शोभायात्रा की शुरुआत तालड़ा गांव स्थित मां बाला सुन्दरी मंदिर से हुई, और यह यात्रा जानसठ क्षेत्र तक यात्रा करती हुई पहुंची।
इस समारोह का आयोजन सच्चा प्रकाश आश्रम शुकतीर्थ की संचालक साध्वी पूजा ने किया था। उनका कहना था कि इस धार्मिक आयोजन का मुख्य उद्देश्य लोगों को धर्म और संस्कृति से जोड़ना है। साध्वी पूजा ने इस शोभायात्रा के आयोजन के दौरान गीता जयंती के महत्व को भी उजागर किया और बताया कि आज के दिन भगवान श्री कृष्ण के जीवन और उनके उपदेशों पर ध्यान केंद्रित किया जाता है।
इस शानदार आयोजन में मुख्य अतिथि विधायक मिथलेश पाल ने अपने संबोधन में कहा कि आज का दिन हिंदू धर्म के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि भगवान श्री कृष्ण का 5202वां जन्म दिवस मनाया जा रहा है। उन्होंने सभी से आह्वान किया कि वे समाज में महिला सम्मान को बढ़ावा दें और अपने राष्ट्र, धर्म तथा संस्कृति की रक्षा के लिए आगे आएं।
शोभायात्रा का महत्व और सामाजिक सन्देश
इस शोभायात्रा का आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण था, बल्कि इसने क्षेत्रीय समाज में एक गहरा सामाजिक संदेश भी दिया। प्रमुख समाजसेवी मनीष चौधरी ने इस अवसर पर कहा, “यह हमारे लिए सौभाग्य की बात है कि हम इस शोभायात्रा का हिस्सा बने। यह धार्मिक आयोजन न केवल भगवान श्री कृष्ण की महिमा का प्रचार करता है, बल्कि युवाओं को अपनी जड़ों से जोड़ने का भी कार्य करता है। इस तरह के आयोजनों से युवा पीढ़ी में धर्म और संस्कारों के प्रति जागरूकता पैदा होती है।”
मनीष चौधरी ने आगे बताया कि इस शोभायात्रा में शामिल होना और इस प्रकार के आयोजनों में भाग लेना हर व्यक्ति का कर्तव्य है। उन्होंने विशेष रूप से युवाओं की भागीदारी की सराहना की, जो दर्शाता है कि आज का युवा अपने धर्म और संस्कृति के प्रति पूरी तरह से सजग और जिम्मेदार है। इस आयोजन ने यह सिद्ध कर दिया कि समाज में धार्मिक गतिविधियों का हिस्सा बनकर लोग अपने संस्कृति और मूल्यों के प्रति सच्चे बने रहते हैं।
महिला सम्मान और समाज में बदलाव की आवश्यकता
मीरापुर के विधायक मिथलेश पाल ने अपने भाषण में महिलाओं के सम्मान की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि एक सभ्य और प्रगतिशील समाज की पहचान महिलाओं के सम्मान में निहित है। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि वे अपनी परंपराओं और संस्कृति को आगे बढ़ाने के लिए धार्मिक आयोजनों में बढ़-चढ़कर भाग लें और इसे समाज के हर वर्ग तक पहुंचाएं।
सहरावत खाप के प्रदेश अध्यक्ष संजीव सहरावत ने भी इस शोभायात्रा के आयोजन का समर्थन करते हुए कहा कि यह कार्यक्रम धर्म और संस्कारों के प्रचार में सहायक है। उन्होंने कहा कि धार्मिक आयोजनों में न केवल पुरुषों को बल्कि महिलाओं और बच्चों को भी शामिल करना चाहिए, क्योंकि इससे बच्चों में अनुशासन और संस्कार विकसित होते हैं, जो उन्हें देश, समाज और परिवार के प्रति जिम्मेदार बनाता है।
क्षेत्रीय लोगों का उत्साह
इस शोभायात्रा में स्थानीय लोगों का उत्साह देखने को मिला, जिनमें महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग सभी शामिल थे। शोभायात्रा में हजारों की संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए, जो श्री कृष्ण के भव्य रथ के साथ चलते हुए भक्ति में लीन थे। भगवान श्री कृष्ण की भव्य शोभायात्रा ने क्षेत्रीय समाज को एकजुट करने का कार्य किया और यह सुनिश्चित किया कि धार्मिक आयोजनों के माध्यम से हर व्यक्ति अपनी संस्कृति के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझे।
आगामी कार्यक्रम और भविष्य की दिशा
सच्चा प्रकाश आश्रम की संचालक साध्वी पूजा ने इस शोभायात्रा की सफलता पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि इस आयोजन के माध्यम से न सिर्फ तालड़ा क्षेत्र में बल्कि आस-पास के इलाकों में भी धर्म का प्रचार हुआ है। उन्होंने आगामी कार्यक्रमों के बारे में भी जानकारी दी और बताया कि इस तरह के धार्मिक आयोजनों को जारी रखा जाएगा ताकि लोग अपने संस्कारों से जुड़े रहें और समाज में भाईचारे का संदेश फैले।
साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि हम सभी को धर्म के साथ-साथ समाज की सेवा में भी योगदान देना चाहिए। उनके अनुसार, समाज में बदलाव लाने के लिए हमें अपनी सोच और कार्यों में सकारात्मक परिवर्तन लाना होगा।
प्रमुख लोग और उनके विचार
इस शोभायात्रा के आयोजन में उपस्थित अन्य गणमान्य लोगों में राजीव शेरावत, मनिंदर शेरावत और सैकड़ों महिलाएं और क्षेत्रीय लोग शामिल थे। इन सभी ने मिलकर इस धार्मिक आयोजन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। हर कोई इस आयोजन को लेकर बहुत उत्साहित था और इसमें अपनी भागीदारी निभाने को लेकर गौरवान्वित महसूस कर रहा था।
मोक्षदा एकादशी के इस पर्व पर आयोजित शोभायात्रा न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण थी, बल्कि इसने समाज के हर वर्ग को जोड़ने का कार्य किया। यह आयोजन यह सिद्ध करता है कि धार्मिक आयोजनों के माध्यम से न केवल धर्म का प्रचार-प्रसार होता है, बल्कि यह समाज में सकारात्मक परिवर्तन और सांस्कृतिक जागरूकता को भी बढ़ावा देता है। इस प्रकार के आयोजनों से समाज में संतुलन और भाईचारे का वातावरण बनता है, जो हर भारतीय के लिए गर्व की बात है।

