संपादकीय विशेष

Muzaffarnagar की बदहाल सड़कों ने बढ़ाई आम नागरिकों की परेशानी, हादसों से हर कोई दहशत में

मुजफ्फरनगर। (Muzaffarnagar) मुजफ्फरनगर के रुड़की रोड से मदीना चैक तक का रास्ता, जो कभी शहर की प्रमुख सड़कों में गिना जाता था, अब अपनी खस्ताहाली की गवाही दे रहा है। आज से लगभग एक दशक पहले यह सड़क शहरवासियों के लिए एक महत्वपूर्ण मार्ग हुआ करती थी, लेकिन अब यह सड़क टूट-फूट, गहरे गड्ढों और जलभराव से अटी पड़ी है, जिससे न केवल यातायात की समस्या बढ़ गई है, बल्कि स्थानीय निवासियों के लिए यह खतरनाक बन चुकी है।

इस सड़क का हाल यह हो चुका है कि अब यहां पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है। सड़क के गहरे गड्ढों में पानी भर जाने से यह रास्ता और भी खतरनाक हो गया है। बारिश के दिनों में तो यह सड़क और भी विकट हो जाती है। दुर्घटनाओं की संख्या बढ़ गई है, और आए दिन स्थानीय लोग गड्ढों में बाइक या कार के फंसने से चोटिल हो जाते हैं। यह सड़क श्मशान घाट, कई स्कूलों और अस्पतालों से जुड़ी हुई है, लेकिन इस सड़क की हालत ऐसी हो चुकी है कि कोई भी व्यक्ति अर्थी लेकर गुजरने की हिम्मत नहीं जुटा सकता।

स्थानीय लोगों का कहना है कि इस सड़कों की चौड़ाई भले ही 70 फीट हो, लेकिन इसकी हालत पिछले दस सालों से जस की तस बनी हुई है। इसके बावजूद इस पर ध्यान देने के लिए प्रशासन ने कोई कदम नहीं उठाया। इस सड़क पर आने-जाने वाले बच्चों और बुजुर्गों को खासतौर पर परेशानी होती है। कई बार बाइक और कार गहरे गड्ढों में फंस कर दुर्घटनाग्रस्त हो चुकी हैं, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई मदद नहीं मिल रही है।

गड्ढों से परेशान नागरिक

मुजफ्फरनगर के परिक्रमा रोड की हालत भी कम बेहतर नहीं है। यह सर्कुलर रोड से लेकर अलमासपुर, ए टू जेड रोड और पुरानी रजवाहा रोड को जोड़ता है। इस मार्ग पर श्री राम जैसा प्रतिष्ठित कॉलेज और अन्य कई विद्यालय हैं। इसके अलावा, चैधरी छोटू राम पीजी कॉलेज का कृषि फार्म और कई आवासीय कॉलोनियाँ भी इस मार्ग पर स्थित हैं। वसुंधरा जैसी हाईटेक कॉलोनी भी इसी मार्ग पर है, जहां हर दिन बड़ी संख्या में विद्यार्थी, महिलाएं, बुजुर्ग और अन्य लोग आते-जाते हैं।

इसके बावजूद, इस मार्ग की हालत इतनी खराब हो चुकी है कि यहां भी गहरे गड्ढे और जलभराव की समस्या ने लोगों की दिनचर्या को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है। नगर पालिका, मुजफ्फरनगर प्रशासन और मुजफ्फरनगर विकास प्राधिकरण सभी की अनदेखी के कारण आम जनता को इन समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इस मार्ग पर कोई विशेष ध्यान नहीं दिया गया, जिससे यहां के नागरिकों को रोजाना गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

रास्तों की खस्ताहाली का कारण

यहां की सड़कों की बदहाली का मुख्य कारण गहरे गड्ढे और जलभराव है। बारिश के मौसम में यह सड़कों का हाल और भी खराब हो जाता है, क्योंकि पानी जमा हो जाता है और गड्ढों में तब्दील हो जाता है, जिससे सड़क पर चलना दूभर हो जाता है। गड्ढों के कारण कई लोग घायल हो चुके हैं और कई वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो चुके हैं, लेकिन इस समस्या का समाधान न तो प्रशासन ने निकाला है और न ही नगर पालिका ने इस ओर ध्यान दिया है।

मुजफ्फरनगर के नागरिकों का कहना है कि जब प्रशासन के पास विकास के लिए बजट होता है, तो वह केवल बड़े प्रोजेक्ट्स पर ही ध्यान देता है, जबकि शहर की जर्जर सड़कों की हालत सुधारने की कोई योजना नहीं बनाई जाती। अधिकारियों का ध्यान इस ओर नहीं जाता और स्थानीय लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। यहां तक कि इस क्षेत्र के स्कूलों और अस्पतालों में भी लोग इस सड़क की खराब हालत के कारण समय पर नहीं पहुंच पा रहे हैं।

मुजफ्फरनगर के नागरिकों की मांग

स्थानीय नागरिकों का कहना है कि प्रशासन को जल्द से जल्द इस सड़क की मरम्मत करनी चाहिए। वे चाहते हैं कि यहां पर गड्ढों को भरने के साथ-साथ सड़क की समुचित नाली व्यवस्था की जाए ताकि जलभराव की समस्या से छुटकारा मिल सके। इसके साथ ही, सड़क के किनारे पर्याप्त संकेतक (sign boards) और लाइटिंग की व्यवस्था भी होनी चाहिए, ताकि दुर्घटनाओं को रोका जा सके।

इसके अलावा, नागरिकों का कहना है कि प्रशासन को इस समस्या पर ध्यान देते हुए एक ठोस योजना बनानी चाहिए, ताकि ऐसी दुर्घटनाओं को कम किया जा सके और शहर की सड़कों की स्थिति सुधारी जा सके। इससे न केवल लोगों का जीवन सुरक्षित होगा, बल्कि शहर में यातायात भी सामान्य रूप से चल सकेगा।

निष्क्रियता के बावजूद नागरिक संघर्ष जारी

मुजफ्फरनगर की सड़कों की खस्ताहाली और प्रशासन की निष्क्रियता के बावजूद स्थानीय नागरिक अपनी आवाज उठा रहे हैं। वे लगातार प्रशासन और नगर पालिका से सड़क के सुधार के लिए अपील कर रहे हैं। इसके अलावा, सोशल मीडिया और अन्य मंचों पर भी लोग इस मुद्दे को उठा रहे हैं, ताकि इस समस्या का हल निकाला जा सके और मुजफ्फरनगर के नागरिकों को राहत मिल सके।

यह सच है कि मुजफ्फरनगर जैसे बड़े शहर में प्रशासन और नगर पालिका की जिम्मेदारी बनती है कि वे शहर की बुनियादी सुविधाओं की ओर ध्यान दें और लोगों के जीवन को सुरक्षित बनाएं। सड़क सुधार की दिशा में अगर तत्काल कदम नहीं उठाए गए, तो यह स्थिति और भी खतरनाक हो सकती है।

आखिरकार, यह साफ है कि मुजफ्फरनगर की सड़कों की खराब हालत ने स्थानीय लोगों की दिनचर्या को मुश्किल बना दिया है। प्रशासन की अनदेखी और नगर पालिका की निष्क्रियता से यह समस्या और बढ़ गई है। अगर अब भी इस ओर ध्यान नहीं दिया गया, तो यह शहर के लिए एक गंभीर संकट बन सकता है। स्थानीय नागरिकों की यह मांग है कि प्रशासन इस दिशा में ठोस कदम उठाए और शहर की सड़कों की स्थिति में सुधार करे।

Dr. S.K. Agarwal

डॉ. एस.के. अग्रवाल न्यूज नेटवर्क के मैनेजिंग एडिटर हैं। वह मीडिया योजना, समाचार प्रचार और समन्वय सहित समग्र प्रबंधन के लिए जिम्मेदार है। उन्हें मीडिया, पत्रकारिता और इवेंट-मीडिया प्रबंधन के क्षेत्र में लगभग 3.5 दशकों से अधिक का व्यापक अनुभव है। वह राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई प्रतिष्ठित समाचार पत्रों, चैनलों और पत्रिकाओं से जुड़े हुए हैं। संपर्क ई.मेल- [email protected]

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