Yahya Sinwar: गाज़ा के ‘कसाई’ से हमास के शीर्ष नेता तक का सफर
Yahya Sinwar याह्या इब्राहीम हसन अल-सिनवार (1962-2024), हमास के उन कट्टरपंथी नेताओं में से एक था जिसने अपने हिंसक और आतंकवादी गतिविधियों से पूरे क्षेत्र में डर और खौफ का माहौल बनाया। वह हमास के राजनीतिक ब्यूरो का प्रमुख था और गाज़ा पट्टी में संगठन का नेतृत्व कर रहा था। सिनवार को उसकी क्रूरता, कठोर विचारधारा, और इजराइल के खिलाफ हिंसक संघर्ष के लिए जाना जाता था। 16 अक्टूबर 2024 को इजराइली सेना के साथ एक संघर्ष में उसकी मौत की पुष्टि हुई। इस लेख में हम याह्या सिनवार के जीवन, उसके संघर्ष, हमास में उसकी भूमिका और अंततः उसकी मृत्यु पर चर्चा करेंगे।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
Yahya Sinwar का जन्म 29 अक्टूबर 1962 को गाज़ा पट्टी में खान यूनिस शरणार्थी शिविर में हुआ था। यह वह समय था जब गाज़ा पट्टी मिस्र के नियंत्रण में था। उसके परिवार को 1948 के अरब-इजराइल युद्ध के दौरान अश्कलोन से निष्कासित कर दिया गया था, जो सिनवार के जीवन और विचारधारा पर गहरा प्रभाव डालता है। याह्या सिनवार ने गाज़ा की इस्लामिक यूनिवर्सिटी से अरबी भाषा में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। यहीं से उसके कट्टरपंथी और आतंकवादी विचारों की नींव पड़ी।
हमास में आरंभिक योगदान
Yahya Sinwar की हमास में भूमिका की शुरुआत 1980 के दशक में हुई, जब उसने हमास के सुरक्षा तंत्र की स्थापना में अहम योगदान दिया। उसने उन फिलिस्तीनियों को निशाना बनाया जिन्हें इजराइल का सहयोगी या मुखबिर समझा जाता था। वह गुप्त संगठन ‘मज्द’ का सह-संस्थापक था, जो इजराइल के साथ सहकार्य करने वालों की पहचान करता था और उन्हें खत्म कर देता था। 1989 में उसने दो इजराइली सैनिकों और चार फिलिस्तीनियों की हत्या की योजना बनाई, जिसके लिए उसे आजीवन कारावास की सजा दी गई। उसे गाज़ा में उसकी क्रूरता के लिए “खान यूनिस का कसाई” कहा जाने लगा।
कठोर कारावास और कट्टरपंथी दृष्टिकोण
Yahya Sinwar ने इजराइल की जेल में 22 साल बिताए, जहां उसका वक्त संगठन के भीतर नेतृत्व कौशल और कठोर विचारधारा को मजबूत करने में गुजरा। जेल में रहते हुए, उसने इजराइली सैनिकों को बंधक बनाने और उनसे कैदियों की अदला-बदली की योजना बनाई। जेल में उसने कई बार भागने की कोशिश की, जिसमें जमीन के नीचे सुरंग खोदना भी शामिल था। यहां तक कि उसने इजराइली समाचारों और शिन बेट (इजराइल की आंतरिक सुरक्षा एजेंसी) के पूर्व प्रमुखों की आत्मकथाओं का अध्ययन कर अपनी रणनीति विकसित की।
हमास के नेता के रूप में उदय
2011 में गिलाद शालित कैदी अदला-बदली के दौरान सिनवार को अन्य 1,026 कैदियों के साथ रिहा किया गया। इसके बाद वह हमास के भीतर एक महत्वपूर्ण नेता के रूप में उभरा। फरवरी 2017 में, याह्या सिनवार को गाज़ा पट्टी में हमास का नेता चुना गया। उसके नेतृत्व में हमास ने इजराइल के खिलाफ अपनी सैन्य गतिविधियों को बढ़ाया। वह इजराइल के साथ किसी भी तरह की सुलह या समझौते के सख्त खिलाफ था और फिलिस्तीन की मुक्ति के लिए सशस्त्र संघर्ष का समर्थन करता था। 2021 में उसे दोबारा हमास का नेता चुना गया।
7 अक्टूबर 2023: हमास का इजराइल पर हमला
याह्या सिनवार को 7 अक्टूबर 2023 को इजराइल पर हुए हमास के अब तक के सबसे बड़े और घातक हमले के पीछे का मास्टरमाइंड माना जाता है। इस हमले में करीब 1,200 इजराइली नागरिक मारे गए और सैकड़ों लोगों को बंधक बना लिया गया। यह हमला सिनवार और हमास के अन्य कट्टरपंथी नेताओं द्वारा दो साल से योजना बना रहा था। हमास के इस कृत्य ने पूरे मध्य पूर्व में तनाव को और बढ़ा दिया और सिनवार को इजराइल के शीर्ष निशाने पर ला दिया।
मौत की ओर कदम: इजराइल का बदला
हमास के इस क्रूर हमले के बाद इजराइल ने गाज़ा पर एक व्यापक सैन्य अभियान शुरू किया, जिसमें सिनवार को खत्म करने का संकल्प शामिल था। इजराइल ने उसे पकड़ने के लिए कई बार हवाई हमले और जमीनी ऑपरेशन चलाए। सिनवार के छिपने की जगह का पता लगाने के लिए इजराइली सेना ने गाज़ा में बड़े पैमाने पर अभियान चलाया। उसे गाज़ा की सुरंगों में छिपे होने का अनुमान था, जहां वह बंधकों को ‘मानव ढाल’ के रूप में इस्तेमाल कर रहा था। 16 अक्टूबर 2024 को, इजराइली सेना ने गाज़ा में एक बड़े ऑपरेशन के दौरान सिनवार को मार गिराने का दावा किया। डीएनए जांच और उसकी उंगलियों के निशान से उसकी पहचान की पुष्टि की गई।
सिनवार की मौत के बाद हमास का भविष्य
याह्या सिनवार की मौत से हमास को एक बड़ा झटका लगा है। वह संगठन का सबसे कट्टरपंथी और ताकतवर नेता था, और उसकी मौत के बाद हमास की रणनीतियों में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। सिनवार की मौत के साथ ही इजराइल ने यह संदेश दिया है कि वे हमास के खिलाफ अपने अभियान को जारी रखेंगे और गाज़ा को हमास के नियंत्रण से मुक्त करने का प्रयास करेंगे।
अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया और विरासत
याह्या सिनवार को अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायालय (ICC) द्वारा युद्ध अपराधों और मानवता के खिलाफ अपराधों के आरोपों का सामना करना पड़ा। मई 2024 में, ICC के अभियोजक करीम खान ने सिनवार के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने का इरादा जताया था। संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपीय संघ ने सिनवार को पहले ही एक आतंकवादी के रूप में नामित कर रखा था। सिनवार की मौत से अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने राहत की सांस ली, क्योंकि उसकी विचारधारा और हिंसक गतिविधियों ने लंबे समय से क्षेत्रीय स्थिरता को खतरे में डाला था।
एक आतंकवादी नेता का अंत
याह्या सिनवार की कहानी एक ऐसे व्यक्ति की है, जिसने एक शरणार्थी शिविर से उठकर गाज़ा पट्टी में हमास का शीर्ष नेतृत्व संभाला और कट्टरपंथी विचारधारा के साथ हिंसा और आतंक का सहारा लिया। उसकी मृत्यु ने इजराइल और गाज़ा के बीच संघर्ष के एक अध्याय को समाप्त किया, लेकिन हमास और इजराइल के बीच संघर्ष का अंत अभी भी दूर दिखाई देता है। सिनवार का जीवन, उसकी विचारधारा और उसके कार्य भविष्य के नेताओं और विचारधाराओं के लिए एक चेतावनी के रूप में खड़ा रहेगा।