Delhi Pollution Crisis: स्कूलों और विश्वविद्यालयों ने ऑनलाइन क्लासेस की घोषणा, सरकार को मिली फटकार
Delhi Pollution Crisis दिल्ली और एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण ने एक गंभीर संकट का रूप ले लिया है, जिससे न केवल आम जनता बल्कि शिक्षा संस्थान भी प्रभावित हो रहे हैं। दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, और गुरुग्राम जैसे इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) ने खतरनाक स्तर को पार कर लिया है, और इससे लोगों के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है। 19 नवंबर 2024 को दिल्ली का AQI 500 के पार पहुंच गया, जो इस मौसम का सबसे खराब स्तर है। ऐसी स्थिति में कई स्कूल और विश्वविद्यालयों ने तुरंत कदम उठाते हुए अपनी कक्षाओं को ऑनलाइन मोड में स्थानांतरित कर दिया है।
दिल्ली के विश्वविद्यालय और स्कूलों ने ऑनलाइन कक्षाएं शुरू कीं
दिल्ली विश्वविद्यालय, जामिया मिल्लिया इस्लामिया और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) जैसे प्रमुख शिक्षा संस्थान वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर के कारण ऑनलाइन कक्षाओं का संचालन कर रहे हैं। जामिया मिल्लिया इस्लामिया ने 19 नवंबर को एक आधिकारिक घोषणा की कि विश्वविद्यालय 23 नवंबर तक सभी कक्षाओं को ऑनलाइन मोड में आयोजित करेगा। इसी तरह, JNU ने भी 22 नवंबर तक अपनी कक्षाओं को ऑनलाइन शिफ्ट कर दिया है। इस निर्णय का उद्देश्य छात्रों और कर्मचारियों को प्रदूषण के खतरनाक प्रभावों से बचाना है।
गुरुग्राम में 12वीं कक्षा तक की स्कूलें बंद
हरियाणा के गुरुग्राम जिले में भी वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए जिला शिक्षा अधिकारी ने 19 नवंबर से 23 नवंबर तक कक्षा 12 तक की सभी शारीरिक कक्षाओं को स्थगित करने का आदेश जारी किया है। यह निर्णय हरियाणा के शिक्षा निदेशक के निर्देशों और प्रदूषण स्तर का आकलन करने के बाद लिया गया है। प्रदूषण के कारण स्कूलों के बंद होने से छात्रों और उनके अभिभावकों के लिए एक नई समस्या उत्पन्न हो गई है, क्योंकि कई छात्रों को परीक्षा और अन्य महत्वपूर्ण गतिविधियों के लिए तैयार रहना था।
दिल्ली सरकार का केंद्र से समर्थन की मांग
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने प्रदूषण की गंभीर स्थिति को लेकर केंद्र सरकार से सख्त कदम उठाने की मांग की है। राय ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार की बार-बार की अपीलों पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। उन्होंने कहा, “अगर केंद्र सरकार प्रदूषण को नियंत्रित नहीं कर सकती, तो केंद्रीय मंत्री को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।” उन्होंने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव से फिर से आग्रह किया कि दिल्ली में कृत्रिम वर्षा की अनुमति दी जाए ताकि प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके।
केंद्र और राज्य सरकारों के बीच टकराव
दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के बीच प्रदूषण के मुद्दे पर टकराव बढ़ता जा रहा है। दिल्ली सरकार ने दिल्ली-एनसीआर में आपातकालीन स्थिति घोषित करने की मांग की है, जबकि केंद्र ने अभी तक कोई निर्णायक कदम नहीं उठाया है। दिल्ली सरकार के मंत्री गोपाल राय ने कहा कि प्रदूषण के मामले में केंद्र की पूरी अनदेखी हो रही है, जबकि दिल्ली की वायु गुणवत्ता लगातार बिगड़ती जा रही है।
सुप्रीम कोर्ट का सख्त रुख
दिल्ली और आसपास के क्षेत्र में प्रदूषण के बढ़ते संकट को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने भी अपनी चिंता व्यक्त की है। अदालत ने दिल्ली सरकार को आदेश दिया है कि वह स्थिति पर नियंत्रण पाने के लिए तत्काल कदम उठाए और साथ ही केंद्र सरकार से भी कार्रवाई की अपेक्षा की। अदालत ने इस दौरान ग्रेप-4 (ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान) लागू करने के आदेश दिए, जो प्रदूषण के खतरनाक स्तर को नियंत्रित करने के लिए लागू किया जाता है।
क्या है GRAP?
GRAP, यानी ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान, एक आपातकालीन उपाय है जिसे गंभीर प्रदूषण की स्थिति में लागू किया जाता है। इसके तहत वाहनों की संख्या को नियंत्रित किया जाता है, निर्माण कार्यों पर रोक लगाई जाती है, और अन्य उपायों को लागू किया जाता है ताकि प्रदूषण को काबू में किया जा सके। दिल्ली में प्रदूषण की गंभीर स्थिति के मद्देनजर इस योजना को लागू किया गया है।
आर्टिफिशियल रेन की जरूरत
दिल्ली सरकार द्वारा प्रदूषण से निपटने के लिए एक और कदम उठाने की योजना है, जो है कृत्रिम वर्षा (Artificial Rain)। मंत्री गोपाल राय ने केंद्र से इसे मंजूरी देने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि यदि केंद्र सरकार इस मामले में शीघ्र कार्रवाई नहीं करती है, तो दिल्ली सरकार को खुद ही कदम उठाने होंगे।
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की बढ़ती समस्या
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की समस्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। अक्टूबर और नवंबर के महीनों में खेतों में पराली जलाने, वाहनों की अधिकता और औद्योगिक प्रदूषण के कारण वायु गुणवत्ता में भारी गिरावट आई है। विशेष रूप से सर्दियों के मौसम में, जब प्रदूषण का स्तर अपने चरम पर होता है, तो दिल्ली की हवा पूरी तरह से जहरीली हो जाती है। इसके कारण सांस लेने में तकलीफ, आंखों में जलन, और श्वसन रोगों के मामलों में वृद्धि हो रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील
दिल्ली सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी इस मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की है। गोपाल राय ने कहा, “यह प्रधानमंत्री का नैतिक कर्तव्य है कि वह प्रदूषण नियंत्रण के लिए ठोस कदम उठाएं। यदि केंद्र सरकार इस समस्या को हल करने में विफल रहती है, तो हमें यह समझना होगा कि सरकार प्रदूषण नियंत्रण के मामले में गंभीर नहीं है।”
दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में प्रदूषण ने एक गंभीर संकट का रूप ले लिया है। इसके कारण न केवल स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं, बल्कि शिक्षा, कार्य और अन्य जीवन की गतिविधियाँ भी प्रभावित हो रही हैं। सरकारों से लगातार उपायों की मांग की जा रही है, लेकिन अभी तक ठोस समाधान नहीं दिख रहा है। अब देखना यह है कि क्या केंद्र और राज्य सरकारें इस गंभीर प्रदूषण संकट से निपटने के लिए शीघ्र कदम उठाती हैं, ताकि दिल्ली और एनसीआर के निवासियों को राहत मिल सके।