Gaza सिटी में आतंक और पलायन का नजारा: 1 लाख लोग सुरक्षित स्थान की ओर भागे, इजराइली सेना ने युद्ध क्षेत्र घोषित किया
Gaza Crisis की खबर अब पूरी दुनिया की निगाहों में है। इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हाल ही में यरुशलम में आयोजित एक बैठक में बताया कि गाजा सिटी से लगभग 1 लाख लोग पलायन कर चुके हैं। उनका कहना है कि हमास ने महिलाओं और बच्चों को भी रोकने की कोशिश की और उन्हें मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल करने की पूरी योजना बनाई है। नेतन्याहू के अनुसार, यह एक गंभीर मानवीय संकट बनता जा रहा है।
इजराइली सेना की तैयारी और पर्चे अभियान
इजराइली सेना (IDF) ने शनिवार को हेलिकॉप्टर से पर्चे गिराए और लोगों से गाजा सिटी खाली करने की अपील की। IDF ने गाजा सिटी को हमास का मुख्य गढ़ और कॉम्बैट जोन घोषित किया है। सेना अब धीरे-धीरे शहर के अंदरूनी इलाकों की ओर बढ़ रही है। IDF का दावा है कि नागरिकों के लिए सुरक्षित रास्ते तैयार किए गए हैं, जहां अस्थायी अस्पताल, टेंट और भोजन-पानी उपलब्ध कराया जाएगा।
हालांकि, संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने चेतावनी दी है कि लाखों लोगों के पलायन से मानवीय संकट और भी गहरा होगा। UN के अनुसार, गाजा सिटी में अब भी करीब 10 लाख फिलिस्तीनी मौजूद हैं, जो संघर्ष की भयावह स्थिति में फंसे हुए हैं।
इजराइल की रणनीति और गाजा पर कब्जे की योजना
पिछले महीने, अगस्त में, इजराइल ने गाजा सिटी पर कब्जे की योजना को मंजूरी दी। इसके तहत करीब 60,000 रिजर्व सैनिकों को ड्यूटी पर बुलाने का आदेश जारी किया गया। इस अभियान का नाम ‘गिदोन’स चेरिएट्स-बी’ रखा गया है। योजना के अनुसार, गाजा सिटी पर कब्जे के लिए कुल 1.30 लाख सैनिक तैनात किए जाएंगे।
पहली खेप में 2 सितंबर को लगभग 40-50 हजार सैनिक बुलाए जाने का शेड्यूल तय किया गया, जबकि दूसरी खेप नवंबर-दिसंबर और तीसरी खेप फरवरी-मार्च 2026 में तैनात की जाएगी। ऑपरेशन में 5 आर्मी डिवीजन और 12 ब्रिगेड-लेवल टीमें शामिल होंगी, जिसमें पैदल सेना, टैंक, तोपखाना, इंजीनियरिंग और सपोर्ट यूनिट्स शामिल हैं।
गाजा का भौगोलिक परिदृश्य और नियंत्रण
इजराइली सेना के अनुसार, गाजा पट्टी का लगभग 75% हिस्सा अब उनके नियंत्रण में है। गाजा सिटी के 25% इलाके में अभी भी IDF का कब्जा नहीं है और यह क्षेत्र अब हमास के अधीन है। IDF का लक्ष्य उन इलाकों में प्रवेश करना है, जहां अभी भी कई बंधक होने की आशंका है।
गाजा में फिलहाल हमास के पास 50 बंधक हैं, जिनमें से लगभग 20 अभी भी जिंदा हैं और 28 की मौत हो चुकी है। इस स्थिति ने मानवीय संकट को और भी भयानक बना दिया है।
मानवीय संकट और पलायन का असर
गाजा सिटी में इस युद्ध ने लाखों लोगों को घरों से बेघर कर दिया है। बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। पर्चों और सुरक्षित मार्गों के बावजूद, बड़ी संख्या में नागरिक अभी भी शहर में फंसे हैं। अंतरराष्ट्रीय संगठनों का कहना है कि यदि जल्द ही मानवीय राहत नहीं दी गई, तो यह संकट और भी गहरा होगा।
IDF ने घोषणा की है कि वे अस्थायी अस्पताल, भोजन और पानी के इंतजाम करेंगे, लेकिन अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं का कहना है कि ये व्यवस्थाएं पर्याप्त नहीं हैं। हजारों लोग अभी भी संघर्ष और आतंक के बीच फंसे हुए हैं।
गाजा पर वैश्विक नजर
गाजा में हालात केवल स्थानीय नहीं बल्कि वैश्विक चिंता का विषय बन गए हैं। विभिन्न देशों और संगठनों ने इजराइल और हमास दोनों से संयम बरतने की अपील की है। हालांकि, सेना और हमास के बीच जारी तनाव से यह संकट और गंभीर होता जा रहा है।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस पलायन की स्थिति लंबे समय तक जारी रह सकती है और मानवीय राहत अभियान को मजबूत करना जरूरी है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को मिलकर तत्काल कदम उठाने होंगे ताकि लाखों लोग सुरक्षित स्थान पर पहुँच सकें।
गाजा में आगे की संभावनाएं
विश्लेषकों का कहना है कि गाजा सिटी में अभी भी बड़े पैमाने पर संघर्ष होने की संभावना है। IDF की रणनीति और हमास की प्रतिरोध योजनाएं भविष्य में और बड़ी लड़ाई का संकेत दे रही हैं।
सैन्य विशेषज्ञों का कहना है कि इस ऑपरेशन में बड़ी संख्या में पैदल सेना और टैंक की तैनाती ने युद्ध को और भी भयावह बना दिया है। यदि हालात नियंत्रण से बाहर हुए, तो मानवीय संकट और भी विकराल रूप ले सकता है।

