ग्रामीण क्षेत्र में प्रशासन को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत कोई पात्र नहीं मिला
मुजफ्फरनगर। करीब 30 लाख की आबादी वाले जिले के ग्रामीण क्षेत्र में प्रशासन को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत कोई पात्र नहीं मिला। शासन से इस बार मात्र एक आवास निर्माण के लिए लक्ष्य मिला, लेकिन उसे भी सरेंडर कर दिया गया।
प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत कच्चे आवास वालों को मकान निर्माण के लिए एक लाख 20 हजार रुपये दिए जाते हैं। पात्रों का चयन 2011 की सामाजिक आर्थिक गणना के आधार पर किया जाता है। सर्वे के आधार पर 2388 पात्रों के नाम पोर्टल पर अपलोड किए गए थे। इन सबका दोबारा सर्वे किया गया तो मात्र 183 परिवार ही मानकों पर खरे उतर पाए। इनमें से बीते तीन वर्षों में 182 मकानों का निर्माण हो गया। इसलिए शासन ने बचे हुए एक आवास का लक्ष्य जारी किया था, लेकिन प्रशासन ने उसे भी अपात्र घोषित कर दिया और जारी किया गया लक्ष्य सरेंडर कर दिया। अधिकारियों का दावा है कि जनपद में प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए कोई पात्र परिवार नहीं बचा है।
गांवों में पहुंचते ही खुल जाती है दावों की पोल
मुजफ्फरनगर। जिले में आवास योजना का पात्र नहीं होने के दावों की पोल गांवों में पहुंचते ही खुल जाती है। गांवों में बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं जिनके आवास कच्चे और जर्जर हैं, लेकिन उनके मकान नहीं बन सके। बघरा के मोहल्ला मन्नीवाला निवासी राजेश पुत्र लाल सिंह का मकान जर्जर है। ग्राम अमीरनगर निवासी कौशल्या, भोपा निवासी राजेश पत्नी बलेसर, जयविंदर पुत्र भंवर सिंह तथा मिंटू पुत्र श्याम सिंह लगातार अधिकारियों को प्रार्थना पत्र दे रहे हैं, लेकिन उनके आवास नहीं बन पा रहे। ग्राम तिस्सा निवासी जगपाल और रोहताश का मकान कुछ दिन पहले ही बारिश में धराशायी हो गया। मोरकुक्का निवासी नीरज के मकान की छत गिर गई। जुलाई माह में गांव सिखेड़ा निवासी गुलशन का जर्जर मकान गिरने से उसके तीन बच्चों की मौत हो चुकी है।
अलग से दो आवासों की मांग
मुजफ्फरनगर। जिले के अधिकारियों ने अलग से दो आवासों के निर्माण की मांग की है। पात्रता सूची में कोई पात्र नहीं होने पर लक्ष्य सरेंडर कर दिया लेकिन अल्पसंख्यक वर्ग के दो पात्र परिवार जिले में हैं। इसलिए उनके आवास के लिए अलग से बजट मांगा गया है।
बीते तीन वर्षों में बने आवास
वर्ष आवास निर्माण
2016-17 163
2017-18 17
2018-19 02
कुल 182
परियोजना अधिकारी डीआरडीए जयसिंह यादव का कहना है कि 2011 की सर्वे सूची में शामिल व्यक्तियों के ही आवास बन सकते हैं। इस सूची में कोई भी पात्र व्यक्ति नहीं बचा। अल्पसंख्यक वर्ग के दो व्यक्तियों के लिए अलग से बजट की मांग की गई है।
पात्रता के प्रमुख मानक …
– सामाजिक आर्थिक एवं जातिगत जनगणना 2011 में नाम हो।
– ऐसा परिवार जो आवास विहीन हो।
– एक कमरा कच्चा जिसकी छत और दीवारें दोनों कच्ची हो।
– भूमिहीन जिसकी आय का मुख्य स्त्रोत मजदूरी हो।
– परिवार जिसमें दिव्यांग सदस्य हो तथा अन्य कोई वयस्क न हो।
– सिर पर मैला ढोने वाला परिवार हो आदि।