Bulandshahr News: 8 साल के निशांत की हत्या के मामले में 302 के तहत आजीवन कारावास
Bulandshahr News: 8 साल के मासूम बच्चे की हत्या के मामले में एडीजे-12 बुलन्दशहर नेअभियुक्त बलवीर पुत्र मोमराज निवासी ग्राम माडू हसन गढी़ को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास एवं 10 हज़ार के अर्थदंड की सजा मुकर्रर की है।
अपर सत्र न्यायाधीश 12 बुलंदशहर के सहायक शासकीय अधिवक्ता चंद्रभान सिंह ने बताया कि 12 अप्रैल 2017 को मुकेश पुत्र हेती गिरी निवासी ग्राम मांडू हसनगढ़ी, थाना नरसेना ने नरसेना थाने पर दर्ज करायी रिपोर्ट में कहा था कि उसका 8 साल का पुत्र निशांत स्कूल से घर आया था और कपड़े बदलने के बाद बाजार से पेंसिल लेने गया था, मगर वापस नहीं लौटा।
जब उसकी तलाश शुरू की तो ग्रामीणों ने गांव के ही बलवीर पुत्र मोमराज द्वारा उसे अपने साथ लेकर जाते हुए देखे जाने की बात बताई थी। जिसके बाद जब निशांत को तलाशते हुए बलवीर के घर पहुंचे, तो उसके घर निशांत का शव पड़ा था, पुलिस ने निशांत के शव का पंचनामा भर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था और थाना नरसेना पर मुकेश ने बालवीर पुत्र मोमराज के खिलाफ अपने पुत्र की हत्याका अभियोग पंजीकृत कराया था।
बुलंदशहर के एसएसपी संतोष कुमार सिंह ने बताया कि मासूम बच्चे निशांत(8) की हत्या के मामले को पुलिस ने संगीन अपराधों की श्रेणी में शामिल कर गहनता से विवेचना कराई, तत्परता से मामले की पैरोंकारी कराई गई, विवेचना के बाद आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया और आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया गया।
सहायक शासकीय अधिवक्ता चंद्रभान सिंह ने बताया कि पूरे प्रकरण में हत्या की वजह साफ नहीं हो सकी। हालांकि हत्यारोपी ने विवेचक के समक्ष अपना जुर्म कबूल किया था। हत्या का जुर्म कबूल करने और गांव के ही 2 लोगों द्वारा बच्चे को अपने साथ ले जाते हुए देखने और घर ऐसे ही शव बरामद होने को आधार मानते हुए दोषी करार दे सजा मुकर्रर की गई।
सहायक शासकीय अधिवक्ता चंद्रभान सिंह ने बताया कि मामले में 6 गवाह पेश किए गए अपर सत्र न्यायालय, न्याय कक्ष 12 बुलंदशहर की न्यायाधीश विनीता विमल ने प्रस्तुत साक्ष्यों गवाहों के बयानों और दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की दलीलों को सुनने के बाद अभियुक्त बलवीर पुत्र मोमराज निवासी ग्राम माडू हसन गढी़ ,थाना नरसैना को निशांत (8) की हत्या का दोषी करार देते हुए धारा 302 के तहत आजीवन कारावास (life imprisonment) की सजा मुकर्रर की है तथा 10000 का अर्थदंड भी लगाया है ।