🔥 ‘शीश महल’ पर CVC की बड़ी कार्रवाई: Arvind Kejriwal के बंगले की होगी जांच, BJP का हमला तेज!
नई दिल्ली: Arvind Kejriwal के आधिकारिक मुख्यमंत्री आवास (6 फ्लैगस्टाफ बंगला) की जांच के आदेश जारी कर दिए गए हैं। सेंट्रल विजिलेंस कमीशन (CVC) ने इस मामले में CPWD (लोक निर्माण विभाग) से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। यह जांच 40,000 स्क्वायर यार्ड (8 एकड़) में फैले कथित भव्य ‘शीश महल’ के निर्माण से जुड़े आरोपों को लेकर हो रही है।
बीजेपी ने चुनाव प्रचार के दौरान लगातार केजरीवाल के सरकारी बंगले को ‘शीश महल’ करार दिया और इसे आम आदमी पार्टी की कथित “विलासिता और भ्रष्टाचार” का प्रतीक बताया था। अब CVC की जांच के आदेश के बाद यह विवाद फिर से गर्मा गया है।
🔍 CVC ने क्यों दिए जांच के आदेश?
सीपीडब्ल्यूडी द्वारा प्रस्तुत एक रिपोर्ट के आधार पर CVC ने 6 फ्लैगस्टाफ रोड स्थित बंगले के जीर्णोद्धार की गहन जांच के निर्देश दिए हैं। आरोप है कि:
✅ इस बंगले के निर्माण में भवन निर्माण मानकों का उल्लंघन किया गया।
✅ इसे जरूरत से ज्यादा भव्य और आलीशान बनाया गया।
✅ सरकारी पैसे का अनुचित और गैर-जरूरी इस्तेमाल किया गया।
बीजेपी नेता विजेंद्र गुप्ता ने दावा किया कि CVC ने उनकी दो पुरानी शिकायतों पर संज्ञान लेते हुए यह जांच शुरू की है। लोक निर्माण विभाग (PWD) से रिपोर्ट मांगी गई थी, जिसके आधार पर विस्तृत जांच के निर्देश दिए गए हैं।
🚨 ‘शीश महल’ विवाद: कब और कैसे शुरू हुआ?
यह विवाद तब शुरू हुआ जब बीजेपी ने अरविंद केजरीवाल के आधिकारिक बंगले के कथित ‘शाही’ पुनर्निर्माण पर सवाल उठाए। आरोप है कि दिल्ली सरकार ने इसे भव्य और अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस किया, जिसमें महंगे इटालियन मार्बल, लग्जरी शॉवर और हाई-एंड इंटीरियर्स शामिल हैं।
इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी तंज कसते हुए कहा था,
“कुछ नेताओं का फोकस स्टाइलिश शॉवर पर रहता है, लेकिन हमारा फोकस हर घर जल पर है।”
📌 बंगले पर केजरीवाल का क्या बचाव?
आम आदमी पार्टी (AAP) ने इन आरोपों को ‘राजनीतिक साजिश’ करार दिया है। पार्टी के नेताओं का कहना है कि:
✅ मुख्यमंत्री आवास पुराना और जर्जर हालत में था, इसलिए इसका पुनर्निर्माण किया गया।
✅ सीपीडब्ल्यूडी द्वारा निर्धारित बजट और मानकों के अनुसार ही काम हुआ।
✅ बीजेपी चुनावी फायदे के लिए इस मुद्दे को बेवजह उछाल रही है।
🏛️ 2015 से 2024 तक केजरीवाल का आधिकारिक निवास
इस आलीशान बंगले में 2015 से अक्टूबर 2024 तक अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में रहे। लेकिन भ्रष्टाचार के आरोपों और बीजेपी के बढ़ते दबाव के बाद इस्तीफा देने के बाद उन्होंने इसे खाली कर दिया। अब, दिल्ली में 27 साल बाद बीजेपी सत्ता में आ चुकी है और नई सरकार बनने की प्रक्रिया जारी है।
🔥 क्या होगा CVC जांच के बाद?
अगर CVC की जांच में कोई वित्तीय गड़बड़ी या नियमों का उल्लंघन सामने आता है, तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं:
🔹 केजरीवाल और AAP सरकार पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है।
🔹 PWD और CPWD के अधिकारियों पर भी गाज गिर सकती है।
🔹 इस मामले को लेकर AAP और BJP में राजनीतिक टकराव और बढ़ेगा।
🚨 ‘शीश महल’ विवाद से AAP को कितना नुकसान?
इस विवाद से AAP की छवि को बड़ा झटका लग सकता है। आम आदमी पार्टी हमेशा खुद को ‘ईमानदार राजनीति’ का समर्थक बताती रही है, लेकिन इस मामले ने उसे बैकफुट पर ला दिया है।
👉 क्या CVC की जांच से कोई बड़ा खुलासा होगा?
👉 क्या ‘शीश महल’ मामला AAP के लिए दिल्ली की राजनीति में बड़ा नुकसान साबित होगा?
👉 क्या बीजेपी इस मुद्दे को 2029 के लोकसभा चुनाव तक भुनाएगी?
🔥 ‘शीश महल’ मामले में CVC की जांच से क्या सामने आएगा, यह देखने वाली बात होगी। ताजा अपडेट के लिए बने रहिए हमारे साथ! 🚀