Gorakhpur: होटल मैनेजर की सरेआम चाकू से गोदकर हत्या-सिपाहियों के सामने हत्यारोपी लहराता रहा चाकू
मौजूदा समय में अपराध और हिंसा की घटनाओं का विस्तार समाज के लिए गंभीर चिंता का विषय बन चुका है। यह Gorakhpur में हुई हत्या की घटना भी इसी श्रेणी में आती है, जिसने लोगों के मानसिक और सामाजिक संरचना पर गहरा असर डाला है। इस दुर्घटना में हिस्ट्रीशीटर नामक अपराधी ने होटल मैनेजर अजीम को बेनामी चाकूओं से घात कर दी, जिससे समाज में खौफनाक दहशत फैल गई।
हिस्ट्रीशीटर ने अपने साथी के साथ मिलकर होटल मैनेजर की सरेआम चाकू से गोदकर हत्या कर दी है. हैरानी की बात यह है कि मौके पर पहुंचे पीआरपी के सिपाहियों के सामने बेखौफ हत्यारोपी काफी देर तक चाकू लहराता रहा. बाद में मौके पर पहुंची राजघाट पुलिस ने दोनों हत्यारोपियों को हिरासत में लिया है. शहर के राजघाट थाना के तुर्कमानपुर कब्रिस्तान वाली गली में हिस्ट्रीशीटर ने अपने साथी के साथ मैनेजर को दौड़ाया, फिर चाकू से सीने और गले पर कई वार किए.
Gorakhpur पुलिस को राहगीरों ने ही फोन करके जानकारी दी. हत्या के बाद जब पुलिस पहुंची, तब तक हिस्ट्रीशीटर और उसका साथी मौके पर थे. हिस्ट्रीशीटर ने पुलिस के सामने खुदको सरेंडर कर दिया. घटना के पीछे की वजह निकलकर सामने आई है कि होटल मैनेजर से रुपयों के लेनदेन का विवाद था. पुलिस ने क्राइम सीन को सील करके शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा है.
उस्मानपुर के राजघाट इलाके में रहने वाले अजीम विजय चौक खोया मंडी गली स्थित सन प्लाजा होटल में बतौर मैनेजर काम करता था. परिवार के लोगों के मुताबिक, अजीम का तुर्कमानपुर के कबाड़ी शमशेर उर्फ गुड्डू से रुपयों को लेकर काफी दिनों से विवाद चल रहा था. वहीं शाम को अजीम अपने घर से निकलकर होटल जा रहा था. तभी गुड्डू कबाड़ी और मोहम्मद तारिक ने उसे रोक लिया. गुड्डू ने रुपए चुकाने के लिए कहा. अजीम तैयार नहीं था. इस बात पर दोनों के बीच पहले कहासुनी हुई और फिर मारपीट होने लगी. इतने में गुड्डू कबाड़ी और मोहम्मद तारिक ने अजीम पर चाकू से ताबड़तोड़ वार कर दिए.
गर्दन और सीने पर कई घाव होने से अजीम वहीं गिर पड़ा. इसके बाद भी दोनों हमलावर उस पर चाकुओं से तब तक वार करते रहे, जब तक वह मर नहीं गया. लहूलुहान हालत में होने के बाद गुड्डू कबाड़ी मौके से भागा नहीं. लोगों ने इस दौरान पुलिस को फोन कर दिया. पुलिस के पहुंचने पर उसने बेखौफ होकर सरेंडर कर दिया. बता दें दोनों हमलावर पहले से राजघाट थाने के हिस्ट्रीशीटर हैं.
यह घटना बताती है कि अपराधिकता और हिंसा किसी भी समाज में बढ़ रही है और इसके पीछे रूपयों के लेन-देन का विवाद जैसे सामाजिक मुद्दे छिपे हुए हो सकते हैं। इस प्रकार की घटनाएं न केवल व्यक्तिगत स्तर पर बल्कि समाज के नैतिक मूल्यों और न्याय के प्रति भी एक बड़ी सवाल उठाती हैं।
हमारे समाज में ऐसे घटनाओं के पीछे कई गहरे कारण हो सकते हैं, जैसे आर्थिक असहमति, शक्ति का दिखावा, न्याय संबंधी विश्वास की कमी आदि। इन सबके परिणामस्वरूप समाज के सामाजिक संगठन और व्यक्तिगत रिश्तों में असंतुलन उत्पन्न होता है, जिससे न केवल व्यक्ति के जीवन पर बल्कि पूरे समाज पर असर पड़ता है।
इस प्रकार की घटनाओं से हमें सिखना चाहिए कि समाज में सामाजिक सद्भावना, न्याय, और धर्म के प्रति समर्पण होना आवश्यक है। व्यक्तिगत और समाजिक स्तर पर अपराध को रोकने के लिए सख्त कानूनी कार्रवाई के साथ-साथ समाज के सभी सदस्यों की जिम्मेदारी भी होती है। इस प्रकार की घटनाएं न केवल दुखद होती हैं, बल्कि हमें इनसे सीखने और सुधारने की भी प्रेरणा देती हैं।

