Muzaffarnagar के शौरम में सर्वखाप महापंचायत की धूम: टिकैत प्रतिमा अनावरण और 7वें महासम्मेलन को लेकर तैयारियाँ चरम पर
Muzaffarnagar ज़िले के शाहपुर क्षेत्र का ऐतिहासिक गाँव शौरम एक बार फिर चर्चा में है, क्योंकि यहां 16–17 नवंबर को आयोजित होने जा रही सर्वखाप महापंचायत की तैयारियां अपने अंतिम और सबसे सक्रिय चरण में पहुँच गई हैं। कई दशकों पुरानी खाप परंपरा और किसान राजनीति का प्रतीक यह पंचायत इस बार विशेष महत्व रखती है, और यही वजह है कि स्थानीय स्तर से लेकर प्रशासनिक तंत्र तक सभी पूरी तरह सतर्क और मुस्तैद दिखाई दे रहे हैं।
एसडीएम बुढ़ाना अपूर्वा यादव का निरीक्षण—व्यवस्थाओं को समयबद्ध पूर्ण करने के निर्देश
शनिवार को बुढ़ाना की एसडीएम अपूर्वा यादव ने पंचायत स्थल का गहन निरीक्षण किया।
निरीक्षण के दौरान उन्होंने संबंधित विभागों के अधिकारियों को निम्न प्रमुख व्यवस्थाओं को प्राथमिकता से पूरा करने के निर्देश दिए—
सुरक्षा व्यवस्था
पार्किंग ज़ोन
चिकित्सा सुविधा
स्वच्छता प्रबंधन
आगंतुकों की सुविधा
आवागमन मार्ग और बैरिकेडिंग
उन्होंने यह स्पष्ट किया कि भीड़ के बड़े पैमाने पर आने की संभावना को देखते हुए हर व्यवस्था दुरुस्त, सुरक्षित और अनुशासित ढंग से लागू होनी चाहिए।
सर्वखाप पंचायत का 7वां महासम्मेलन—कई कारणों से ऐतिहासिक
इस वर्ष का सर्वखाप महापंचायत का यह 7वां महासम्मेलन कई मायनों में विशेष है।
सबसे प्रमुख आकर्षण है—
भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के संस्थापक चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत की प्रतिमा का अनावरण, जो किसान आंदोलन और ग्रामीण भारत की आवाज़ का प्रतिनिधित्व करते रहे हैं।
यह प्रतिमा भागवत पीठ श्री शुकदेव आश्रम के पीठाधीश्वर स्वामी ओमानंद महाराज द्वारा 16 नवंबर को अनावृत की जाएगी।
इस आयोजन ने न केवल स्थानीय ग्रामीणों बल्कि विभिन्न राज्यों के किसान संगठनों में भी भारी उत्साह भर दिया है।
नरेश टिकैत ने सौंपा औपचारिक निमंत्रण—शुकतीर्थ आश्रम में हुई आधिकारिक मुलाकात
सर्वखाप महापंचायत को प्रतिष्ठित और आध्यात्मिक स्वर देने के लिए, भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं बालियान खाप के मुखिया चौधरी नरेश टिकैत स्वयं शुकतीर्थ स्थित श्री शुकदेव आश्रम पहुँचे।
यहाँ उन्होंने स्वामी ओमानंद महाराज को औपचारिक रूप से महापंचायत में पधारने का निमंत्रण सौंपा।
इस मुलाकात को पंचायत की गरिमा और महत्व के संदर्भ में बड़ा कदम माना जा रहा है, क्योंकि स्वामी ओमानंद महाराज का आगमन कार्यक्रम की प्रतिष्ठा को और ऊँचाई देगा।
मंच, पंडाल, भोजन एवं सुरक्षा—तैयारियों का महासंगम अंतिम चरण में
शौरम में पंचायत स्थल पर इन दिनों एक मेले जैसा माहौल देखने को मिल रहा है।
तैयारियों में शामिल मुख्य बिंदु—
विशाल पंडालों की स्थापना
स्टेज की मजबूती और चौतरफा सुरक्षा
हजारों लोगों के बैठने की अलग-अलग व्यवस्थाएँ
भोजन प्रसाद के लिए अलग सेक्शन
आवागमन मार्ग सुगम बनाने के लिए मार्ग-चिह्न और बैरिकेडिंग
वाहनों के लिए विशेष पार्किंग जोन
स्थानीय संगठन, पंचायत कमेटी, किसान समूह और विभिन्न खाप संगठनों के प्रतिनिधि पूरी गंभीरता के साथ तैयारियों में भाग ले रहे हैं।
सरकारी और स्थानीय समन्वय—भीड़ नियंत्रण और कानून व्यवस्था पर विशेष निगरानी
चूंकि इस बार महापंचायत में बड़ी संख्या में लोगों के पहुँचने की संभावना है, इसलिए प्रशासन ने भी भीड़ नियंत्रण, ट्रैफिक व्यवस्था, और कानून-व्यवस्था को लेकर विशेष प्लान तैयार किया है।
एसडीएम के निर्देश पर—
स्वास्थ्य विभाग की टीम
पुलिस फोर्स
फायर ब्रिगेड
सफाई एवं आपदा प्रबंधन दल
स्टैंडबाय मोड में रहेंगे।
अधिकारियों ने बताया कि सड़क दुर्घटनाओं, भीड़ प्रबंधन या आपात स्थितियों से बचने के लिए आवश्यक संसाधन पहले से उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
ग्रामीणों और किसान संगठनों में उत्साह—शौरम में ऐतिहासिक जनसमूह की उम्मीद
शौरम, शाहपुर, बुढ़ाना, भोपा, कुटेसरा, सोरम, खाईखेड़ी सहित कई गाँवों में इस महापंचायत को लेकर भारी उत्साह है।
किसान संगठनों ने बताया कि—
खापों की यह संयुक्त पंचायत सामाजिक, कृषि और लोक-सरोकारों को एक आवाज़ देगी
टिकैत परिवार की विरासत को नई पहचान मिलेगी
कई सामाजिक मुद्दों पर जनमत का बड़ा मंच तैयार होगा
ग्रामीणों से लेकर युवा किसानों तक, सभी इस आयोजन को ऐतिहासिक मानते हुए बड़े स्तर पर इसकी तैयारियों में योगदान दे रहे हैं।
“sarvakhap mahapanchayat Muzaffarnagar” के राजनीतिक और सामाजिक मायने
यह सर्वखाप महापंचायत सिर्फ सांस्कृतिक या कृषक आयोजन नहीं, बल्कि व्यापक सामाजिक-पहल का भी प्रतीक है।
विशेषज्ञों का मानना है कि—
किसान नेतृत्व में एक बार फिर संगठित माहौल बनेगा
आने वाले समय में किसान हितों और सामाजिक मुद्दों पर नई दिशा तय हो सकती है
खापों की एकता और पुरानी परंपराओं की शक्ति नए सिरे से जगाई जाएगी
चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत की प्रतिमा अनावरण इसे और भावनात्मक आयाम देता है, जिससे महापंचायत की प्रतिष्ठा कई गुना बढ़ गई है।

