Aligarh: क्वार्सी इलाके में दो दुल्हनें लाखों के जेवरात लेकर फरार
Aligarh क्वार्सी इलाके में दो युवकों की बिचौलियों ने शादी कराईं और दो दिन बाद ही दुल्हनें लाखों के जेवरात लेकर फरार हो गईं। परिवारों ने पुलिस से शिकायत की। जिसमें बताया कि बिचौलियों ने अस्सी-अस्सी हजार रुपये लेकर शादी कराई थीं। पुलिस ने शिकायतों का संज्ञान लेते हुए दो बिचौलियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
पहला वाकया चंपा विहार साकेत कालोनी के मानव बंसल के साथ हुआ। मानव द्वारा पुलिस को बताया गया कि 14 मई को उसकी शादी बुलंदशहर के खुर्जा स्थित चामुंडा मंदिर में नेहा नाम की युवती से कराई गई। उसी मंदिर में पहले मुंह दिखाई कराई गई थी। शादी कराने में धनीपुर ब्लाक की मोहन नगर कालोनी निवासी पुष्पा देवी, सूर्य विहार निवासी प्रदीप शर्मा, कमलेश व बबलू ने बिचौलिये की भूमिका निभाई। शादी के बाद नेहा को विदा कराकर घर लाया।
15 मई को उसके भाई सोनू व प्रदीप विदा कराकर ले गए। जाते समय वह अपने साथ दूल्हा पक्ष द्वारा चढ़ाए गए कई लाख के जेवरात व मुंह दिखाई के रुपये तक साथ ले गई। 17 मई को उसे वापस ससुराल विदा कराने के लिए नेहा के भाइयों को फोन किया तो मोबाइल स्विच आफ था। युवती का फोन भी बंद था। इसी बीच पता चला कि इसी तरह की घटना उनके ही मोहल्ले के दिनेश के साथ हुई है।
अलीगढ़ क्वार्सी इलाके में हुई एक घटना ने एक बार फिर समाज में गहरी छाप छोड़ दी है। दो युवकों की बिचौलियों ने शादी कराईं और फिर दो दिनों के भीतर ही वे लाखों के जेवरात लेकर फरार हो गईं। यह घटना न केवल एक व्यक्ति या एक परिवार के जीवन को प्रभावित करती है, बल्कि समाज के मूल्यों और नैतिकता को भी चुनौती देती है।
इस घटना के पीछे की कहानी उसके परिपेक्ष में उजागर करती है कि कैसे धन की भूख और लालच ने दो युवाओं को नैतिकता की मौजूदगी को उड़ा दिया। यह घटना सिर्फ शादी के नाम पर एक ठगी का मामला नहीं है, बल्कि इसने उस समाज की भी सच्चाई को भी उजागर किया है जिसमें हम जीते हैं।
इस घटना का पहला मामला चंपा विहार साकेत कालोनी के मानव बंसल के साथ हुआ। मानव ने पुलिस को बताया कि 14 मई को उसकी शादी बुलंदशहर के खुर्जा स्थित चामुंडा मंदिर में नेहा नाम की युवती से कराई गई। उसी मंदिर में पहले मुंह दिखाई कराई गई थी। शादी कराने में धनीपुर ब्लाक की मोहन नगर कालोनी निवासी पुष्पा देवी, सूर्य विहार निवासी प्रदीप शर्मा, कमलेश व बबलू ने बिचौलिये की भूमिका निभाई। शादी के बाद नेहा को विदा कराकर घर लाया।
15 मई को उसके भाई सोनू व प्रदीप विदा कराकर ले गए। जाते समय वह अपने साथ दूल्हा पक्ष द्वारा चढ़ाए गए कई लाख के जेवरात व मुंह दिखाई के रुपये तक साथ ले गई। 17 मई को उसे वापस ससुराल विदा कराने के लिए नेहा के भाइयों को फोन किया तो मोबाइल स्विच आफ था। युवती का फोन भी बंद था। इसी बीच पता चला कि इसी तरह की घटना उनके ही मोहल्ले के दिनेश के साथ हुई है।
यह घटना दिखाती है कि कैसे धन की लालच और असामाजिक तत्वों का आरोपी करने की चाहत ने दो युवाओं को धोखा देने के लिए मजबूर किया। इससे हमें यह सबक सिखना चाहिए कि विश्वासघात करना और अपने समाज को धोखा देना किसी के लिए भी उचित नहीं है।