खेल जगत

Aman Sehrawat को ओवरवेट के कारण WFI ने लगाया 1 साल का प्रतिबंध, पेरिस ओलिंपिक ब्रॉन्ज मेडलिस्ट विवाद में

भारत के युवा फ्री-स्टाइल पहलवान Aman Sehrawat, जिन्होंने 2024 पेरिस ओलिंपिक में भारत को 57 किग्रा कैटेगरी में ब्रॉन्ज मेडल दिलाया, अब वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप में ओवरवेट होने के कारण विवाद में हैं। रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) ने उन्हें एक साल का प्रतिबंध लगा दिया है।


57 किग्रा फ्रीस्टाइल में क्रोएशिया चैंपियनशिप में हुआ डिसक्वालिफिकेशन

22 वर्षीय अमन सहरावत 13 से 21 सितंबर 2024 के बीच क्रोएशिया में आयोजित सीनियर वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले थे। उन्हें 57 किग्रा फ्रीस्टाइल कैटेगरी में उतरना था, लेकिन उनका वजन 1.7 किलोग्राम ज्यादा था। इसके कारण उन्हें प्रतियोगिता से डिसक्वालिफाई कर दिया गया।


WFI ने जारी किया कारण बताओ नोटिस

फेडरेशन को अमन के जवाब से असंतोष था। उन्होंने 23 सितंबर 2024 को कारण बताओ नोटिस जारी किया और 29 सितंबर तक जवाब मांगा। अमन ने अपना जवाब दिया, लेकिन अनुशासन समिति ने इसे असंतोषजनक माना। इसके बाद फेडरेशन ने एक साल का प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया।


कोचिंग स्टाफ पर भी सवाल उठाए गए

WFI ने अमन के मुख्य कोच जगमंदर सिंह और उनके कोचिंग स्टाफ के तीन अन्य सदस्यों – विनोद, वीरेंद्र और नरेंद्र – से भी वजन प्रबंधन में विफलता के लिए स्पष्टीकरण मांगा। फेडरेशन का कहना है कि कोचिंग स्टाफ ने खिलाड़ी के वजन की निगरानी में लापरवाही की।


ओवरवेट नियम और अमन की तैयारी

वर्ल्ड यूनाइटेड रेसलिंग के 2023 नियमों के अनुसार, वर्ल्ड कप, रैंकिंग सीरीज और अन्य इंटरनेशनल टूर्नामेंट में 2 kg तक ओवरवेट की छूट है। लेकिन ओलिंपिक गेम्स और वर्ल्ड चैंपियनशिप में ऐसा कोई प्रोविजन नहीं है।
यदि वजन 1 ग्राम भी ज्यादा हो, तो खिलाड़ी को डिस्क्वालिफाई कर दिया जाता है।

अमन ने ओलिंपिक सेमीफाइनल के बाद 10 घंटे में 4.6 किग्रा वजन घटाया था। मैच के बाद उनका वजन 61.5 किग्रा था, जो उनकी कैटेगरी 57 किग्रा से 4.5 किग्रा ज्यादा था। भारतीय कोच वीरेंद्र दहिया ने वजन घटाने की प्रक्रिया को मॉनिटर किया था।


पेरिस ओलिंपिक की उपलब्धि

अमन सहरावत ने 21 साल 24 दिन की उम्र में फ्री-स्टाइल 57 किग्रा कैटेगरी में प्यूर्टो रिको के डेरियन टोई क्रूज को 13-5 से हराकर भारत को ब्रॉन्ज मेडल दिलाया।
वे भारत के सबसे युवा ओलिंपिक मेडलिस्ट बने। इससे पहले पीवी सिंधु ने 21 साल एक महीने 14 दिन की उम्र में रियो ओलिंपिक सिल्वर जीता था।


WFI का बयान – प्रोफेशनलिज्म और अनुशासन की कमी

WFI ने कहा कि ओलिंपिक मेडल विजेता खिलाड़ियों से उच्च स्तर की प्रोफेशनलिज्म और अनुशासन की उम्मीद की जाती है।
वजन नाप में असफलता खेल की तैयारी और अनुशासन की कमी को दर्शाती है।

फेडरेशन के अनुसार, यह कदम भविष्य में खिलाड़ियों को अनुशासन और वजन प्रबंधन के महत्व को समझाने के लिए उठाया गया है।


भारत का प्रदर्शन वर्ल्ड चैंपियनशिप में

क्रोएशिया में हुई वर्ल्ड चैंपियनशिप में भारत को केवल एक मेडल मिला। महिलाओं की 53 किग्रा कैटेगरी में अंतिम पंघाल ने ब्रॉन्ज जीता।इस वर्ल्ड चैंपियनशिप में अमन का डिस्क्वालिफिकेशन भारत के लिए एक भारी झटका साबित हुआ।


अमन की उपलब्धियों और भविष्य की राह

अमन सहरावत की पेरिस ओलिंपिक में उपलब्धि और अब वर्ल्ड चैंपियनशिप का विवाद एक सीख और चेतावनी दोनों है।
फेडरेशन ने कहा कि वे अमन और कोचिंग स्टाफ के साथ फ्यूचर ट्रेनिंग प्लान और वजन मैनेजमेंट प्रोटोकॉल पर काम करेंगे।


अमन सहरावत का प्रतिबंध भारतीय रेसलिंग समुदाय में बहस का विषय बन गया है। जबकि पेरिस ओलिंपिक में उनका ब्रॉन्ज मेडल भारत के लिए गर्व का क्षण था, अब अनुशासन और प्रोफेशनलिज्म की आवश्यकताओं के कारण एक साल का प्रतिबंध लागू किया गया है। यह घटना भविष्य के खिलाड़ियों के लिए एक चेतावनी और सीख है कि केवल प्रतिभा ही नहीं, बल्कि अनुशासन और तैयारी भी सफलता की कुंजी है।

 

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