होली के तीसरे दिन देवी मंदिर सिद्धपीठ का वार्षिक उत्सव
मुजफ्फरनगर। मां शाकुम्भरी एवं मां बालासुंदरी की ऐतिहासिक संयुक्त पीठ प्राचीन देवी मंदिर सिद्धपीठ, नदी घाट, शामली रोड का वार्षिक उत्सव इस वर्ष भी बडी धूमधाम के साथ आयोजित किया जा रहा है।
होली के तीसरे दिन तिल्हेन्डी पर आयोजित होने वाले विशाल मेले के अवसर पर चमत्कारिक भभूत व विघ्नबाधा हरने वाले काले धागे का वितरण भी किया जायेगा। धार भी चढायी जायेगी।
प्राचीन देवी मंदिर समिति के सचिव/प्रवक्ता गुरूजी संजय कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि मेले के दिन प्रातः सात बजे से ही विशेष पूजा अर्चना व माताओं को भोग लगाना शुरू हो जायेगा जो देर रात्रि तक जारी रहेगा।
मंदिर कमैटी की ओर से पं. संजय कुमार, पं. महेश कुमार, पं. भूषण लाल ने सभी धर्मप्रेमियों से आग्रह किया कि वे मेले के दिन मंदिर स्थल पर पधारकर माताओं के दर्शन कर अपनी मनोकामनाओं को पूर्ण कराये। जनपद के इतिहास से जुडे इस सिद्धपीठ उत्तरी भारत में मुरादों को पूरी करने वाली सिद्धपीठ के रूप मे विख्यात है।
जनपद ही नहीं, उत्तरी भारत, लखनऊ, दिल्ली आदि की सत्ता में बैठे अनेकों जनप्रतिनिधि इस सिद्धपीठ के चमत्कार के कारण विजयश्री हासिल कर आज उच्च पदों पर सुशोभित है। अनेक राजनेता व जनप्रतिनिधि भी यहां के चमत्कार को नमस्कार कर लाभान्वित हो चुके है। ऐसे में इस प्राचीन सिद्धपीठ का महत्व अलग ही नजर आता है।
