इंसानियत शर्मसार: दो दिन तक सिविल अस्पताल के ब्लड बैंक के बाहर इलाज के लिए तड़पता रहा
पंजाब के लुधियाना स्थित सिविल अस्पताल से इंसानियत को शर्मसार करने वाली तस्वीरें सामने आईं। दो दिन से सिविल अस्पताल के ब्लड बैंक के बाहर व्यक्ति इलाज के लिए तड़पता रहा। मगर किसी ने उसका इलाज तो दूर उसे वहां से उठाना भी मुनासिब नहीं समझा।
दो दिन वहां बीत गए तो लोगों ने विरोध जताया तो पुलिस चौकी सिविल अस्पताल में तैनात मुलाजिम ने अस्पताल प्रशासन से बात की। इसके बाद भी बीमार व्यक्ति को कोई उठाने नहीं आया तो कोरोना वार्ड में तैनात कर्मचारी स्ट्रेचर लेकर आया और उसे इलाज के लिए इमरजेंसी में ले गया, जहां उसकी हालत गंभीर बनी हुई है।
जानकारी के अनुसार मंगलवार से अस्पताल के ब्लड बैंक के बाहर एक बीमार व्यक्ति पड़ा था।बुधवार तक वह व्यक्ति वहीं पड़ा रहा और किसी ने उसे उठाने की हिम्मत नहीं जुटाई।
अस्पताल प्रशासन का हर बड़ा डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ से लेकर सफाई कर्मचारी वहां से गुजरते रहे लेकिन किसी ने उसे उठाने की जहमत नहीं उठाई। अस्पताल में कार्यरत बड़े डॉक्टरों की कार भी वहीं पार्किंग में लगाई जाती है।
बुधवार तक व्यक्ति के शरीर पर कीड़े चलने शुरू हो गए। जिसके बाद लोगों ने विरोध किया तो चौकी मुलाजिम वहां पहुंचा और उसने इसकी जानकारी अस्पताल प्रशासन को दी।
इसके बाद भी कोई नहीं आया तो कोरोना वार्ड में तैनात कर्मचारी स्ट्रेचर लेकर आया और उसे अस्पताल की इमरजेंसी में पहुंचाया। हैरानी है कि अस्पताल प्रशासन गरीबों के इलाज के लाखों दावे करता है लेकिन सच्चाई देख सभी हैरान हैं।
वीडियो बनाने के बजाय मदद करनी चाहिए थी : एसएमओ
इस मामले में सिविल अस्पताल की एसएमओ डॉ. अमरजीत कौर ने बताया कि ऐसा नहीं है कि किसी मुलाजिम ने नहीं देखा होगा। उन्होंने कहा कि जिन इंसानों ने अस्पताल में पड़े मरीज का वीडियो बनाया है
उन्हें वीडियो बनाने के बजाय मरीज की मदद करनी चाहिए थी। उन्हें जब पता चला तो तुरंत मरीज को अस्पताल में शिफ्ट करवा कर इलाज शुरू करवा दिया था।

